Edited By jyoti choudhary,Updated: 07 Sep, 2018 04:26 PM
हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लि. (एचयूआरएल) को फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन आफ इंडिया (एफसीआईएल) की गोरखपुर और सिंदरी इकाइयों तथा हिंदुस्तान र्फिटलाइजर कॉरपोरेशन लि.(एचएफसीएल) की बरौनी इकाई के पुनरोद्धार के लिए पट्टे पर जमीन मिली है।
नई दिल्लीः हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लि. (एचयूआरएल) को फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन आफ इंडिया (एफसीआईएल) की गोरखपुर और सिंदरी इकाइयों तथा हिंदुस्तान र्फिटलाइजर कॉरपोरेशन लि.(एचएफसीएल) की बरौनी इकाई के पुनरोद्धार के लिए पट्टे पर जमीन मिली है। यह पट्टा 55 साल के लिए है। इस बारे में भूमि करार और रियायती समझौता एचयूआरएल ने उर्वरक सचिव भारती शिवस्वामी सिहाग और एफसीआईएल तथा एचएफसीएल के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में किया।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि करार के तहत एफसीआईएल और एचएफसीएल ने एचयूआरएल को 55 साल के लिए जमीन पट्टे पर दी है। तीनों इकाइयों के पुनरोद्धार से देश में यूरिया का उत्पादन बढ़ाया जा सकेगा। तीनों इकाइयां फिलहाल क्रियान्वयन के तहत हैं और इनके 2021 की शुरूआत में चालू होने की उम्मीद है।
एचयूआरएल का गठन उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, झारखंड के सिंदरी तथा बिहार के बरौनी में उर्वरक पुनरोद्धार परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए किया गया था। यह एनटीपीसी, इंडियन आयल कॉरपोरेशन (आईओसी), फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन आफ इंडिया लि. (एफसीआईएल) और हिंदुस्तान फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन लि. का संयुक्त उद्यम है। इन तीनों इकाइयों के पुनरोद्धार से उर्वरक क्षेत्र में उल्लेखनीय निवेश सुनिश्चित हो सकेगा। इससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे तथा पूर्वी क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को भी प्रोत्साहन मिलेगा।