Edited By ,Updated: 08 Jun, 2016 12:32 PM
अमेरिका पर हुए 9/11 आतंकी हमले को कोई नहीं भुला सकता। इस हमले में कितने ही लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी।
वॉशिंगटन: अमेरिका पर हुए 9/11 आतंकी हमले को कोई नहीं भुला सकता। इस हमले में कितने ही लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। इस हमले के बाद ग्राउंड जीरो पर रेस्क्यू मिशन में 300 डॉग शामिल किए गए थे जिनमें से 299 डॉग की कैंसर व अन्य बीमारियों की चपेट में आने के कारण पहले ही मौत हो चुकी है। वहीं सोमवार को आखिरी डॉग (16 साल की गोल्डन रिट्रीवर ब्रिटैगनी) को किडनी फेल होने की वजह से इच्छामृत्यु दे दी गई।
इच्छामृत्यु देने से पहले ब्रिटैगनी को फायर फाइटिंग विभाग व टैक्सास टास्क फोर्स के कर्मचारियों ने गुडबाय सैल्यूट किया। उसके शव को अमेरिकी झंडे में लपेटकर हॉस्पिटल ले जाया गया। जहां यह जांचा जाएगा कि 9/11 हमले के दौरान काम करने का उसके शरीर पर क्या असर पड़ा। वहीं अधिकारियों के मुताबिक ब्रिटैगनी मात्र दो साल की थी जब उसने रेस्क्यू ऑपरेशन में हिस्सा लिया, तब उसने 12-12 घंटे काम किया। उसने मलबे से सैकड़ों शव निकलवाए। इसके लिए उसे के9 रैंक मिली थी।
ब्रिटैगनी ने समुद्री तूफान कैटरीना, रीटा और ईवान के दौरान भी रेस्क्यू का काम किया। 9 साल की उम्र में उसे रेस्क्यू जॉब से रिटायरमैंट दी गई। ब्रिटैगनी की मालकिन डेनिस ने बताया कि उसकी किडनी फेल हो गई थी। तीन दिन से खाना-पीना छोड़ दिया था। डेनिस ने कहा कि वह हीरो थी और उसने बड़ी बहादुरी से सारे रेस्क्यू किए थे, उसे तड़पता हुआ नहीं देख सकते थे इसलिए उसे इच्छामृत्यु दे दी गई।