Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Sep, 2017 11:19 AM
बचपन में अमरीका में अवैध रूप से आए प्रवासियों को वर्क परमिट देने वाले एमनैस्टी कार्यक्रम (डी.ए.सी.ए.) को निरस्त
वाशिंगटन: बचपन में अमरीका में अवैध रूप से आए प्रवासियों को वर्क परमिट देने वाले एमनैस्टी कार्यक्रम (डी.ए.सी.ए.) को निरस्त करने के लिए अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारी आलोचना हो रही है। भारतीय मूल के अमरीकी सांसदों ने ट्रंप के इस कदम की निंदा करते हुए कहा कि यह फैसला ‘विनाशकारी’ है। डी.ए.सी.ए. के तहत आने वाले युवा प्रवासियों को ‘ड्रीमर्स’ कहकर पुकारा जा रहा है।
ट्रंप के कदम को निर्दयी और अमानवीय बताते हुए 5 भारतीय-अमरीकियों ने अलग-अलग बयान जारी करते हुए घोषणा की कि वे अमरीकी राष्ट्रपति के फैसले के खिलाफ लड़ेंगे। डैमोक्रेटिक सांसद कमला हैरिस ने कहा, ‘‘इस फैसले के परिणाम विनाशकारी होंगे। यह परिवारों को तोड़ देगा। युवा लोगों को उन देशों में वापस लौटने पर मजबूर करेगा जिन्हें वे जानते ही नहीं हैं। इससे हमारी अर्थव्यवस्था को अरबों डॉलर का नुक्सान होगा। यह निर्दयी तरीके से लिया गया फैसला है।’’
डैमोक्रेटिक सांसद प्रमिला ने कहा कि उनके भविष्यों से खेलकर और अपने ‘बड़े दिल’ की बात करके उनकी उम्मीदें जगाने वाले डोनाल्ड ट्रंप ने दिखा दिया है कि उनकी प्राथमिकताएं क्या हैं? उन्होंने एक बार फिर घृणा, विदेशियों से डर का पक्ष लिया है। उनका उक्त फैसला निर्दयी, अमानवीय और अन्यायपूर्ण है।’’ प्रमिला ने सत्ता और विपक्ष दोनों से ही मांग की कि वे ‘ड्रीमर्स’ की सुरक्षा करने वाला विधेयक तत्काल पारित करने के लिए एक साथ खड़े हों।
कांग्रेस सदस्य राजा कृष्णमूर्ति ने भी ट्रंप के फैसले की आलोचना करते हुए इसे ‘निर्दयी’ बताया। कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘‘इस घोषणा से राष्ट्रपति ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह ड्रीमर्स को सुरक्षा देने से इन्कार करते हैं। ऐसे में अब कांग्रेस को यह काम करना चाहिए। प्रशासन की क्रूर नीति में डी.ए.सी.ए. कार्यक्रम को 6 माह में चरणबद्ध तरीके से हटाना शामिल है। कांग्रेस को विधायक पारित करना चाहिए, जो इस कार्यक्रम को विस्तार देता हो और ‘ड्रीमर्स’ को सुरक्षा देता हो। कांग्रेस सदस्य एमी बेरा और रो खन्ना ने भी इस घोषणा का विरोध किया।