Edited By ,Updated: 07 Sep, 2016 06:38 PM
वैज्ञानिकों का कहना है कि आंखे जीका विषाणु (वायरस) के लिए संग्रह स्थान का काम कर सकती हैं और इस खोज ने इस संभावना को बढ़ाया है
वाशिंगटन: वैज्ञानिकों का कहना है कि आंखे जीका विषाणु (वायरस) के लिए संग्रह स्थान का काम कर सकती हैं और इस खोज ने इस संभावना को बढ़ाया है कि जीका का संक्रमण आंसुओं के जरिए फैल सकता है। उन्होंने संक्रमित चूहे की आंखों और आंसुओं में इस वायरस का साक्ष्य पाया है। इन वैज्ञानिकों में भारतीय मूल का एक वैज्ञानिक भी शामिल है।
भू्रण में मस्तिष्क को नुक्सान पहुंचा सकता है जीका
जीका वायरस से ज्यादातर वयस्कों में हल्का रोग हो सकता है लेकिन यह भू्रण में मस्तिष्क को नुक्सान पहुंचा सकता है और उसकी जान तक ले सकता है। गर्भाशय में जीका से संक्रमित करीब एक तिहाई शिशुओं में आंख का रोग देखा गया, जैसे कि आंखों की नसों में जलन होना, जन्म के बाद रेटिना को नुकसान पहुंचना या दृष्टिहीनता। जीका से वयस्कों की आंखों का लाल होना और उसमें जलन भी हो सकती है। वाशिंगटन यूनीवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसीन के प्रोफेसर माइकल एस डायमंड ने कहा, ‘‘हमारे अध्ययन से पता चला है कि आंखों जीका वायरस के लिए संग्रह स्थान हो सकता है।’’