‘केंद्र सरकार का 2021-22 का बजट’‘सत्ता पक्ष द्वारा प्रशंसा, विपक्ष द्वारा आलोचना’

Edited By ,Updated: 02 Feb, 2021 03:41 AM

2021 22 budget of central government  praised by the power side

सोमवार 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2021-22 का बजट पेश किया। यह उनके द्वारा पेश किया गया तीसरा बजट था। पिछले वर्ष उन्होंने ब्रीफकेस की परम्परा का त्याग करते हुए लाल कपड़े में लिपटे बही-खाते वाला बजट पेश किया था। इस वर्ष उन्होंने

सोमवार 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2021-22 का बजट पेश किया। यह उनके द्वारा पेश किया गया तीसरा बजट था। पिछले वर्ष उन्होंने ब्रीफकेस की परम्परा का त्याग करते हुए लाल कपड़े में लिपटे बही-खाते वाला बजट पेश किया था। इस वर्ष उन्होंने टैब की सहायता से ‘पेपरलैस’ बजट पेश किया व सांसदों को बजट की छपी हुई प्रतियां नहीं दी गईं। श्रीमती सीतारमण ने बजट पेश करने से पहले कहा,‘‘देश ने पहली बार कोरोना के रूप में इस तरह की महामारी को झेला जिससे विश्व भर में अर्थव्यवस्था को भारी आघात लगा है। यदि प्रधानमंत्री लॉकडाऊन नहीं करते तो इससे मौतों की संख्या अधिक हो सकती थी।’’ 

‘‘लॉकडाऊन घोषित करने के 48 घंटों के भीतर ही प्रधानमंत्री ने ‘गरीब कल्याण योजना’ के जरिए करोड़ों लोगों को राहत पहुंचाने के लिए 40 करोड़ रुपए लोगों के खाते में डाले व 80 करोड़ लोगों को राशन उपलब्ध करवाया। प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत पैकेज’ के अंतर्गत कुल 27.1 लाख करोड़ रुपए की मदद जारी की गई।’’ वित्त मंत्री की मुख्य बजट घोषणाएं निम्र हैं :

* ‘आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना’ के लिए 64,180 करोड़ रुपए। 
* स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत 2,87,000 करोड़ रुपए।
* स्वास्थ्य बजट 94,000 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 2.24 लाख करोड़ रुपए किया तथा कोरोना वैक्सीन के लिए 35,000 करोड़ रुपए रखे गए हैं। 
* विभिन्न क्षेत्रों के लिए मैगा इनवैस्टमैंट योजनाएं लागू की जाएंगी। 

* रोड इंफ्रास्ट्रक्चर हेतु इस वर्ष 1.28 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान है।
* रेलवे को 1.10 लाख करोड़ दिए गए हैं। देश में बिजली चालित रेलगाडिय़ों की संख्या, मैट्रो तथा सिटी सॢवस बढ़ाई जाएगी।  
* बिजली के क्षेत्र में 3 लाख करोड़ रुपए की योजना शुरू की जाएगी और अनेक परियोजनाएं पी.पी.पी. माडल के अंतर्गत पूरी की जाएंगी। 
* बीमा तथा बैंकिंग क्षेत्र में एफ.डी.आई. 49 प्रतिशत से बढ़ा कर 74 प्रतिशत कर दी गई है। एल.आई.सी. का आई.पी.ओ. लाया जाएगा और आम लोग भी इसके शेयर खरीद सकेंगे। 
* किसानों की आय दुगुनी करने का लक्ष्य है और कृषि के लिए ऋण का लक्ष्य बढ़ाकर 16.5 लाख करोड़ रुपए तक किया जा रहा है।
* 1 प्रतिशत स्टार्टअप कम्पनियों को बिना रोकटोक मंजूरी। 

* परिवहन व इंफ्रास्ट्रक्चर सैक्टर के लिए 1.97 लाख करोड़ रुपए। 
* स्टार्टअप को टैक्स में दी गई शुरूआती छूट 31 मार्च, 2022 तक बढ़ा दी गई है और एन.आर.आई. को डबल टैक्स सिस्टम से छूट दी जा रही है।
* टैक्स विवाद निवारण कमेटी बनाई जाएगी जिसमें 50 लाख रुपए तक की आय और 10 लाख रुपए तक की विवादित आय वाले लोग जा सकेंगे। 
* वरिष्ठ नागरिकों के लिए पैंशन और बैंकों से मिलने वाले ब्याज पर आयकर राहत दी गई है। उन्हें आयकर रिटर्न भी नहीं भरनी होगी। 
* प्रावीडैंट फंड में 2.50 लाख रुपए से अधिक के अंशदान पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स देना होगा। 
* मोबाइल उपकरणों पर कस्टम ड्यूटी 2.5 प्रतिशत बढ़ाई गई। 

* ताम्बे, स्टील, सोना व चांदी पर कस्टम ड्यूटी घटाने से ये सस्ते होंगे। 
* विदेशी शराब पर 100 प्रतिशत ‘सैस’ लगाया गया है।
* आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
* सस्ते घर खरीदने वालों को ब्याज में 1 लाख रुपए की अतिरिक्त छूट की अवधि एक साल बढ़ाकर मार्च 2022 तक कर दी गई है। 

वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में किए गए सभी वादे आत्मनिर्भरता के विजन के अनुरूप हैं। जहां सत्तारूढ़ पक्ष के सदस्यों ने इस बजट की खुले दिल से तारीफ की है तथा इसे विकासोन्मुखी बजट बताया है, वहीं विरोधी दलों ने इसकी भारी आलोचना की है। 

राहुल गांधी के अनुसार, ‘‘सरकार की योजना भारत की सम्पत्तियों को अपने पूंजीपति मित्रों को सौंपने की है। सरकार लोगों के हाथों में पैसे देने के बारे में भूल गई है।’’ ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘यह किसान विरोधी, जनविरोधी और देश विरोधी धोखा देने वाला बजट है। सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम से लेकर सरकारी बीमा कम्पनियों तक सब कुछ बेच रही है।’’अरविंद केजरीवाल बोले, ‘‘यह चंद बड़ी कम्पनियों को लाभ पहुंचाने वाला बजट है जो महंगाई तथा आम लोगों की समस्याएं बढ़ाने वाला साबित होगा।’’माकपा नेता सीताराम येचुरी के अनुसार,‘‘यह पूंजीपतियों का बजट है।’’ 

शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी का कहना है,‘‘बजट में नौकरीपेशा लोगों के लिए कोई राहत नहीं है। महिलाओं व डिजीटल डिवाइड की वजह से अपनी पढ़ाई छोडऩे को मजबूर बच्चों के लिए भी कुछ नहीं किया गया।’’ बहरहाल, उम्मीद की जा रही थी कि इस बजट में मध्यम वर्ग को कोई बड़ी राहत मिलेगी परंतु सिवाय होम लोन के ब्याज में राहत के उसके हाथ खाली ही रहे व आयकर दाताओं को भी कोई राहत नहीं मिल पाई। अत: आवश्यकता इस बात की है कि बजट में किए गए वादे जल्द से जल्द पूरे किए जाएं ताकि मेहनत से तैयार किए गए इस बजट के फल आम लोगों तक पहुंचने से उन्हें कुछ राहत मिल सके।—विजय कुमार 

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