विवादास्पद बयान देकर चंद भाजपा नेता बिगाड़ रहे माहौल

Edited By Pardeep,Updated: 07 Jun, 2018 02:55 AM

a few bjp leaders are spoiling the atmosphere by giving a controversial statement

आज एक ओर देश में लाकानूनी, अपराधों, उपद्रवों आदि के कारण वातावरण अशांत हो रहा है तो दूसरी ओर समाज के पथ प्रदर्शक कहे जाने वाले हमारे जन प्रतिनिधि बिना सोचे-विचारे विवादास्पद बयान देकर देश का माहौल बिगाड़ रहे हैं। मात्र पिछले 10 दिनों में भाजपा...

आज एक ओर देश में लाकानूनी, अपराधों, उपद्रवों आदि के कारण वातावरण अशांत हो रहा है तो दूसरी ओर समाज के पथ प्रदर्शक कहे जाने वाले हमारे जन प्रतिनिधि बिना सोचे-विचारे विवादास्पद बयान देकर देश का माहौल बिगाड़ रहे हैं। मात्र पिछले 10 दिनों में भाजपा नेताओं के 3 ऐसे बयान आए हैं जिनसे अनावश्यक विवाद पैदा हो रहे हैं : 

27 मई को राजस्थान के अलवर से भाजपा विधायक ज्ञान देव आहूजा ने अजीबोगरीब बयान देते हुए दावा किया कि, ‘‘भगवान हनुमान दुनिया के पहले आदिवासी थे। देश के आदिवासी इनकी बड़े सम्मान के साथ पूजा करते हैं क्योंकि उन्होंने आदिवासियों को एकत्रित करके एक सेना बनाई थी जिसे भगवान राम ने खुद प्रशिक्षित किया और युद्ध की कला सिखाई।’’ 

30-31 मई को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा लखनऊ में एक समारोह में मुख्यातिथि के रूप में बोलते हुए सीता जी के जन्म को ‘टैस्ट ट्यूब तकनीक’ से जोड़ कर घिर गए। उन्होंने यह कह कर विवाद उत्पन्न कर दिया कि, ‘‘राजा जनक ने हल चलाया जो एक घड़े से टकराया। घड़े से एक बच्ची निकली और वही बच्ची सीता जी बनीं। यह तकनीक आज की टैस्ट ट्यूब बेबी तकनीक जैसी रही होगी तथा जरूर उस समय भी टैस्ट ट्यूब बेबी जैसा कोई प्रोजैक्ट चल रहा होगा।’’ 

उत्तर प्रदेश के भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने तो शर्मा के उक्त बयान का समर्थन किया है परंतु अन्य लोगों ने इसकी आलोचना ही की है। पार्टी के महासचिव भूपेंद्र यादव ने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के निर्देश पर शर्मा से फोन पर बात करके उनके बयान पर कड़ी आपत्ति भी जताई है। इसी प्रकार कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुर्जेवाला ने ट्वीट किया है कि, ‘‘आदरणीय भाजपाइयो, सीता मां को तो अपनी राजनीति का कोपभाजन मत बनाइए। पहले तो संसद में सीता मां का अस्तित्व नकार रहे हैं और अब झूठी रामायण पढ़ा रहे हैं। यह देशवासियों की आस्था का मजाक है।’’ 

उक्त दोनों बयानों के अलावा 30 मई को ही राजस्थान में बिलारा के भाजपा विधायक अर्जुन लाल गर्ग का एक बयान सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है जिसमें उन्होंने लोगों को नशीले पदार्थों की तस्करी छोड़ कर इसके स्थान पर सोने की तस्करी करने की सलाह दे दी है। इस वीडियो में गर्ग यह कहते सुनाई दे रहे हैं, ‘‘नशीले पदार्थों की तस्करी में पकड़े जाने के मुकाबले सोने की तस्करी करते हुए पकड़े जाने की स्थिति में जेल से जमानत पर बाहर निकलना आसान है...यही नहीं, सोने की तस्करी में गिरफ्तार होना गर्व की बात होगी।’’ ‘देवासी समुदाय’ के सदस्यों को संबोधित करते हुए उन्होंने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि जोधपुर जेल में नशीली दवा रोधक कानून (एन.डी.पी.एस.) के अंतर्गत बंद लोगों में बड़ी संख्या ‘देवासियों’ की है। 

गर्ग ने कहा, ‘‘देवासी समुदाय ने नशीले पदार्थों के व्यापार में अन्य समुदायों का रिकार्ड तोड़ दिया है। यदि आप वास्तव में कोई अवैध धंधा करना चाहते हैं तो सोने की तस्करी कीजिए। दोनों की कीमतें एक जैसी हैं पर नशों के धंधे की तुलना में सोने का धंधा करना सुरक्षित है।’’ बताया जाता है कि यह वीडियो 7 मई को बिलारा के जयंता वास गांव में एक मंदिर में आयोजित समारोह में रिकार्ड किया गया था। देवासी समुदाय के सदस्यों ने इस पर आश्चर्य व्यक्त किया है तथा रायका महासभा के जिला सचिव सुखदेव देवासी ने इस पर कहा है कि ‘‘मैं इस बात को नहीं मान सकता कि जोधपुर जेल में बंद कैदियों में बड़ी संख्या देवासियों की है और तस्करी किसी भी चीज की हो यह एक अपराध है।’’ 

हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत वर्ष पार्टी सांसदों और विधायकों को बिना सोचे-समझे बयान जारी न करने की नसीहत दी थी और इस वर्ष 22 अप्रैल को भी उन्होंने यही नसीहत दोहराई परंतु लगता है कि भाजपा के नेताओं पर उनकी नसीहत का कोई असर नहीं हुआ। ऐसे बड़बोले नेता लगातार विवादास्पद बयान देकर पार्टी के लिए दुविधापूर्ण स्थिति पैदा कर रहे हैं व इसकी छवि धूमिल कर रहे हैं।—विजय कुमार  

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