Edited By ,Updated: 15 Aug, 2019 12:05 AM
आज 15 अगस्त है और हम अपनी स्वतंत्रता के 73वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। आज का यह दिन हम ऐसे वातावरण में मना रहे हैं जब देश में आतंकी हमलों संबंधी अलर्ट जारी हैं। अपने अब तक के सफर पर जब हम नजर डालते हैं...
आज 15 अगस्त है और हम अपनी स्वतंत्रता के 73वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। आज का यह दिन हम ऐसे वातावरण में मना रहे हैं जब देश में आतंकी हमलों संबंधी अलर्ट जारी हैं। अपने अब तक के सफर पर जब हम नजर डालते हैं तो देखते हैं कि हमने अनेक क्षेत्रों में तरक्की की है। हमने खाद्यान्नों में आत्मनिर्भरता प्राप्त की है। घर-घर में मोटरसाइकिल, एयरकंडीशनर, कम्प्यूटर, टैलीविजन और जेबों में मोबाइल फोन पहुंच गए हैं और देश में कारों की संख्या बढ़ी है।
हमारे यहां कम्प्यूटर क्रांति आई और विज्ञान एवं संचार प्रौद्योगिकी में भारत का विश्व में दबदबा बना है। विदेशों में जा बसने वाले भारतीयों की संख्या भी बढ़ रही है और हमारे बच्चे भी उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए लगातार विदेशों की ओर जा रहे हैं। इस वर्ष 30 मई को भाजपा सरकार ने अपनी दूसरी पारी की शुरूआत करते ही विदेशों से संबंध मजबूत करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाने के अलावा कुछ महत्वपूर्ण एवं साहसिक सुधारवादी निर्णय लिए हैं।
22 जुलाई को भारत ने अपना उपग्रह चंद्रयान-2 प्रक्षेपित किया जो 6 से 8 सितम्बर के बीच चांद के दक्षिणी धु्रव पर पहुंच कर चंद्रलोक से संबंधित विभिन्न अनुसंधान कार्य करेगा। 14 अगस्त को चंद्रयान-2 धरती की कक्षा को छोड़ कर चंद्र पथ की ओर रवाना हो गया है। 30 जुलाई को सरकार ने तीन तलाक उन्मूलन विधेयक राज्यसभा में पारित करवा के मुस्लिम बहनों को ‘तत्काल तलाक’ की लानत से मुक्ति दिलाने की ओर कदम बढ़ाया। इससे उन्हें ‘हलाला’ जैसी परम्परा से छुटकारा मिलेगा और उनका वैवाहिक जीवन भी अन्य महिलाओं जैसा हो जाएगा।
5 अगस्त को सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 और उसे मजबूती देने वाला अनुच्छेद 35/ए समाप्त करने का साहसिक पग उठाया और जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख का पुनर्गठन कर इन्हें दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाने की घोषणा की जिससे वहां विकास की गति तीव्र होगी।हालांकि पूर्व प्रधानमंत्री पं. नेहरू ने कहा था कि अनुच्छेद 370 समय के साथ-साथ अपने आप समाप्त हो जाएगा परन्तु और प्रतीक्षा न करते हुए भाजपा सरकार ने इसे समाप्त कर जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय को न सिर्फ सुदृढ़ किया है बल्कि जम्मू-कश्मीर में सुख, समृद्धि और शांति का नया अध्याय खोल दिया है।
कश्मीर एक ‘जन्नत’ है जिसे पाकिस्तान की शह पर आतंकवादियों और अलगाववादियों ने ‘जहन्नुम’ में बदल दिया था और अनुच्छेद 370 के समाप्त होने के बाद धरती का यह स्वर्ग एक बार फिर पर्यटकों से भर जाएगा। इन उपलब्धियों के साथ ही नकारात्मक पहलुओं की भी कमी नहीं। आज भी देश में बड़ी संख्या में लोगों को सस्ती व स्तरीय शिक्षा तथा चिकित्सा सुविधा नहीं मिल रही। लोग स्वच्छ पानी और लगातार बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं और आर्थिक बोझ तले दबे किसान लगातार आत्महत्याएं कर रहे हैं।
देश में कानून व्यवस्था का भट्ठा बैठा हुआ है। मासूम बच्चियों और वृद्धाओं तक से बलात्कार हो रहे हैं। थानों पर हमले हो रहे हैं। माओवादियों व अन्य समाज विरोधी तत्वों की विध्वंसक गतिविधियां पहले की तरह ही जारी हैं। देश की जी.डी.पी. 3 वर्षों से लगातार गिर रही है। 2016-17 में यह 8.2 प्रतिशत प्रतिवर्ष थी जो 2018-19 में घट कर 6.8 प्रतिशत रह गई है।
इससे लोगों की आमदनी पर बुरा असर पड़ा है। देश में बेरोजगारी 45 वर्षों के सर्वोच्च स्तर पर है। प्रापर्टी के धंधे में भी भारी मंदी व्याप्त है। जुलाई महीने में देश में वाहनों की बिक्री में 18.71 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई जो पिछले 19 वर्षों में आटो सैक्टर में सबसे बड़ी गिरावट है और इसके चलते देश में कम से कम 13 लाख से अधिक लोगों को नौकरी गंवानी पड़ी, जिनमें से करीब 11 लाख नौकरियां कलपुर्जे बनाने वाली कम्पनियों में समाप्त हुई हैं, जबकि देश पहले ही बेरोजगारी से त्रस्त है।
इन सबके अलावा देश के अनेक राज्यों केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, असम और बिहार आदि में भारी वर्षा और बाढ़ के परिणामस्वरूप लगभग 500 लोगों की मृत्यु के अलावा करोड़ों रुपए की सम्पत्ति नष्ट हुई है। इस तरहकी परिस्थितियों में आशा करनी चाहिए कि आने वाले वर्षों में हमें प्रकृति और मानव निर्मित समस्याओं से मुक्ति मिलेगी और हम आज से भी बेहतर भविष्य की ओर बढ़ेंगे। —विजय कुमार