विपक्ष की कमरतोड़ पराजय के बाद दलों में अंतर्कलह की स्थिति बढ़ी

Edited By ,Updated: 31 May, 2019 02:14 AM

after defeat of the opposition situation of intervals increased in the parties

चुनावों में भाजपा तथा सहयोगी दलों की प्रचंड विजय के बाद धराशायी हुई कांग्रेस सहित अन्य सभी विरोधी दलों में हाहाकार मचा हुआ है और सभी हार के कारणों पर ङ्क्षचतन-मनन करने में जुटे हैं। कांग्रेस में पार्टी पद से त्यागपत्रों की झड़ी के बीच 26 मई को राहुल...

चुनावों में भाजपा तथा सहयोगी दलों की प्रचंड विजय के बाद धराशायी हुई कांग्रेस सहित अन्य सभी विरोधी दलों में हाहाकार मचा हुआ है और सभी हार के कारणों पर चिंतन-मनन करने में जुटे हैं। कांग्रेस में पार्टी पद से त्यागपत्रों की झड़ी के बीच 26 मई को राहुल गांधी ने कांग्रेस की भारी हार के लिए इसके वरिष्ठï नेताओं के पुत्रमोह को उत्तरदायी ठहराया और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, राजस्थान के अशोक गहलोत व पूर्व केंद्रीय मंत्री चिदम्बरम से नाराजगी व्यक्त की। 

इसी प्रकार कांग्रेस कार्यसमिति की 28 मई को हुई समीक्षा बैठक में पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने कुछ नेताओं पर गुस्सा उतारते हुए कहा कि ‘‘कांग्रेस के हत्यारे तो इसी कमरे में बैठे हैं।’’ चुनावों में हार के बाद राजस्थान के उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट के समर्थक विधायकों के अलावा बसपा के विधायक भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से नाराज चल रहे हैं तथा कृषि मंत्री लाल चंद कटारिया ने तो पद से त्यागपत्र देने की पेशकश भी कर दी है। 

मध्य प्रदेश में भी कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। वहां बसपा की एकमात्र विधायक रमा बाई ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस सरकार से समर्थन वापस लेने के बदले में भाजपा वाले उन्हें ही नहीं बल्कि अन्य कांग्रेस विधायकों को 50-60 करोड़ रुपए देने का प्रलोभन दे रहे हैं। उधर दक्षिण भारत में जद (एस) और कांग्रेस के गठबंधन वाली कर्नाटक सरकार पर भी संकट गहराता दिखाई दे रहा है। 

वहां मुख्यमंत्री कुमारस्वामी और उपमुख्यमंत्री जी. परमेश्वर (कांग्रेस) के मध्य मतभेद के समाचारों के बीच कांग्रेस के 2 प्रमुख नेताओं ने भाजपा नेता आर. अशोक से गुप्त भेंट की है। इन चुनावों में नवजोत सिंह सिद्धू की भूमिका को लेकर पंजाब की कांग्रेस सरकार में तनाव बना हुआ है। मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह ने उनके बयानों को अनुशासनहीनता बताते हुए पार्टी आलाकमान को इस बारे फैसला करने को कहा है। सिद्धू को मंत्रिमंडल से हटाए जाने की चर्चा भी सुनाई दे रही है। 

नवजोत सिंह सिद्धू ने कैप्टन अमरेंद्र सिंह पर पलटवार करते हुए कहा है कि कुछ लोग उन्हें पार्टी से निकालना चाहते हैं तथा उन्हें अनुचित तरीके से पार्टी की हार के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। बंगाल भी इसी राजनीतिक उथल-पुथल से अछूता नहीं है। पिछले मात्र 3 दिनों में तृणमूल कांग्रेस के 3 विधायक और 50 पार्षद भाजपा में शामिल हो चुके हैं और भाजपा सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि अभी और तृणमूल विधायक पार्टी छोड़ेंगे। कुल मिलाकर श्री नरेंद्र मोदी द्वारा दूसरी बार प्रधानमंत्री पद  की शपथ लेने के दिन विरोधी दलों की स्थिति ऐसी बन गई है और भविष्य में ये अपनी क्या रणनीति तय करते हैं यह समय ही बताएगा।—विजय कुमार 

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