Edited By ,Updated: 02 Dec, 2022 04:28 AM
वर्ष 2020 की तुलना में 2021 में देश में साइबर अपराधों की संख्या 5 प्रतिशत बढ़कर 52,974 हो गई और यह लगातार बढ़ती ही जा रही है। साइबर अपराधों का नवीनतम शिकार नई दिल्ली स्थित देश का सबसे बड़ा
वर्ष 2020 की तुलना में 2021 में देश में साइबर अपराधों की संख्या 5 प्रतिशत बढ़कर 52,974 हो गई और यह लगातार बढ़ती ही जा रही है। साइबर अपराधों का नवीनतम शिकार नई दिल्ली स्थित देश का सबसे बड़ा चिकित्सा संस्थान ‘अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान’ (एम्स) बना है। इसके सर्वर को 23 नवम्बर को हैक कर लिए जाने के कारण वहां डिजिटल सेवाएं ठप्प हो गईं और 30 नवम्बर तक लगातार 8वें दिन ठप्प रहने के बाद 1 दिसम्बर को भी इसे पूरी तरह बहाल नहीं किया जा सका।
यह साइबर हमला चीन या उत्तर कोरियाई हैकरों द्वारा किए जाने की आशंका है और कथित रूप से हैकरों ने फिरौती के तौर पर ‘क्रिप्टो करंसी’ के रूप में 200 करोड़ रु. की मांग भी की है। यह देश में सबसे बड़े साइबर हमलों में से एक बताया जाता है। इसमें 4 से 5 करोड़ रोगियों का डाटा था। इससे रोगियों, उनके परिवारों तथा प्रशासन के लिए भारी समस्या खड़ी हो गई तथा सारी कार्रवाई हाथ से कागजों पर करने की नौबत आ गई है। एम्स में इस समय कम से कम 5000 कम्प्यूटर बताए जाते हैं। हालांकि सर्वर बहाल कर लिया गया है पर ऑनलाइन सेवाओं के चरणबद्ध तरीके से 6 दिसम्बर से शुरू होने की संभावना है तथा इसे पूरी तरह ठीक होने में और समय लगेगा।
इस संबंध में एम्स के 2 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। एम्स प्रबंधन ने शीर्ष सरकारी और प्राइवेट आई.टी. फर्मों के साथ अपने कम्प्यूटरों और आई.टी. से संबंधित कार्य की देखभाल के लिए संपर्क कायम करना भी शुरू कर दिया है। इसी बीच एम्स सर्वर हैक मामले के बाद 1 दिसम्बर को एक और बड़े साइबर अटैक में जल शक्ति मंत्रालय का ट्विटर हैंडल हैक किए जाने की सूचना मिली है जिसे बाद में ठीक कर दिया गया। निश्चित ही यह एक गंभीर समस्या है जिससे बचने के लिए ठोस उपाय करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में एम्स तथा अन्य संस्थानों को इस प्रकार की स्थिति का सामना न करना पड़े जिनसे करोड़ों लोगों की जिंदगी सीधे तौर पर जुड़ी हुई हो।—विजय कुमार