Edited By ,Updated: 02 Apr, 2016 01:22 AM
हालांकि ‘एयर इंडिया’ को भारत की राष्ट्रीय विमान सेवा होने का श्रेय प्राप्त है परन्तु प्रबंधन की अनियमितताओं, तकनीकी खराबियों से यात्रियों ...
हालांकि ‘एयर इंडिया’ को भारत की राष्ट्रीय विमान सेवा होने का श्रेय प्राप्त है परन्तु प्रबंधन की अनियमितताओं, तकनीकी खराबियों से यात्रियों की सुरक्षा को पैदा हुए खतरे और परेशानी एवं स्टाफ की मनमानियों आदि के कारण अब यह अपना ‘राष्ट्रीय गौरव’ का दर्जा खोती जा रही है।
केंद्र सरकार की इसे 10 वर्षों में 30,000 करोड़ रुपए की सहायता देने का योजना थी परंतु 2012 के बाद 4 वर्षों में ही इसे नवजीवन प्रदान करने के लिए वह इसे 22,280 करोड़ रुपए की सहायता दे चुकी है परन्तु इसका कोई संतोषजनक परिणाम अभी तक नहीं निकला।
स्टाफ की मनमानियों का हाल यह है कि 2013 से इस वर्ष फरवरी तक ‘एयर इंडिया’ के स्टाफ ने सुरक्षा संबंधी 65 उल्लंघन किए जो अन्य विमान सेवाओं से कहीं अधिक हैं।
इसके 20 पायलट शराब पीकर ड्यूटी पर आए, 33 पायलटों ने समय पर योग्यता जांच करवाए बिना उड़ान भरी और 12 पायलट कॉकपिट में अपने साथ अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को लेकर गए।
17 जनवरी, 2013 को एक पायलट स्मृति त्रेहन को अधिकारियों ने पहले से तय मुम्बई-जोधपुर-दिल्ली फ्लाइट लेकर जाने की बजाय सीधी मुम्बई-दिल्ली फ्लाइट लेकर जाने को कहा तो उसने साफ इंकार कर दिया क्योंकि उसने जोधपुर में एक हलवाई से स्पैशल कचौरियों की डिलीवरी लेनी थी।
अब 27 मार्च को ‘एयर इंडिया’ की उड़ान संख्या ए-320 के अंतर्गत भोपाल से मुम्बई के लिए उड़ान भरने वाले विमान के कमांडर ने मुम्बई जाने से इंकार कर दिया और यात्रियों को उनके हाल पर ही छोड़ कर चला गया।
समय-समय पर सामने आने वाले ऐसे उदाहरणों के अलावा ‘एयर इंडिया’ के विमानों में तकनीकी खराबियों का सिलसिला भी थमने का नाम नहीं ले रहा। अभी हाल ही में एयर इंडिया की पैरिस-दिल्ली उड़ान पर जाने वाले ‘ड्रीम लाइनर’ विमान को पैरिस में तकनीकी गड़बड़ी के कारण रुकना पड़ा।
* 20 मार्च, 2016 को कोलकाता से नई दिल्ली जा रहे विमान में उड़ान भरते समय ही तकनीकी खराबी आ जाने के कारण विमान को वापस उतारना पड़ा और इसे उड़ान के अयोग्य करार दे दिया गया।
* 28 मार्च को हैदराबाद जा रहे एयर इंडिया के विमान के ‘अंडर कैरेज’ से धुआं निकलने पर इसे मुम्बई हवाई अड्डïे पर आपात् स्थिति में उतारना पड़ा।
* 29 मार्च को दिल्ली से हांगकांग जा रहे एयर इंडिया के विमान के दाहिने इंजन में गड़बड़ी के कारण उसे कोलकाता में उतरना पड़ा।
25 फरवरी को ही लोकसभा में नागरिक विमानन राज्यमंत्री महेश शर्मा ने बताया कि मात्र 3 महीनों में एयर इंडिया के विमानों का एक टायर फटने सहित उड़ान भरते या उतरते समय तकनीकी खराबी की 13 घटनाएं हुईं हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि ‘एयर इंडिया’ को इस वर्ष जनवरी महीने में उड़ानें लेट होने संबंधी 394 शिकायतें प्राप्त हुईं। वर्ष 2015 में इनकी संख्या 3507, 2014 में 1943 और 2013 में तो केवल 829 थी।
‘एयर इंडिया’ की इस हालत का एक कारण इसके अनेक विमानों का बहुत पुराना होना भी है। 15 मार्च को नागपुर से मुम्बई आ रहे इसके 22 वर्ष पुराने ‘एयर बस ए-320 क्लासिक’ विमान का टायर उतरते समय फट गया और जोरदार आवाज के साथ विमान हवाई पट्टी पर घिसटता चला गया, चिंगारियां निकलने लगीं और विमान जोरदार हिचकोले खाते हुए रुका।
इससे अनेक यात्रियों की पीठ पर चोट भी आई और उनकी नसें ङ्क्षखच गईं। यह विमान ‘एयर इंडिया’ के बेड़े में 1994 में शामिल किया गया था और यह सबसे पुराने विमानों में से एक है।
मार्च 2015 में इंडियन कमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन ने डी.जी.सी.ए. को लिखे एक पत्र में ए-320 क्लासिक विमानों में बार-बार पैदा होने वाली तकनीकी खराबियों के दृष्टिगत यात्रियों की सुरक्षा को पैदा होने वाले खतरे के प्रति सचेत भी किया था, परंतु इनका इस्तेमाल अभी तक जारी है।
अत: इसके लिए पुराने विमानों को बदलना और प्रबंधन को चुस्त-दुरुस्त करना आवश्यक है। ऐसा न करने पर इसे चाहे जितनी आर्थिक सहायता दे दी जाए इसकी स्थिति में सुधार नहीं हो सकता। ऐसे में एकमात्र विकल्प इसे प्राइवेट हाथों में सौंप देना ही है।