पंचायतों की मांग ‘भ्रूण हत्या करने वालों के विरुद्ध हत्या का मामला दर्ज किया जाए’

Edited By ,Updated: 22 Jan, 2015 05:37 AM

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‘खाप’ अथवा ‘सर्वखाप’ एक सामाजिक प्रशासन प्रणाली तथा संगठन है जो पुरातन काल से हरियाणा, राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में प्रचलित है।

‘खाप’ अथवा ‘सर्वखाप’ एक सामाजिक प्रशासन प्रणाली तथा संगठन है जो पुरातन काल से हरियाणा, राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में प्रचलित है। ‘खाप’ पंचायतें बिरादरी के झगड़ों आदि का कोर्ट-कचहरी से बाहर आपस में मिल-बैठ कर निपटारा करती हैं।
 
हालांकि अतीत में चंद खाप पंचायतों के कुछ अजीबो-गरीब निर्णयों की भारी आलोचना हुई पर बदलते माहौल में अब खाप पंचायतें भी बदल रही हैं और बिरादरी के लोगों को भी बदलने के लिए प्रेरित कर रही हैं जिनमें कन्या भ्रूण हत्या को रोकना भी शामिल है।
 
कन्या भ्रूण हत्या के कारण ही हरियाणा जैसे राज्यों में तो लड़के-लड़कियों का अनुपात इस हद तक गड़बड़ा गया है कि वहां अनेक क्षेत्रों में लड़कों के लिए दुल्हनें ही नहीं मिल पा रहीं। 
 
लैंगिक विषमता दूर करने तथा कन्या भ्रूण हत्या के विरुद्ध आवाज उठाने के लिए महिलाओं को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से हरियाणा के जींद जिले के बीबीपुर गांव की पंचायत ने 2012 में कन्या भ्रूण हत्या व अन्य सामाजिक बुराइयों के विरुद्ध एक महापंचायत आयोजित की थी और तब हरियाणा सरकार ने इसे एक करोड़ रुपए अनुदान देने की घोषणा की थी।
 
अब इसी गांव के सरपंच सुनील जागलान के नेतृत्व में गठित एन.जी.ओ. ‘प्रयोग फाऊंडेशन’ ने हर उस महिला को 21000 रुपए नकद देने की घोषणा की है जो कन्या भ्रूण हत्या अथवा गर्भस्थ शिशु के लिंगा निर्धारण परीक्षण व गर्भपात हेतु विवश करने वालों के विरुद्ध पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाएगी।
 
इसी बीच 20 जनवरी को हरियाणा में घटते लिंगानुपात और भ्रूण हत्या पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि ‘‘महिलाएं समाज का मूल स्तम्भ हैं और यही हालात रहे तो हम सभ्यता की दौड़ में पीछे छूट जाएंगे।’’ कोर्ट ने कहा कि भ्रूण हत्या रोधी कानून को सख्ती से लागू करने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य की निचली अदालतों में लंबित भ्रूण हत्या से संबंधित मामलों का निपटारा 4 महीनों के भीतर करने का भी आदेश दिया है।
 
निचली अदालतों द्वारा लंबित मामलों की सूची हाईकोर्ट को देने तथा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को न्यायिक अधिकारियों को वांछित ट्रेनिंग देने का आदेश देने के अलावा राज्य के न्यायिक सेवा प्राधिकरण को भ्रूण हत्या के विरुद्ध जागरूकता अभियान चलाने के लिए भी सुप्रीमकोर्ट ने कहा है।
 
इसी दिशा में जहां हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने लड़कियों के कल्याण एवं शिक्षा के लिए हर जिले में विशेष कोष स्थापित करने की घोषणा की है, वहीं केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्री मेनका गांधी ने पानीपत में महिलाओं और बच्चों के विकास संबंधी 2 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए 22 अप्रैल को देश में शुरू किए जाने वाले राष्टव्यापी अभियान ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ के संबंध में जानकारी भी दी। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को पानीपत में करेंगे। 
 
इसी बीच 20 जनवरी को ही हरियाणा के जींद स्थित जाट धर्मशाला में सर्वजाट खाप और सर्वखाप पंचायत की बैठक के बाद इसके नेताओं ने कहा कि बेटियों को बचाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को तुरंत प्रभाव से कानून में संशोधन कर कन्या भ्रूण हत्या करने और करवाने वाले के विरुद्ध हत्या का मामला दर्ज करने का प्रावधान करना चाहिए। 
 
उन्होंने कहा कि ‘‘इसके बिना कन्या भ्रूण हत्या पर रोक नहीं लग पाएगी।’’ उन्होंने कन्या भ्रूण हत्या करवाने वालों का खाप पंचायत द्वारा सामाजिक बहिष्कार करने की भी घोषणा की तथा कहा कि ‘‘खाप पंचायतें तो शुरू से ही कन्या भ्रूण हत्या जैसे जघन्य अपराध के विरुद्ध आवाज उठाती आ रही हैं।’’ 
 
अजन्मी बेटियों को कोख में ही दफन होने से रोकने के प्रति हरियाणा में खापों का आगे आना प्रशंसनीय है। अब अन्य खापों और समाजसेवी संस्थाओं को भी इस दिशा में आगे आकर कन्या भ्रूण हत्या के विरुद्ध अभियान में शामिल होना चाहिए। इससे ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान को बल मिलेगा तथा राज्य और देश में व्याप्त लिंगानुपात का अंतर समाप्त करके एक स्वस्थ समाज की रचना करने में सहायता मिलेगी।   

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