Edited By ,Updated: 05 Jun, 2019 12:39 AM
हाल ही में सम्पन्न लोकसभा चुनावों में यदि दिल्ली में ‘आप’ और कांग्रेस में गठबंधन हो जाता तो दोनों को ही कुछ लाभ हो सकता था परंतु अंतिम समय तक वार्ता चलने के बावजूद दोनों दलों में गठबंधन न हुआ और दोनों ही पाॢटयां शून्य पर सिमट गईं। अलबत्ता पंजाब में...
हाल ही में सम्पन्न लोकसभा चुनावों में यदि दिल्ली में ‘आप’ और कांग्रेस में गठबंधन हो जाता तो दोनों को ही कुछ लाभ हो सकता था परंतु अंतिम समय तक वार्ता चलने के बावजूद दोनों दलों में गठबंधन न हुआ और दोनों ही पार्टियां शून्य पर सिमट गईं। अलबत्ता पंजाब में भगवंत मान ने अपने रसूख के दम पर संगरूर की एक सीट जीत कर ‘आप’ की लाज रख ली।
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष लोकसभा चुनावों में भाजपा की विजय में महिलाओं ने बड़ी भूमिका निभाई है और दिल्ली में मतदान करने वाली कुल महिलाओं में से लगभग 42 प्रतिशत महिलाओं ने भाजपा को वोट दिया। इनमें बड़ी संख्या तीन तलाक से मुक्ति पाने की इच्छुक मुसलमान महिलाओं की भी है जिसके बारे में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी कह दिया है कि तीन तलाक प्रथा पर पाबंदी लगाने के लिए सरकार संसद में फिर से विधेयक लाएगी।
इसके अलावा दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी द्वारा दिल्ली विधानसभा के चुनावों में भी ‘आप’ को धराशायी करने के लिए ‘अभी जीते सात में सात, अब जीतेंगे सत्तर में साठ’ का नारा लगा दिया है जिसने अरविंद केजरीवाल को आगामी चुनावों के लिए चौकन्ना कर दिया है। अत: अगले वर्ष होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतने के भाजपा द्वारा अभी से शुरू कर दिए गए प्रयासों और लोकसभा चुनावों में भाजपा को जिताने में महिलाओं की निर्णायक भूमिका को देखते हुए अरविंद केजरीवाल की सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में महिलाओं के लिए मैट्रो और बसों में यात्रा मुफ्त करने का प्रस्ताव रखा है जो 2-3 महीनों में लागू कर दिया जाएगा।
अरविंद केजरीवाल का कहना है कि महिलाओं को डी.टी.सी.,क्लस्टर बसों और दिल्ली मैट्रो में मुफ्त यात्रा की सुविधा देने पर इस वित्त वर्ष के शेष भाग के लिए 700-800 करोड़ रुपए खर्च आएंगे परंतु सार्वजनिक परिवहन के अधिक इस्तेमाल से महिलाओं की सुरक्षा भी बढ़ेगी।—विजय कुमार