...अब मोहाली में इंटैलीजैंस विंग पर हमला पंजाब विरोधी तत्वों पर समय रहते काबू पाना जरूरी

Edited By ,Updated: 11 May, 2022 04:45 AM

attack on intelligence wing it necessary to control anti punjab elements in time

पंजाब की शांति को भंग करने के लिए लगातार शरारतों पर अमादा देश विरोधी ताकतों द्वारा पिछले 6 महीनों के दौरान पंजाब में सुरक्षा

पंजाब की शांति को भंग करने के लिए लगातार शरारतों पर अमादा देश विरोधी ताकतों द्वारा पिछले 6 महीनों के दौरान पंजाब में सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर 4 हमले किए जा चुके हैं : 

* 7 नवम्बर, 2021 को नवांशहर स्थित सी.आई.ए. कार्यालय पर किए गए ग्रेनेड हमले में अनेक पुलिस अधिकारी बाल-बाल बचे।
* 22 नवम्बर, 2021 को सुबह के समय पठानकोट में त्रिवेणी गेट के निकट सैनिक छावनी पर मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने ग्रेनेड फैंका। 

* 9 मार्च, 2022 को रोपड़ में कलमा मोड़ स्थित पुलिस चौकी पर हमला किया गया था जिससे चौकी की दीवार टूट गई। इन तीनोंं हमलों में भी कोई प्राणहानि नहीं हुई थी और न ही कोई अपराधी पकड़ा जा सका है। 
और अब 9 मई, 2022 को देश विरोधी तत्वों ने चौथा हमला पंजाब पुलिस के मोहाली स्थित इंटैलीजैंस हैडक्वार्टर की इमारत पर देर शाम रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (आर.पी.जी) द्वारा धमाका करके किया जिसके परिणामस्वरूप इमारत की चौथी मंजिल के एक हिस्से की खिड़कियां व शीशे टूट गए। 

धमाका इमारत के बिल्कुल सामने से किया गया। जब यह हमला हुआ उस समय तक कार्यालय में छुट्टी हो जाने के कारण वहां से अधिकारी और कर्मचारी जा चुके थे तथा सिर्फ नाइट ड्यूटी वाली टीम ही मौजूद थी। यदि दिन में हमला होता तो बड़ी प्राणहानि हो सकती थी।धमाका कम क्षमता का था, लेकिन इसके लिए जो बम शैल इस्तेमाल किया गया वह बड़ा धमाका भी कर सकता था! इस मामले में पंजाब पुलिस अभी तक लगभग एक दर्जन लोगों को हिरासत में राऊंडअप करके उनसे पूछताछ कर रही है। अम्बाला से भी एक संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है। 

इंटैलीजैंस विंग हैडक्वार्टर में धमाके के मद्देनजर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने स्थिति का जायजा लेने के लिए 10 मई को उच्च पुलिस अधिकारियों की एमरजैंसी मीटिंग में डी.जी.पी. भावरा को घटना की गहराई से जांच करने के आदेश देते हुए कहा कि कुछ शत्रु ताकतें राज्य में अशांति पैदा करने के लिए लगातार प्रयत्नशील हैं परंतु किसी को भी राज्य का शांतिपूर्ण माहौल खराब करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। डी.जी.पी. के अनुसार इस हमले में संभवत: विस्फोटक के तौर पर ‘ट्राई नाइट्रो टाल्यून’ (टी.एन.टी.) का इस्तेमाल किया गया है। इस मामले में आतंकी हमले के एंगल पर डी.जी.पी. ने कहा कि यह घटना पंजाब पुलिस के लिए एक चुनौती है जिसे जल्दी ही सुलझा लिया जाएगा। पुलिस को इस मामले में बड़ी लीड मिली है। 

आतंक का साया पंजाब में लगातार बढ़ रहा है। पिछले कुछ दिनों से पंजाब में खालिस्तानी समर्थक आतंकवादी फिर सक्रिय हुए लगते हैं। हाल ही में हिमाचल में खालिस्तानी झंडा लहराने वाले गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कहा कि उसके संगठन ने मोहाली में हमला किया है और आगे हिमाचल में भी करेगा। मोहाली में पुलिस इंटैलीजैंस कार्यालय पर हमले के बाद यह चर्चा है कि इस हमले में प्रयुक्त रॉकेट रूस निर्मित हो सकता है क्योंकि वहां से ऐसे ही हथियार की तस्वीरें 2016 में सामने आई थीं और दोनों की मार्किंग भी एक जैसी है। 

चर्चा है कि पाकिस्तान की गुप्तचर एजैंसी आई.एस.आई. ने पंजाब में आतंकवादी घटनाएं करने के लिए ‘लश्कर-ए-खालसा’ नामक एक नया आतंकी गिरोह बनाया है, जिसके सदस्यों को अफगानिस्तान के लड़ाके प्रशिक्षण दे रहे हैं। इसमें अफगानिस्तानी आतंकवादियों को भी शामिल किया गया है जिन्हें ड्रग्स से होने वाली कमाई का लालच दिया गया है। इसमें स्थानीय अपराधियों को शामिल करने की भी कोशिश की जा रही है। इस गिरोह द्वारा जम्मू-कश्मीर में हमले करने की साजिश का भी पता चला है। कुल मिलाकर इस हमले ने राज्य में अराजक तत्वों के उभार की एक और चेतावनी दी है, जो इस बार इसलिए भी अधिक गंभीर है क्योंकि हमला इंटैलीजैंस विंग पर हुआ है। यदि इंटैलीजैंस विंग ही सुरक्षित नहीं है तो फिर दूसरों के बारे में तो कुछ कहना ही व्यर्थ है। इस मामले में हालात की गंभीरता को देखते हुए सुरक्षा प्रबंधों को अधिकतम चाक-चौबंद और मजबूत करने की जरूरत है, ताकि पंजाब कहीं एक बार फिर 1980 के दशक के अंधकारमय दौर में न लौट जाए।—विजय कुमार

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