Edited By ,Updated: 17 Oct, 2021 05:01 AM
मानवाधिकार संस्थाओं के अनुसार बंगलादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति अत्यंत खराब हो गई है। ढाका विश्वविद्यालय के प्रोफैसर अब्दुल बरकत का कहना है कि ‘‘गत 4 दशकों में 2.3 लाख लोग बंगलादेश छोड़ कर जा चुके हैं और यदि वहां हिन्दुओं के
मानवाधिकार संस्थाओं के अनुसार बंगलादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति अत्यंत खराब हो गई है। ढाका विश्वविद्यालय के प्रोफैसर अब्दुल बरकत का कहना है कि ‘‘गत 4 दशकों में 2.3 लाख लोग बंगलादेश छोड़ कर जा चुके हैं और यदि वहां हिन्दुओं के हालात न सुधरे तो 25 साल के बाद वहां कोई भी हिन्दू नहीं रहेगा। इस तरह के हालात को देखते हुए हर कोई देश छोड़ कर कहीं और जाना चाहता है।’’ बंगलादेश में कट्टरवादी संगठनोंं द्वारा हिन्दुओं तथा उनके धर्मस्थलों पर लगातार हमले किए जा रहे हैं जो इसी वर्ष वहां हुई निम्र घटनाओं से स्पष्ट है :
* 28 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बंगलादेश यात्रा के विरुद्ध ‘ब्राह्मणबरिया’ तथा अन्य स्थानों पर भड़की हिंसा में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई जिसके लिए बंगलादेश के गृहमंत्री असदुज्जमां ने कट्टरपंथी इस्लामी संगठन ‘हिफाजत-ए-इस्लाम’ को जिम्मेदार बताया था।
* 7 अगस्त को बंगलादेश के ‘खुलना’ जिले में ‘रूपसा’ थाने के शियाली, मल्लिकपुरा और गोवरा गांवों में हथियारों से लैस सैंकड़ों कट्टरपंथियों ने हमला करके इलाके के सभी 6 मंदिरों में तबाही मचा दी।
उन्होंने 50 से अधिक प्रतिमाएं नष्ट्र करने के अलावा हिंदुओं के 57 घरों में तोडफ़ोड़ की, अनेक दुकानों को लूट कर आग लगा दी और विरोध करने पर लोगों को बेरहमी से पीटा जिससे दर्जनों लोग घायल हो गए।
* 14 अक्तूबर को दुर्गा पूजा समारोहों में कोमिल्ला में कुछ शरारती तत्वों द्वारा सोशल मीडिया पर फर्जी खबर फैलाने से हिंसा शुरू हो गई। पहले उपद्रवियों ने ‘नानुपार दिघीर पार मंदिर’ के दुर्गा पूजा पंडाल में तोडफ़ोड़ की और उसके बाद अन्य स्थानों पर स्थित दुर्गा पूजा पंडालों व मंदिरों पर भी हमले करके उन्हें नुक्सान पहुंचाया।
कोमिल्ला से लगते हाजीगंज में स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई और उपद्रवियों द्वारा श्रद्धालुओं की बेरहमी से पिटाई के परिणामस्वरूप कम से कम 4 लोगों की मौत हो गई तथा 60 घायल हो गए। इसी दिन अधिकारियों ने खुलना जिले में एक हिन्दू मंदिर के द्वार पर 18 जिंदा बम बरामद किए।
* 15 अक्तूबर को भी हजारों कट्टरपंथियों ने कहर बरपाते हुए राजधानी ढाका में प्रदर्शन किया और उन पर काबू पाने के लिए सुरक्षा बलों को लाठीचार्ज करना पड़ा।
इसी दौरान जुम्मे की नमाज के बाद ‘नोआखली’ में मुस्लिम समुदाय के लगभग 500 सदस्यों ने ‘इस्कॉन’ मंदिर पर हमला करके इसके संस्थापक भक्ति वेदांत स्वामी प्रभुपाद की मूर्ति सहित वहां प्रतिष्ठित हिन्दू देवताओं की अनेक मूर्तियां तोडऩे के बाद उनमें आग लगा दी और एक हिन्दू श्रद्धालु को पीट-पीट कर मार डाला। ‘इस्कॉन’ ने इस घटना को शर्मनाक बताते हुए संयुक्त राष्ट्र से इस ओर ध्यान देने की मांग की है। इसी दिन ‘नोआखली’ के बेगमगंज में उपद्रवियों ने एक रैली निकाली।
* 16 अक्तूबर को भी सुबह के समय बेगमगंज में एक मंदिर पर हमला करके 6 मूर्तियों को तोडऩे के अलावा 2 लोगों की हत्या कर दी गई।
पिछले एक सप्ताह में बंगलादेश में 7 हिंदुओं की हत्या की जा चुकी है तथा इन घटनाओं के चलते चांदपुर कोक्स बाजार, बंदरबद, सिलहट, चटगांव व गाजीपुर आदि में भारी तनाव पैदा हो जाने से स्थिति गंभीर बनी हुई है। इसी बीच गत दिवस बंगलादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ढाकेश्वरी मंदिर में आयोजित दुर्गा पूजा समारोह में वर्चुअली सम्मिलित हुईं तथा हिन्दू समुदाय को देश का सम्मानित नागरिक बताते हुए आश्वासन दिया कि : ‘‘आप समान अधिकार के साथ अपने धर्म का पालन करेंगे और त्यौहार मनाएंगे। आप कभी स्वयं को अल्पसंख्यक न समझें। ङ्क्षहसा व तोडफ़ोड़ में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा और उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। विश्व में आतंकवाद की बढ़ती घटनाओं से हम भी प्रभावित हुए हैं।’’
शेख हसीना के इस आश्वासन के बावजूद हबीबगंज जिले में एक दुर्गा पूजा स्थल पर मदरसा छात्रों ने हिन्दुओं के साथ झगड़ा किया जिसके परिणामस्वरूप 20 से अधिक लोग घायल हो गए। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची के अनुसार जहां केंद्र सरकार लगातार इस मामले में बंगलादेश सरकार के संपर्क में है, वहीं अ. भा. हिन्दू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणी ने अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग व केंद्र सरकार से यह मामला अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उठाने की मांग की है।
बंगलादेश में हिन्दुओं के विरुद्ध जारी हमलों में किसी सीमा तक पाकिस्तान सरकार का हाथ होने का आरोप भी लगाया जाता है जिसके साथ बंगलादेश में विपक्ष की नेता खालिदा जिया के अच्छे संबंध हैं। इसी कारण अब राजनीतिक क्षेत्रों में यह चर्चा होने लगी है कि कहीं बंगलादेश ‘मिनी पाकिस्तान’ तो नहीं बनता जा रहा। बेशक शेख हसीना ने देश के अल्पसंख्यकों को सब तरह के सम्मान और सुरक्षा देने का आश्वासन दिया है परंतु इसके लिए इन घटनाओं में शामिल लोगों को जल्दी से जल्दी कठोरतम सजा देकर दूसरे लोगों को कठोर संदेश देना जरूरी है। इसके लिए शेख हसीना को अपने देश में कट्टïरवादी तत्वों की नकेल कसने के लिए जुबानी कलामी बातें करने की बजाय कुछ करके दिखाना होगा।—विजय कुमार