धमाके... धमाके... धमाके... बारूद के ढेर पर बैठी है यह दुनिया

Edited By ,Updated: 15 Jan, 2016 12:05 AM

bang  bang  bang  this world is sitting on a tinderbox

भारत में नव वर्ष की शुरूआत जहां पठानकोट कांड से हुई जिसमें पाकिस्तानी आतंकवादियों ने 7 भारतीय सुरक्षा कर्मियों को शहीद कर दिया

भारत में नव वर्ष की शुरूआत जहां पठानकोट कांड से हुई जिसमें पाकिस्तानी आतंकवादियों ने 7 भारतीय सुरक्षा कर्मियों को शहीद कर दिया, वहीं विश्व के अन्य हिस्सों में भी हर ओर बमों के धमाकों की गूंज सुनाई दे रही है। मात्र 2 दिनों में ही कम से कम 4 देशों में अनेक आतंकवादी घटनाएं हो चुकी हैं जिनमें बड़ी संख्या में निर्दोष लोग मारे गए हैं। 

पहला हमला 13 जनवरी को क्वेटा (पाक) में पोलियो के एक टीकाकरण केंद्र के बाहर हुआ जहां एक आत्मघाती बम विस्फोट में 14 सुरक्षाकर्मियों तथा एक राहगीर सहित 15 लोगों की मौत व 20 से अधिक लोग घायल हो गए। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने इसकी जिम्मेदारी भी ले ली है। 
 
वहां पोलियो महामारी की तरह फैला हुआ है जिसके उन्मूलन के लिए संयुक्त राष्ट्र की ओर से टीकाकरण कैंप लगाए जाते हैं परन्तु आतंकवादी इसे पाकिस्तानी बच्चों को नपुंसक बनाने का पश्चिमी षड्यंत्र मानते हुए कैंपों पर हमले करते हैं ताकि लोग अपने बच्चों का टीकाकरण न करवा सकें।
 
13 जनवरी को ही अफगानिस्तान के जलालाबाद में पाकिस्तानी वाणिज्य दूतावास के निकट आतंकियों द्वारा कई घंटे गोलीबारी में 7 अफगान सुरक्षा कर्मी मारे गए। गत 3 जनवरी को यहीं भारतीय वाणिज्य दूतावास पर आतंकी हमले में एक सुरक्षा कर्मी मारा गया तथा 10 अन्य घायल हो गए थे। 
 
अगले दिन 14 जनवरी को इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में राष्टपति भवन के निकट विभिन्न स्थानों पर अनेक सीरियल धमाकों में शामिल आतंकवादियों ने संयुक्त राष्टï्र कार्यालय, 2 कैफे, प्रसिद्ध शॉपिंग सैंटर और ‘स्टार बक्स’ कैफे आदि को अपना निशाना बनाया। 
 
इन धमाकों में कम से कम 7 लोगों की मृत्यु व अनेक लोग घायल हो गए, एक पुलिस चौकी पूर्णत: नष्ट हो गई। इन धमाकों में एक फिदायीन भी शामिल था। उल्लेखनीय है कि इंडोनेशिया विश्व में मुसलमानों की सर्वाधिक आबादी वाला देश है व यहां पहले भी इस्लामी उग्रवादी हमला करते रहे हैं। 
 
रिट्ज़ और मैरियट होटलों पर 2009 में हुए बम धमाकों के बाद जकार्ता में हुआ यह पहला बड़ा हमला था। हाल ही में ‘इस्लामिक स्टेट’ से मिली धमकियों के बाद यहां हाईअलर्ट लागू था परन्तु इस हमले को पिछली बार के हमलों से काफी अलग बताया जा रहा है। 
 
14 जनवरी को आतंकवादियों ने खूनी खेल का सिलसिला तुर्की में भी जारी रखा और सीनार जिला मुख्यालय के मुख्य गेट पर हुए कार बम धमाके में 5 लोगों की मौत तथा 3 दर्जन के लगभग घायल हो गए। आतंकवादियों ने इस इमारत पर रॉकेट से भी हमला किया। 
 
इसके लिए कुॢदस्तान वर्कर्स पार्टी (पी.के.के.) को जिम्मेदार माना जा रहा है। गत वर्ष जुलाई में तुर्की की सेना और पी.के.के. के बीच संघर्ष विराम पर सहमति न बन पाने के कारण यहां अब तक दर्जनों लोग मारे जा चुके हैं। 
 
14 जनवरी को ही कराची के नजीमाबाद इलाके में बम धमाके में 2 लोग घायल हो गए तथा लोगों में अफरातफरी मच गई। ग्लोबल टैरेरिज़्म इंडैक्स 2015 के अनुसार पिछले 15 वर्षों में विश्व भर में आतंकवादी घटनाओं में मारे जाने वाले लोगों की संख्या में 15 गुणा वृद्धि हुई है। दुनिया में 2014 में 13,463 आतंकवादी घटनाएं हुईं जिनमें 32,658 लोग मारे गए और 52.9 अरब डालर की सम्पत्ति नष्टï हुई। 
 
सीरिया आदि मुस्लिम देशों में जहां ‘इस्लामिक स्टेट’ सबसे बड़ा आतंकवादी गिरोह बन कर उभरा है वहीं सिर्फ अफ्रीका के एक हिस्से में सक्रिय बोको हराम इससे भी बड़ा आतंकवादी गिरोह बन गया है। आई.एस. ने जहां 2014 में 6073 निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतारा, वहीं ‘बोको हराम’ ने इसी अवधि में 6644 निर्दोष लोगों की जान ली। इन सभी आतंकवादी गिरोहों के हमलों में एक बात सांझी है कि इनके शिकार लोगों को उस अपराध की सजा मिल रही है जो उन्होंने किया ही नहीं।
 
एक बात और भी सांझी है कि सभी देशों की सरकारें कुछ दिनों की सक्रियता दिखाकर फिर पहले वाले तौर-तरीके ही अपना लेती हैं। ऐसे में तो यही कहा जा सकता है कि यदि यही हाल रहा तो इन आतंकवादी घटनाओं का अंत भी दुनिया के अंत के साथ ही होगा।  

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!