उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनावों में भाजपा का निराशाजनक प्रदर्शन

Edited By ,Updated: 06 May, 2021 03:01 AM

bjp s dismal performance in uttar pradesh s panchayat elections

गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर के महंत योगी आदित्यनाथ ने एक धार्मिक नेता के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कुछ समय पूर्व अपने कार्यकाल के चार वर्ष पूरे होने

गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर के महंत योगी आदित्यनाथ ने एक धार्मिक नेता के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कुछ समय पूर्व अपने कार्यकाल के चार वर्ष पूरे होने पर अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने बताया कि उनके कार्यकाल में 40 लाख परिवारों को आवास और 1.38 करोड़ परिवारों को बिजली कनैक्शन देने, 5 एक्सप्रैस-वे के निर्माण में तेजी लाने, गांव-गांव तक आप्टिकल फाइबर केबल बिछाने के अलावा मथुरा एवं राज्य के अन्य धर्मस्थलों का जीर्णोद्धार किया गया है। 

उनका कहना है कि 2015-16 में जहां उत्तर प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय मात्र 47,116 रुपए वाॢषक थी वह अब 94,495 रुपए हो गई है। उन्होंने यह दावा भी किया कि प्रदेश में अनेक थाने, चौकियां, महिला थाने आदि कायम करने से सभी तरह के अपराधों में कमी आई है। यही नहीं प्रदेश में उनके कार्यकाल के दौरान 33 लाख युवाओं को रोजगार भी दिया गया है। योगी आदित्यनाथ के उक्त दावों के बावजूद पिछले दिनों प्रदेश में स पन्न  हुए पंचायत चुनावों में उनकी पार्टी भाजपा को बड़ा झटका लगा है तथा अयोध्या से लेकर मथुरा, काशी, वाराणसी और लखनऊ सहित प्रदेश भर में समाजवादी पार्टी (सपा) ने भाजपा को करारी हार दी है। 

प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या में, जहां भाजपा के नेतृत्व में भव्य राम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है, 40 सीटों में से भाजपा को मात्र 6 सीटें ही मिलीं जबकि 24 सीटों पर सपा तथा अन्य सीटों पर निर्दलीय जीते हैं। वाराणसी जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद को छोड़ कर अपने निर्वाचन क्षेत्र के रूप में चुना है, वहां भी भाजपा को बड़ा झटका लगा है। हालांकि वाराणसी के विकास पर भाजपा ने काफी धन भी खर्च किया है इसके बावजूद यहां जिला पंचायत की 40 सीटों में से भाजपा के खाते में मात्र 8 सीटें ही आईं जबकि समाजवादी पार्टी ने 14 सीटें जीती हैं। 

भगवान श्री कृष्ण की नगरी मथुरा जिले में भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। यहां बहुजन समाज पार्टी के 12 उ मीदवारों ने जीत दर्ज की और यहां भाजपा केवल 8 सीटें ही जीत पाई है। यहीं पर बस नहीं, राजधानी लखनऊ में भी भाजपा 25 में से 3 सीटें ही जीत पाई जबकि सपा तथा बसपा ने 8-8 सीटें जीतीं।

योगी आदित्यनाथ की कर्मभूमि गोरखपुर जिले में भाजपा को सर्वाधिक सीटें मिलीं जहां भाजपा तथा सपा दोनों ने ही 19-19 सीटें जीत लीं जबकि मुज फरनगर में भाजपा 13 सीटें जीतने में सफल रही है। जानकारों के अनुसार प्रदेश सरकार की नीतियों से वहां की ग्रामीण जनता का मोह भंग होना इस निराशाजनक प्रदर्शन का मु य कारण है क्योंकि पिछले 4 वर्षों के दौरान प्रदेश के किसानों और मजदूर वर्ग की आॢथक दशा पहले से अधिक खराब हुई है। 

‘सपा’ के नेता अखिलेश यादव के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में भाजपा के निराशाजनक प्रदर्शन से स्पष्टï है कि मतदाताओं ने भगवा पार्टी को नकार दिया है तथा प्रदेश में पार्टी की पकड़ कमजोर हुई है। भाजपा द्वारा अपने चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादे पूरे करने में विफल रहने का प्रभाव भी सारे राज्य के पंचायत चुनावों पर पड़ा जिस कारण इन चुनावों में भाजपा नेतृत्व द्वारा अपने सभी मंत्रियों की ड्यूटी लगाने के बावजूद उसे कोई लाभ नहीं मिला तथा प्रदेश में मात्र  23 प्रतिशत सीटों पर ही जीत प्राप्त कर पाई। चुनावों में जाति आधारित गुटबाजी, जमीनी कार्यकत्र्ताओं की उपेक्षा व उ मीदवारों के चयन में पक्षपात का भी भाजपा को खमियाजा भुगतना पड़ा क्योंकि ‘ऊपर’ से थोपे गए उ मीदवारों को लोगों ने स्वीकार नहीं किया। 

चूंकि 10 महीनों के बाद उत्तर प्रदेश में विधानसभा के चुनाव भी होने वाले हैं अत: इन चुनावों के परिणामों को भाजपा के लिए एक चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है। इन हालात में राजनीतिक प्रेक्षकों का कहना है कि यदि भाजपा नेतृत्व ने शेष बचे समय में अपनी पार्टी और राज्य की स्थिति सुधारने के ठोस उपाय नहीं किए तो आगामी विधानसभा चुनावों में इसे निराशाजनक स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।—विजय कुमार 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!