Edited By ,Updated: 18 Aug, 2019 11:53 PM
अचानक ऐसे वीडियोज की बाढ़-सी आ गई है जिनमें पाकिस्तानी नागरिक अपने देश की दयनीय आर्थिक स्थिति के लिए वर्तमान सरकार को जिम्मेदार ठहराते नजर आते हैं। पाकिस्तान में रहने वाले ही नहीं, विदेशों में बसे पाकिस्तानी भी अपने देश की वित्तीय...
अचानक ऐसे वीडियोज की बाढ़-सी आ गई है जिनमें पाकिस्तानी नागरिक अपने देश की दयनीय आर्थिक स्थिति के लिए वर्तमान सरकार को जिम्मेदार ठहराते नजर आते हैं। पाकिस्तान में रहने वाले ही नहीं, विदेशों में बसे पाकिस्तानी भी अपने देश की वित्तीय स्थिति, पाकिस्तानी सेना तथा कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने पर प्रतिक्रिया में वीडियो बना रहे हैं। इन वीडियोज की संख्या किस तरह तेजी से बढ़ी है यह एक अलग मुद्दा है परंतु इनसे इतना तो साफ दिख रहा है कि भारत द्वारा कश्मीर से अनुच्छेद 370 तथा 35-ए को हटाने एवं जम्मू-कश्मीर को केन्द्र शासित प्रदेश बनाने पर पाकिस्तानियों की क्या राय है।
पाक नौसेना के साथ डायरैक्टर आफ नेवल रिसर्च के रूप में, भ्रष्टाचार रोधी संस्था ‘एन.ए.बी.’ की चेयरमैन के रूप में कार्यरत एकमात्र महिला तथा पाकिस्तान सेना की कार्यशैली पर दो पुस्तकें लिख चुकीं पाकिस्तान सेना की जानी-मानी विशेषज्ञ आयशा सिद्दीका ने 12 अगस्त को एक इंटरव्यू में कहा, ‘‘यह ऐसा है कि आप कश्मीर समस्या को साथ लेकर सोए और जागने पर पता चले कि चिंता करने के लिए कश्मीर ही नहीं बचा।’’
वह कहती हैं,‘‘पाकिस्तानी जनता के दिमाग में यह बात भरी जाती रही है कि देश में केवल सेना ही एकमात्र भरोसेमंद संस्था है। नाश्ते के लिए खाने-पीने की चीजों, फिल्मों, टी.वी. सीरियल्स, खाद आदि हर तरह की चीजें सेना बनाती है और कुछ औरों को स्पांसर भी करती है। यूनिवर्सिटी छात्रों की सोच बदल कर भारत विरोधी अभियानों में शामिल किया जाता है, उनके सोशल मीडिया अकाऊंट्स को खोल कर वह सब पोस्ट करने को कहा जाता है जो सेना चाहती है।’’
पाकिस्तान के अस्तित्व में आने के समय से ही भारत से लडऩे के नाम पर पाकिस्तान की सेना टैक्स से होने वाली आमदनी का बड़ा हिस्सा तथा अन्य धन वसूल कर खुद को अमीर करती रही है। अब पाकिस्तान की सेना को नहीं समझ आ रहा कि वह किस तरह जवाब दे। ‘क्या वह कहे कि उसे नहीं पता था कि दिल्ली में क्या हो रहा है’ (जैसे उस समय ‘पता नहीं’ पता था कि बिन लादेन अटक में रह रहा था) अथवा वे यह कहें कि उन्हें इसका पता तो था परंतु उन्होंने खुद जवाब नहीं देने का फैसला किया। इन दोनों दलीलों से पाक सेना की छवि को धक्का लगेगा।
आज अत्यधिक महंगाई और कम आय के बीच कठिन परिस्थितियों में फंसा आम पाकिस्तानी महसूस करता है कि पाक सेना भारतीय सेना से लड़ और जीत नहीं सकती। जहां ‘टैरेरिस्तान’ पाक अधिकृत कश्मीर ने जिहाद का आह्वान किया है वहीं पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने 14 अगस्त को अपने स्वतंत्रता दिवस पर पी.ओ.के. की राजधानी में कहा कि वह इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् ही नहीं सभी अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर ले जाएंगे। ऐसे में पाकिस्तान की असली शासक पाक सेना के पास कौन से विकल्प हैं? केवल एक, सख्ती से दमन।
पाकिस्तानी पत्रकारों के अनुसार वह सेना या इसकी नीतियों पर सवाल उठाने वाले किसी भी पत्रकार या उदारवादी का जम कर दमन करेगी। वास्तव में अमेरिका तथा अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से ऋण पाने के लिए पाकिस्तान के लिए आतंकी समूहों पर कार्रवाई तथा उनकी गिरफ्तारी जरूरी है। शायद आतंक फैलाने वालों को तो गिरफ्तार न किया जाए परंतु सेना के खिलाफ आवाज उठाने वालों या विरोध करने वालों को दहशतगर्द बताकर हिरासत में लिया जा सकता है। - विजय कुमार