कांग्रेस का चुनाव घोषणापत्र सभी वर्गों का ध्यान रखने का वायदा

Edited By ,Updated: 03 Apr, 2019 02:45 AM

congress election manifesto promises to take care of all sections

समस्त विश्व में चुनावों से पूर्व राजनीतिक दलों द्वारा मतदाताओं को लुभाने के लिए अपने चुनाव घोषणापत्र जारी करने का रिवाज है। यह अलग बात है कि इनमें किए गए अधिकांश वायदे अधूरे ही रह जाते हैं। इसी संदर्भ में 11 अप्रैल से 19 मई तक 7 चरणों में होने जा...

समस्त विश्व में चुनावों से पूर्व राजनीतिक दलों द्वारा मतदाताओं को लुभाने के लिए अपने चुनाव घोषणापत्र जारी करने का रिवाज है। यह अलग बात है कि इनमें किए गए अधिकांश वायदे अधूरे ही रह जाते हैं। इसी संदर्भ में 11 अप्रैल से 19 मई तक 7 चरणों में होने जा रहे लोकसभा व 4 राज्यों के विधानसभा चुनाव लड़ रहे राजनीतिक दल अपने घोषणापत्र जारी कर रहे हैं। 

भाजपा का कहना है कि वह 10 करोड़ देशवासियों की राय जान कर अपना घोषणापत्र बना रही है, वहीं कांग्रेस ने 2 अप्रैल को अपना घोषणापत्र जारी कर दिया। पार्टी ने इसे ‘जन आवाज’ का नाम दिया है व इसके मुखपृष्ठ पर ‘हम निभाएंगे’ लिखा है। घोषणा पत्र का मुख्य आकर्षण ‘न्यूनतम आय योजना’ है जिसे पार्टी ने ‘न्याय योजना’ नाम दिया है। इसके अंतर्गत निर्धन वर्ग के 20 प्रतिशत लोगों के खातों में 6000 रुपए प्रतिमाह के हिसाब से प्रतिवर्ष 72,000 रुपए डाले जाएंगे। कांग्रेस ने इसके लिए नारा दिया है ‘गरीबी पर वार हर साल 72 हजार’। कांग्रेस ने रिक्त पड़ी 22 लाख सरकारी नौकरियों तथा 10 लाख युवाओं को गांवों में रोजगार देने का वायदा किया है। यह भी कहा है कि 3 वर्ष तक युवाओं को नया कारोबार करने के लिए अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी। 

मनरेगा में काम के दिन 100 से बढ़ाकर 150 करने, किसानों के ऋण न चुका पाने को फौजदारी अपराध के दायरे से बाहर रखने तथा उनके लिए अलग से बजट जारी करने की घोषणा की गई है। विश्वविद्यालयों, आई.आई.टी. तथा आई.आई.एम. सहित शीर्ष शिक्षण संस्थानों तक निर्धन वर्ग के बच्चों की पहुंच को आसान बनाने के लिए  जी.डी.पी. का 6 प्रतिशत शिक्षा पर खर्च करने का वादा किया गया है। सत्ता में आने पर राफेल एवं भ्रष्टाचार के अन्य मामलों की जांच करवाने, अनुसूचित जाति, जनजाति, ओ.बी.सी., अल्पसंख्यकों एवं महिलाओं के विकास के लिए कदम उठाने, लोकसभा एवं विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने और केंद्र सरकार की नौकरियों में 33 प्रतिशत आरक्षण का वायदा भी किया गया है। 

घोषणा पत्र के अनुसार कांग्रेस देशद्रोह को परिभाषित करने वाली धारा-124 को समाप्त करेगी और सेना की संख्या में कटौती के साथ-साथ अफस्पा (सेना का विशेषाधिकार कानून) खत्म करने का भी वायदा किया है। कश्मीर समस्या के शांतिपूर्ण समाधान, पाकिस्तान पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव डाल कर उसकी धरती से चलने वाली आतंकी गतिविधियों पर पूरी तरह अंकुश लगाने की बात भी कही गई है। राहुल गांधी ने कहा कि ‘‘यह घोषणापत्र एक साल की कड़ी मेहनत से लोगों के विचार जान कर तैयार किया गया है। जब हमने घोषणा पत्र के लिए प्रक्रिया शुरू की थी तो मैंने निर्देश दिया था कि यह घोषणापत्र बंद कमरे में न बने और इसमें जो भी दर्ज हो वह सच हो। इसमें कुछ भी झूठ नहीं होना चाहिए क्योंकि हम रोज प्रधानमंत्री के झूठ सुनते हैं।’’ 

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह घोषणा पत्र पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम के नेतृत्व वाली समिति ने नोबेल पुरस्कार विजेता अमत्र्य सेन जैसे अग्रणी अर्थशास्त्रियों के परामर्श से तैयार किया है तथा निर्धनों को प्रतिमाह 6,000 रुपए देने की योजना भी अमत्र्य सेन के परामर्श पर ही जारी करने की बात कही गई है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अनुसार, ‘‘इसके लिए राहुल गांधी ने देशभर में अध्ययन दल भेज कर सभी वर्गों के लोगों की राय ली है। जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्धनों को प्रतिवर्ष 6000 रुपए देने की घोषणा की है वहीं कांग्रेस ने प्रतिमाह 6000 रुपए देने की बात कही है।’’ 

कांग्रेस ने इसे आगे बढऩे वाला घोषणापत्र बताते हुए कहा है कि ‘‘इसमें गरीबों, छात्रों, किसानों और अल्पसंख्यकों सहित समाज के सभी वर्गों के कल्याण का ध्यान रखा गया है और लोगों को यह बताया जाएगा कि हम किस प्रकार देश को आगे ले जाने वाले हैं।’’ परंतु वित्त मंत्री श्री अरुण जेतली (भाजपा) ने कहा है कि, ‘‘क्या कांग्रेस के लिए देशद्रोह जुर्म नहीं है? पार्टी का घोषणा पत्र देश विरोधी एजैंडा है और कांग्रेस के वायदे देश की एकता के लिए खतरा हैं।’’— विजय कुमार  

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