Edited By Pardeep,Updated: 20 Nov, 2018 04:56 AM
आज देश का एक बड़ा हिस्सा आतंकवाद की चपेट में आया हुआ है और भारत में सक्रिय आतंकवादी गिरोह अपने विदेशी आकाओं की शह पर यहां शांति और सद्भावपूर्ण वातावरण को तबाह करने पर आमादा हैं। एक ओर उत्तर-पूर्व में ‘उल्फा’ और अन्य ....
आज देश का एक बड़ा हिस्सा आतंकवाद की चपेट में आया हुआ है और भारत में सक्रिय आतंकवादी गिरोह अपने विदेशी आकाओं की शह पर यहां शांति और सद्भावपूर्ण वातावरण को तबाह करने पर आमादा हैं।
एक ओर उत्तर-पूर्व में ‘उल्फा’ और अन्य उग्रवादी गिरोहों ने उत्पात मचा रखा है तो झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश आदि में ‘नक्सलवादियों’ तथा उत्तर में पंजाब और जम्मू-कश्मीर में ‘पाक प्रायोजित आतंकवादियों’ ने हिंसा और तोड़-फोड़ का सिलसिला जारी रखा हुआ है :
27 अक्तूबर को नक्सलवादियों ने बीजापुर में बारूदी सुरंग में विस्फोट करके गश्त पर तैनात सी.आर.पी.एफ. के 4 जवानों को शहीद कर दिया। 30 अक्तूबर को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सली हमले में दूरदर्शन के एक कैमरामैन एवं पुलिस के 2 जवानों की मृत्यु हो गई। 01 नवम्बर को असम के तिनसुकिया जिले में शाम को बिश्रोईमुख गांव के निकट 4 मोटरसाइकिल सवार ‘उल्फा’ आतंकवादियों ने पश्चिम बंगाल के रहने वाले 5 लोगों को एक लाइन में खड़े करके पीछे से गोली मार दी।
02 नवम्बर को छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले में एक जवान शहीद। 08 नवम्बर को नक्सलियों द्वारा दंतेवाड़ा में बम धमाके से 1 सी.आई.एस.एफ. जवान व 4 स्थानीय नागरिकों की हत्या। 11 नवम्बर को छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में नक्सलियों द्वारा बारूदी सुरंग में विस्फोट करके सीमा सुरक्षा बल के एक उप-निरीक्षक की हत्या। 15 नवम्बर को छत्तीसगढ़ के दोरनापाल थाना क्षेत्र में नक्सलवादियों ने सड़क निर्माण में संलग्न ठेकेदार की गला रेत कर निर्ममता पूर्वक हत्या करने के बाद उसके 7 वाहनों को भी आग में झोंक कर राख कर दिया।
16 नवम्बर को तड़के संदिग्ध उग्रवादियों द्वारा मणिपुर विधानसभा परिसर के प्रवेश द्वार पर हथगोले से हमले में सीमा सुरक्षा बल के एक जवान सहित 3 सुरक्षा कर्मी घायल हो गए। 18 नवम्बर को छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों द्वारा बारूदी सुरंग विस्फोट में एक जवान शहीद और 3 अन्य जवान घायल हो गए। जहां देश के अनेक राज्यों में उग्रवादी संगठनों द्वारा लगातार उग्रवादी घटनाएं, हत्याएं और लूटपाट जारी है वहीं जम्मू-कश्मीर और पंजाब में पाक प्रायोजित आतंकवादी हिंसा और तोड़-फोड़ जारी रखने के साथ-साथ आतंकवाद को पुन:जीवित करने की जी-तोड़ कोशिशें की जा रही हैं।
इसका नवीनतम प्रमाण 18 नवम्बर को मिला जब पंजाब में हाई अलर्टके बावजूद अमृतसर के राजासांसी अंतर्राष्ट्रीयहवाई अड्डे से मात्र 3 किलोमीटर दूर गांव अदलीवाल के निरंकारी भवन पर सत्संग के दौरान सुबह के समय किए गए ग्रेेनेड हमले से जोरदार धमाके के साथ आग लग गई और विस्फोट की चपेट में आने से निरंकारी सत्संग मिशन के सहायक प्रचारक सुखदेव कुमार सहित 3 लोगों की मृत्यु एवं कम से कम 19 श्रद्धालु घायल हो गए।
जानकारी के अनुसार मोटरसाइकिल पर सवार 2 नकाबपोश युवक निरंकारी भवन के गेट के आगे रुके। उनमें से एक ने गेट पर खड़े सेवादार पर पिस्तौल तान दी और दूसरे ने सत्संग हाल में जाकर ग्रेनेड स्टेज की ओर फैंक दिया जहां लगभग 200 श्रद्धालु सत्संग में लीन थे। इससे हाल में जोरदार धमाके के साथ गहरा धुआं छा गया तथा हमलावर मोटरसाइकिल पर बैठ कर भाग गए। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने इस बम धमाके के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजैंसी आई.एस.आई. समर्थित खालिस्तानी-कश्मीरी आतंकवादी गिरोहों का हाथ होने का संदेह व्यक्त किया है जबकि डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा के अनुसार यह एक आतंकवादी हमला था।
यह हमला ऐसे समय पर हुआ है जब यह दावा किया जा रहा था कि पंजाब में पुलिस हाई अलर्ट पर है क्योंकि पंजाब में पिछले लगभग 2 महीनों में आतंकवादियों से जुड़ी लगभग 8 घटनाएं हो चुकी थीं। उपरोक्त उदाहरणों से स्पष्टï है कि किस प्रकार प्रशासन द्वारा जारी किए गए ‘अलर्ट’ फिजूल साबित हो रहे हैं और आतंकवादियों ने भारत की शांति और कानून व्यवस्था को बंधक बनाकर रख दिया है। सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने भी 5 नवम्बर को कहा था कि पाकिस्तान सहित कई विदेशी ताकतें पंजाब का वातावरण दोबारा खराब करने और यहां आतंकवाद फैलाने के मौके की ताक में हैं तथा पंजाब के अलावा अन्य राज्यों में अशांति फैलाना चाहती हैं। उन्होंने देशवासियों को विदेशी ताकतों की गलत चालों से बचने की सलाह दी थी।—विजय कुमार