‘कोरोना’ : इस महामारी में भी कुछ लोग मौके का अनुचित लाभ उठाने की फिराक में!

Edited By ,Updated: 18 Mar, 2020 01:13 AM

corona  some people try to take advantage of the opportunity unfairly

विश्व के 150 करोड़ लोगों को घर में कैद होने के लिए विवश कर देने वाले ‘कोरोना वायरस’ से विश्व में दहशत का माहौल बना हुआ है और सभी प्रभावित देश अपने-अपने तरीके से इससे निपट रहे हैं।  भारत में सभी स्कूल, स्विमिंग पूल, मॉल्स और सिनेमाघर आदि 31 मार्च तक...

विश्व के 150 करोड़ लोगों को घर में कैद होने के लिए विवश कर देने वाले ‘कोरोना वायरस’ से विश्व में दहशत का माहौल बना हुआ है और सभी प्रभावित देश अपने-अपने तरीके से इससे निपट रहे हैं। 
भारत में सभी स्कूल, स्विमिंग पूल, मॉल्स और सिनेमाघर आदि 31 मार्च तक बंद करने की एडवाइजरी जारी की गई है। देश के अनेक बड़े मंदिरों में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। अनेक देशों ने दूसरे देशों से लोगों का आवागमन रोक दिया है। दक्षिण अफ्रीका सरकार ने ईरान और चीन के हजारों वीजा रद्द कर दिए हैं। यूरोप के दर्जनों देशों ने अपनी सीमाएं सील करने के साथ ही कफ्र्यू लगाने के अलावा अधिकतर सार्वजनिक कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। 

अमरीका में 60 प्रतिशत आबादी पर ‘कोरोना’ के खतरे के दृष्टिगत वहां शट डाऊन की सिफारिश व नई हैल्थ गाइडलाइन जारी करने के अलावा कुछ राज्यों में कफ्र्यू भी लगा दिया गया है। फ्रांस ने भी इटली और स्पेन की भांति इतने प्रतिबंध लगा दिए हैं जो युद्ध के अलावा शायद ही कभी लगाए गए हों।अनेक उपचार केंद्रों में भर्ती संदिग्ध मरीज वहां से भाग कर अपने सम्पर्क में आने वाले लोगों के लिए भी खतरा बन रहे हैं।  ऐसे लोगों और रोग छिपाने की कोशिश करने वालों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जा रही है। आस्ट्रेलिया में स्वास्थ्य कर्मचारियों को ऐसा करने वालों की गिरफ्तारी और उन्हें पकड़ कर अस्पताल पहुंचाने के लिए घरों की तलाशी के अधिकार दिए गए हैं तो श्रीलंका में कोरोना के लक्षण छुपाने पर 6 महीने कैद का प्रावधान किया गया है। 

भारत के मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे ने  देश की जेलों में बंद कैदियों पर ‘कोरोना वायरस’ का असर पडऩे की आशंका के दृष्टिगत सभी संबंधित पक्षों को 23 मार्च तक यह बताने को कहा है कि वे कैदियों को ‘कोरोना’ से बचाने के लिए क्या कर रहे हैं। कुछ राज्यों में तो कैदियों को अस्थायी रूप से पैरोल पर भेज देने की सलाह भी दी गई है। एक ओर लोग इस आपदा से बचाव के लिए धार्मिक अनुष्ठान तक कर रहे हैं। गत दिनों इंदौर के महाकाल मंदिर में भगवान महाकाल का विशेष पूजन किया गया तो दूसरी ओर ऐसे भ्रामक बयान देकर लोगों को गुमराह किया जा रहा है कि ‘‘कोविड (‘कोरोना’) एक अवतार है।’’‘कोरोना’ से बचाव के नाम पर कुछ समाज विरोधी तत्वों द्वारा भोले-भाले लोगों को ठगा भी जा रहा है। लखनऊ में ‘कोरोना वायरस’ को ठीक करने का दावा करने वाला ताबीज 11-11 रुपए में बेच कर लोगों को मूर्ख बनाने वाले एक फर्जी बाबा अहमद सिद्दिकी को गिरफ्तार किया गया है। 

कुछ शरारती तत्व बेसिर-पैर की अफवाहें फैला कर तथा हैंड सैनीटाइजरों और प्रोटैक्टिव मास्क आदि की कालाबाजारी करके और नकली सैनीटाइजर व मास्क बेच कर लोगों को लूट रहे हैं। ऐसे माहौल के बीच एक अच्छी खबर भी आई है। अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि देश में ‘कोरोना’ के उपचार के लिए सबसे तेज वैक्सीन तैयार करने की दिशा में कदम उठाया गया है और उसके पहले चरण का परीक्षण भी शुरू कर दिया गया है जिसके अच्छे परिणाम जल्द सामने आएंगे। हालांकि इसके साथ उन्होंने यह भी कहा है कि इस संकट का सामना गर्मियों के मौसम तक करना पड़ सकता है। 

यहां यह भी उल्लेखनीय है कि जहां ‘कोरोना वायरस’ के चलते बाजारों में कारोबार ठप्प हो गया है वहीं लोग ऑनलाइन शॉपिंग पर निर्भर हो गए हैं और ग्राहकों के भारी रश को देखते हुए अमेजोन ने अमरीका में 1 लाख नई फुल और पार्ट टाइम भॢतयां करने का निर्णय किया है। बहरहाल आज जबकि विश्व एक बड़ी समस्या से जूझ रहा है, स्वास्थ्य रक्षा की पुरातन भारतीय पद्धतियों से शरीर में रोगों से बचाव की क्षमता  बढ़ाने के गुण को देखते हुए हार्वर्ड मैडीकल स्कूल ने लोगों को ‘कोरोना’ के संभावित खतरों से बचने के लिए योग करने और ध्यान लगाने के साथ-साथ सांस पर नियंत्रण रखने की कला सीखने की सलाह भी दी है। इस बारे एक कविता भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है-

‘‘कल रात सपने में आया ‘कोरोना’, मुस्करा के बोला मुझसे डरो न, 
कितनी अच्छी है तुम्हारी संस्कृति, हाथ जोड़ सबका स्वागत करते हैं, 
तो वही करो न। मुझसे डरो न। सादा भोजन, उच्च विचार
यही हैं तुम्हारे संस्कार, जंक फूड के चक्कर में पड़ो न।
उसने कहा शुरू से तुम्हें सिखाया गया है कि जब भी बाहर से आओ
घर में हाथ-पैर धो कर आओ। मत भूलो अपनी संस्कृति को, 
वही करो न, मुझसे डरो न।
उसने कहा शुरू से तुम मूक जानवरों को पाल कर
उन्हें स्नेह देते आए हो, रक्षण है तुम्हारी संस्कृति, भक्षण करो न।
कल रात सपने में आया ‘कोरोना’ जो मुझसे बोला वह तुम भी करो न।’’ 

समाज के हर व्यक्ति को अन्य उपायों के साथ-साथ उक्त सावधानी बरत कर ‘कोरोना’ रोधी प्रयासों में प्रशासन का साथ देने की जरूरत है न कि मौके का अनुचित लाभ उठाने और लोगों के प्राणों से खेलनेे की।—विजय कुमार

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