राजधानी दिल्ली में बढ़ते जा रहे अपराध और ‘बंदूक संस्कृति’

Edited By ,Updated: 14 Feb, 2019 04:01 AM

criminalization in the capital and  gun culture

देश की राजधानी तथा विश्व के अधिकांश देशों के दूतावास होने के कारण यह अपेक्षा की जाती है कि दिल्ली देश के अन्य राज्यों से अधिक सुरक्षित होगी परन्तु वास्तविकता इसके विपरीत है। यहां भी देश के अन्य भागों की भांति ही अपराधों का जोर है और निम्न में दर्ज...

देश की राजधानी तथा विश्व के अधिकांश देशों के दूतावास होने के कारण यह अपेक्षा की जाती है कि दिल्ली देश के अन्य राज्यों से अधिक सुरक्षित होगी परन्तु वास्तविकता इसके विपरीत है। यहां भी देश के अन्य भागों की भांति ही अपराधों का जोर है और निम्न में दर्ज उदाहरणों से स्पष्टï है कि ऐसा कोई भी अपराध नहीं जो यहां न हो रहा हो : 

19 जनवरी को दरियागंज में एक अज्ञात बच्ची की लाश बरामद हुई। 20 जनवरी को नई दिल्ली में शालीमार बाग में एक युवक की हत्या। 21 जनवरी अलीपुर के खेतों में अज्ञात महिला की लाश मिली। 22 जनवरी को ख्याला इलाके में थाने से मात्र 100 मीटर दूर एक ज्यूलरी शॉप से बंदूक की नोक पर लाखों रुपए के गहने लूटे गए। 27 जनवरी को समयपुर बादली से लापता 6 वर्षीय बच्ची की बोरी में बंद लाश बरामद हुई। 29 जनवरी को ईस्ट आफ कैलाश में बुजुर्ग दम्पति की हत्या। 01 फरवरी को नरेला में एक व्यक्ति को गोलियों से भून दिया गया। 05 फरवरी को कृष्णा नगर के ए ब्लॉक में ऑटो चालक की हत्या। 

05 फरवरी को पूर्वी दिल्ली नगर निगम के स्कूल की चौथी कक्षा में पढऩे वाली 10 वर्षीय बच्ची से स्कूल के सफाई कर्मचारी द्वारा बलात्कार। 06 फरवरी को नारायणा के सार्वजनिक शौचालय में 4 वर्षीय मासूम से एक 35 वर्षीय सैनीटेशन कर्मचारी ने बलात्कार कर डाला। 07 फरवरी रात को बुलेट सवार बदमाशों ने हजरत निजामुद्दीन थाने में तैनात ए.एस.आई. को पेट में गोली मार कर उसे लूट लिया। जिस जगह यह वारदात हुई वहां रोशनी नहीं थी। 08 फरवरी को प्रीत विहार इलाके में बदमाशों ने एक महिला व उसके बेटे को पिस्तौल दिखाकर उनसे गहने और 10,000 रुपए नकदी छीन ली। 08 फरवरी को बाहरी नांगलोई इलाके में एक महिला की चाकुओं से गोद कर हत्या कर दी गई। 

09 फरवरी को शाहदरा में कुछ लोगों ने एक महिला के साथ उसके पति के सामने सामूहिक बलात्कार किया और उसके पति को पीटा। 09 फरवरी को निहाल विहार में 7 साल की बच्ची से दरिंदगी के बाद गला घोंट कर उसकी हत्या कर दी गई। 10 फरवरी को दिल्ली की कमला मार्कीट में रोड रेज के एक मामले में एक व्यक्ति को 2 कार सवारों ने गोली मार कर घायल कर दिया। 11 फरवरी को जी.टी.बी. एन्क्लेव इलाके में बाइक सवार बदमाशों ने पहले एक बारात में घुस कर दूल्हे के पिता के हाथों से बैग छीन लिया जिसमें लगभग डेढ़ लाख रुपए नकद व गहने थे। इसके तुरंत बाद उन्होंने मैट्रो स्टेशन की पार्किंग में एक व्यक्ति से नकदी और मोबाइल लूट लिए। 

12 फरवरी को अलीपुर इलाके के खेतों से एक बार फिर एक युवक की टुकड़ों में लाश मिली। 12 फरवरी को प्रेम नगर में बीयर की बोतल और चाकू से हमला करके एक युवक को घायल कर दिया गया। ये तो वे घटनाएं हैं जो प्रकाश में आई हैं इनके अलावा भी न जाने कितनी और घटनाएं हुई होंगी जो प्रकाश में नहीं आ पाईं। उक्त घटनाएं इस बात की साक्षी हैं कि अपराधों में तथाकथित कमी आने के सरकार के दावों के बावजूद स्थिति कितनी गंभीर है और लोग किस कदर असुरक्षित हैं। इन सब मामलों का एक चिंताजनक पहलू यह भी है कि राजधानी में अपराधों में बड़ी संख्या में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ तथा अन्य स्थानों से तस्करी करके लाए गए हथियार इस्तेमाल किए जा रहे हैं। इस मामले में मेरठ के सतला गांव से बड़ी संख्या में हथियार गैंगस्टरों और स्थानीय अपराधियों को दिल्ली के ट्रांस यमुना क्षेत्र में सप्लाई किए जा रहे हैं। 

उल्लेखनीय है कि 52 किलोमीटर लम्बी ट्रांस यमुना पट्टïी एक ओर हरियाणा के सोनीपत और दूसरी ओर दिल्ली के मदनपुर खादर गांव व यमुना के साथ लगती है। इस पट्टïी पर स्थित अनेक गांव अवैध हथियारों की डिलीवरी के नए केन्द्र बन गए हैं और राजधानी में पनप रही ‘बंदूक संस्कृति’ चिंता का विषय है जिसे तुरन्त रोकने की जरूरत है।—विजय कुमार

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