बकायों के न आने के कारण राज्यों के बिजली विभागों पर आर्थिक बोझ

Edited By ,Updated: 15 Dec, 2019 01:20 AM

economic burden on the power departments of the states

एक तो विभिन्न राज्यों के बिजली विभाग पहले ही आर्थिक संकट के शिकार हैं, ऊपर से विभिन्न सरकारी विभागों आदि द्वारा भारी-भरकम बिलों की अदायगी न करने के कारण इन पर आर्थिक बोझ अत्यंत बढ़ गया है। पंजाब में 35 सरकारी विभागों के जिम्मे 2150 करोड़ रुपए की...

एक तो विभिन्न राज्यों के बिजली विभाग पहले ही आर्थिक संकट के शिकार हैं, ऊपर से विभिन्न सरकारी विभागों आदि द्वारा भारी-भरकम बिलों की अदायगी न करने के कारण इन पर आर्थिक बोझ अत्यंत बढ़ गया है। 

पंजाब में 35 सरकारी विभागों के जिम्मे 2150 करोड़ रुपए की राशि बकाया पड़ी है और पंजाब स्टेट पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (पी.एस.पी.सी.एल.) के बार-बार रिमाइंडर तथा बिजली काटने की चेतावनी देने के बावजूद अदायगी नहीं की जा रही। बिलों के बकाया तथा अन्य कारणों से भारी आर्थिक संकट से जूझ रही पी.एस.पी.सी.एल. ने अब सरकारी विभागों से अपने बकाया निकलवाने के लिए कार्रवाई शुरू की है। 

इसी सिलसिले में पावरकॉम ने 9 दिसम्बर को केंद्रीय जेल पटियाला, सिविल लाइन थाना और मॉडल टाऊन चौकी पटियाला के बिजली कनैक्शन काट दिए। इसके बाद लुधियाना के 20 पुलिस थानों तथा कुछ अन्य सरकारी विभागों की बिजली भी काटी गई जिसे बाद में संबंधित विभागों के अधिकारियों द्वारा शीघ्र अदायगी के आश्वासन पर बहाल कर दिया गया। इसी प्रकार हरियाणा में ‘दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम’ और ‘उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम’ के लगभग 16.08 लाख बिजली उपभोक्ताओं के जिम्मे लगभग 5081.27 करोड़ रुपए की अदायगी बाकी है जबकि राज्य के सरकारी विभागों के जिम्मे इस वर्ष मार्च तक 870.90 करोड़ रुपए की राशि बकाया थी।

जहां तक उत्तर प्रदेश का संबंध है राज्य के सरकारी विभागों के जिम्मे ही सर्वाधिक 13,361 करोड़ रुपए के बिजली बिल बकाया हैं जबकि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के सरकारी विभागों के जिम्मे क्रमश: 6737 तथा 4913 करोड़ रुपए के बिजली बिल बकाया थे। अन्य राज्यों के बिजली विभागों की भी कुछ ऐसी ही कहानी है। अत: जिस प्रकार पंजाब स्टेट पावर कार्पोरेशन ने अपने बकाया बिजली बिलों की वसूली के लिए अभियान आरंभ किया है उसी प्रकार अन्य राज्यों को भी अपने बकाया पड़े बिजली बिलों की वसूली के लिए कार्रवाई करनी चाहिए तभी बिजली बोर्डों की वित्तीय स्थिति में सुधार हो सकेगा और वे उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान कर सकेंगे।—विजय कुमार 

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