‘आवारा कुत्तों का बढ़ रहा उत्पात’ प्रभावी पग जल्दी उठाए जाएं

Edited By Pardeep,Updated: 06 Jul, 2018 02:10 AM

effective steps should be taken to raise the rising dog of the stray dogs

भारत में आदमखोर होते जा रहे आवारा कुत्तों का उत्पात इतना बढ़ चुका है कि रोज दिल्ली में ही इनके काटने की 200 से अधिक घटनाएं हो रही हैं। कुत्तों के काटने से होने वाली बीमारी रैबीज से मौतों ने कैंसर जैसी घातक बीमारी को भी पीछे छोड़ दिया है और पिछले 2...

भारत में आदमखोर होते जा रहे आवारा कुत्तों का उत्पात इतना बढ़ चुका है कि रोज दिल्ली में ही इनके काटने की 200 से अधिक घटनाएं हो रही हैं। कुत्तों के काटने से होने वाली बीमारी रैबीज से मौतों ने कैंसर जैसी घातक बीमारी को भी पीछे छोड़ दिया है और पिछले 2 वर्षों में इस बीमारी का शिकार एक भी पीड़ित नहीं बच सका। आवारा कुत्तों के कारण उत्तर प्रदेश के सीतापुर में तो बच्चे स्कूल जाने से भी डरने लगे हैं जहां नवम्बर, 2017 से लेकर अब तक ये 13 से अधिक बच्चों को अपना निशाना बना चुके हैं। मात्र एक महीने के दौरान ही कुत्तों के काटने की चंद घटनाएं निम्र में दर्ज हैं : 

06 जून को भिखीविंड में आवारा कुत्तों ने गली में खेल रहे 4 वर्षीय बच्चे पर हमला करके उसकी टांगों, पीठ और दाएं कान को काट खाया। 06 जून को कानपुर में एक 7 वर्षीय मासूम को काट कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। 08 जून को कानपुर की जे.के. कालोनी में घर के बाहर खेल रहे 2 बच्चों पर हमला करके उन्हें बुरी तरह लहूलुहान कर दिया। 11 जून को एक आवारा कुत्ते ने हिमाचल प्रदेश के नाहन में 3 बच्चों सहित एक दर्जन लोगों को काट खाया। 11 जून को ही बरनाला के छीनी वाल खुर्द गांव में एक व्यक्ति को आवारा कुत्तों ने नोच-नोच कर मार डाला। 

15 जून को लुधियाना के छावनी मोहल्ला इलाके में घर के बाहर खेल रहे 13 वर्षीय बच्चे को कुत्ते ने काट लिया। 18 जून को चंडीगढ़ के पार्क में खेल रहे 4 बच्चों पर आवारा कुत्तों ने हमला कर दिया और उनमें से डेढ़ साल के एक बच्चे को नोच-नोच कर मार डाला। 19-20 जून को उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में आवारा कुत्तों ने विभिन्न गांवों में धावा बोल कर 15 बच्चों सहित 60 लोगों को घायल किया। 20 जून को मुरादाबाद के निकट कुत्तों ने 20 लोगों को काट खाया। 21 जून को हरियाणा के नागल गांव में खूंखार आवारा कुत्तों ने बाड़े में बंधे पशुओं को नोच-नोच कर खा लिया जिससे एक भैंस की मृत्यु तथा 6 अन्य मवेशी गंभीर रूप से घायल हो गए। 

21 जून को जालंधर के गढ़ा में एक बच्ची को काट खाया। 22 जून को मोहाली के गांव दाऊ में हड्डïारोड़ी के 3 कुत्तों ने खेतों में 7 वर्षीय बच्चे पर हमला करके बुरी तरह घायल कर दिया। 24 जून को बटाला के गांव वडाला बांगर के निकट आवारा कुत्तों के झुंड ने खेत में काम करके लौट रहे बुजुर्ग को घेर कर मार डाला। 24 जून को ही उत्तर प्रदेश के शामली में आवारा कुत्तों ने 6 लोगों पर हमला करके उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया। 02 जुलाई को जालंधर के बस्तीयात इलाके में आवारा कुत्ते ने अनेक महिलाओं और बच्चों को काटा जिसे लोगों ने पीट-पीट कर मार डाला। 04 जुलाई को भगवानपुर में बाग की रखवाली कर रहे एक किशोर पर कुत्ते ने हमला करके उसे मार डाला व 4 अन्य को घायल कर दिया। 05 जुलाई को ठाकुरद्वारा में आवारा कुत्तों के हमले में 8 लोग घायल। 

ऊपर दिए गए उदाहरणों से स्पष्टï है कि आवारा कुत्तों का आतंक किसी एक क्षेत्र तक सीमित न रह कर समान रूप से देश भर में फैल रहा है। इन आवारा कुत्तों को वश में करने का दायित्व स्थानीय निकायों का है परंतु वे इस ओर समुचित ध्यान नहीं दे रहे। जब पीड़ित इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में जाता है तो वहां उसे उपचार नहीं मिलता तथा अधिकांश स्थानों पर अस्पतालों में एंटी रैबीज वैक्सीन तक उपलब्ध नहीं है। अब एक महत्वपूर्ण निर्णय में उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने 15 जून को राज्य सरकार को यह बात यकीनी बनाने का आदेश दिया है कि अगले 6 महीनों के भीतर राज्य में सड़कों पर कोई आवारा कुत्ता नजर न आए तथा इन्हें शैल्टर हाऊसों में रखा जाए। इसी प्रकार अन्य राज्यों की सरकारों के लिए भी इस आशय का आदेश जारी किया जाना चाहिए ताकि आम लोगों की जानें बच सकें।—विजय कुमार 

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