मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान व तेलंगाना की चुनावी हलचल

Edited By Pardeep,Updated: 02 Nov, 2018 03:45 AM

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जल्द ही होने जा रहे पांच राज्यों के चुनावों के दृष्टिगत इन राज्यों में राजनीतिक हलचल जोरों पर है। इनमें से मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना के चुनावों की कुछ दिलचस्प बातें यहां दर्ज की जा रही हैं : मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में...

जल्द ही होने जा रहे पांच राज्यों के चुनावों के दृष्टिगत इन राज्यों में राजनीतिक हलचल जोरों पर है। इनमें से मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना के चुनावों की कुछ दिलचस्प बातें यहां दर्ज की जा रही हैं : 

मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भोपाल गैस त्रासदी चुनावी मुद्दा बन गई है। भोपाल में 1984 में हुए गैस कांड के पीड़ितों ने मुआवजे की मांग करते हुए अपने मकानों के बाहर पोस्टर टांग दिए हैं। पोस्टर में लिखा है कि राज्य में जो भी वोट मांगने आएगा वे उसे अपना स्टाम्प पेपर देंगे जिस पर उन्हें मुआवजा दिलाने का लिखित वादा करने पर ही वोट दिया जाएगा। गैस कांड के पीड़ितों का आरोप है कि दुर्घटना के 33 वर्ष बाद भी उन्हें सरकार ने मुआवजा नहीं दिया है। 

शिवराज चौहान सरकार द्वारा दिए गए राज्यमंत्री का दर्जा ठुकराने के बाद कम्प्यूटर बाबा ने इसके विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। अब वह अपने ‘मन की बात’ द्वारा सरकार पर निशाना साध रहे हैं तथा सरकार के विरुद्ध लगातार बयान दे रहे हैं जिसे देखते हुए सरकार उन्हें मनाने के प्रयासों में जुट गई है। इन दिनों कांग्रेसी विधायक और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वह वोटरों से कह रहे हैं कि ‘‘आप तो मेरी इज्जत और लाज रखो। पार्टी गई तेल लेने।’’ 

मध्य प्रदेश के इन चुनावों की एक खास बात यह भी है कि अभी तक तो कांग्रेस और भाजपा के अधिकांश नेता सोशल मीडिया से दूर ही रहते आए थे और कुछ तो अपने पास स्मार्ट फोन तक नहीं रखते थे और कुछ ने तो अपना फोन पकडऩे तक के लिए ‘हैल्पर’ रखा हुआ था। जब से दोनों पाॢटयों के हाईकमान ने चुनावों में सोशल मीडिया की उपयोगिता की बात कही है, उन्होंने जनसंपर्क के लिए सोशल मीडिया का सहारा लेना शुरू कर दिया है और फेसबुक पर दिलचस्प पोस्ट डाल रहे हैं। जेल में रह कर कैदियों को चुनाव लडऩे का अधिकार तो है परंतु मतदान करने का नहीं। कुछ ऐसी बंदिशें हैं जिनकी वजह से हर बार की तरह इस बार भी मध्य प्रदेश की जेलों में बंद 42,000 विचाराधीन व सजायाफ्ता कैदी अपने वोट का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। 

23 अक्तूबर को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब रायपुर पहुंचे तो छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह, उनकी पत्नी और बेटे ने उनके पांव छू कर आशीर्वाद लिया, उनकी आरती उतारी और माल्यार्पण किया। इसके बाद रमन सिंह ने काफिले के साथ जाकर नामांकन पत्र भरा। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा प्रत्याशियों की सूची से हर कोई हैरान है क्योंकि ज्यादातर सीटों पर पार्टी ने उन चेहरों पर दाव लगाया है जिन्हें पिछली बार हार का सामना करना पड़ा था। इनमें पूर्व गृह मंत्री ननकी राम कंवर, पूर्व महिला बाल विकास मंत्री लता उसेडी, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री कृष्णामूर्ति बांधी और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष धर्मपाल कौशिक आदि शामिल हैं। 

राजस्थान में भाजपा सरकार को सत्ता विरोधी लहर का सामना तो पहले ही करना पड़ रहा है अब इसकी मुश्किलों को कुछ और बढ़ाते हुए जहां वरिष्ठ भाजपा नेता जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है वहीं एक अन्य पूर्व भाजपा नेता हनुमान बेनीवाल ने ‘राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी’ बनाकर चुनाव लडऩे और भाजपा को हराने के लिए समविचारक दलों के साथ गठबंधन करने की घोषणा की है। 

तेलंगाना में 7 दिसम्बर को होने वाले विधानसभा चुनाव में राजेंद्र नगर विधानसभा सीट पर मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुसलमीन (एम.आई.एम.) ने मिर्जा रहमत बेग को अपना उम्मीदवार बनाया है जो किसी समय एम.आई.एम. के पूर्व विधायक सईद सज्जाद की कार का ड्राइवर हुआ करता था। सईद सज्जाद के बाद वह विधायक अहमद पाशा कादरी का भी ड्राइवर रहा। 2014 के चुनावों में उसे कादरी का निजी सहायक बना दिया गया था। अभी तक इन चुनावों के सिलसिले में कुछ ऐसे ही रंग देखने को मिले हैं लेकिन चुनावों के नजदीक आने के साथ-साथ इनमें कुछ और रंग भी जुड़ेंगे जो हम अपने पाठकों से सांझे करते रहेंगे।—विजय कुमार

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