‘जग बाणी’ का 43वें वर्ष में प्रवेश

Edited By ,Updated: 21 Jul, 2020 02:09 AM

entering the 43rd year of jag bani

हमें पाठकों को यह बताते हुए अपार हर्ष और गर्व महसूस हो रहा है कि ‘पंजाब केसरी ग्रुप’ का सहयोगी प्रकाशन और आपका प्रिय पंजाबी दैनिक ‘जग बाणी’ आज अपने प्रकाशन के 43वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है और लगातार कदम आगे बढ़ाते हुए इसकी पाठक संख्या 40 लाख

हमें पाठकों को यह बताते हुए अपार हर्ष और गर्व महसूस हो रहा है कि ‘पंजाब केसरी ग्रुप’ का सहयोगी प्रकाशन और आपका प्रिय पंजाबी दैनिक ‘जग बाणी’ आज अपने प्रकाशन के 43वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है और लगातार कदम आगे बढ़ाते हुए इसकी पाठक संख्या 40 लाख से अधिक हो गई है जो पंजाबी दैनिकों में सर्वाधिक है। 

आज के शुभ दिन मुझे याद आता है जब पूज्य पिता लाला जगत नारायण जी ने 4 मई, 1948 को 3000 प्रतियों के साथ उर्दू दैनिक हिंद समाचार’ का प्रकाशन शुरू किया तथा 1965 तक पहुंचते-पहुंचते इसकी प्रसार संख्या 60-70 हजार तक पहुंच गई। फिर 13 मई, 1984 को यह 1 लाख 1 हजार 475 प्रतियों का आंकड़ा छू कर देश का सर्वाधिक प्रसारित उर्दू दैनिक बन गया। 

लाला जी ने 13 जून,1965 को 6000 प्रतियों के साथ हिन्दी दैनिक ‘पंजाब केसरी’ आरंभ किया। अभी इसे आरंभ हुए कुछ ही समय बीता था कि पाकिस्तान के साथ युद्ध छिड़ गया। उन दिनों पूज्य पिता जी राज्यसभा के निर्दलीय सदस्य थे और तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री ने सीमा का दौरा करके जवानों का हौसला बढ़ाने की उनकी ड्यूटी लगा दी। उस समय मैं पिता जी के साथ युद्ध क्षेत्र में जाकर वहां जवानों और अधिकारियों से मिलने के बाद उनके फोटो खींच कर लाता था जो हमारे दोनों समाचार पत्रों में प्रकाशित होते थे। पूज्य पिता जी पंजाब में घूमते और सभी धर्मों के धर्म स्थलों पर जाते और भाषण देते थे। उनका कहना था कि उनसे मिलने वालों की यह पुरजोर मांग है कि हम पंजाबी में भी एक दैनिक शुरू करें।

कुछ अकाली व कांग्रेसी नेताओं ने भी उन्हें पंजाबी दैनिक शुरू करने का उत्साह दिया था और अंतत: जब लाला जी ने ‘जग बाणी’ शुरू करने का फैसला करके हमें बताया तो हम दोनों भाई मैं और रमेश जी तत्काल उनसे सहमत नहीं हुए। हमने उनसे कहा कि  ‘प्रताप’ के प्रकाशकों ने भी पंजाबी दैनिक निकाला था पर वह चला नहीं। इस पर लाला जी ने कहा कि ‘‘एक निष्पक्ष और धर्मनिरपेक्ष पंजाबी दैनिक की अत्यंत आवश्यकता है इसलिए ‘जग बाणी’ शुरू कर दो।’’ लाला जी द्वारा यह फैसला करने के साथ ही ‘ट्रिब्यून ग्रुप’ ने भी ङ्क्षहदी व पंजाबी में अपने दैनिक शुरू करने की घोषणा कर दी थी। जब हमने लाला जी का ध्यान इस ओर दिलाया तो वह और भी खुश हुए तथा कहने लगे कि ‘‘यह तो और भी अच्छी बात है (more the merrier)। अब एक नहीं बल्कि दो-दो धर्मनिरपेक्ष पंजाबी दैनिक हो जाएंगे।’’ 

इस प्रकार 21 जुलाई, 1978 को 8000 प्रतियों की प्रारंभिक प्रकाशन संख्या के साथ पंजाबी दैनिक ‘जग बाणी’ शुरू हुआ। चूंकि पंजाब में हिन्दू, सिख, ईसाई और मुसलमान सभी पंजाबी ही बोलते हैं, अत: ‘जग बाणी’ की लोकप्रियता लगातार बढ़ती चली गई तथा आज यह 4 केंद्रों जालंधर, लुधियाना, चंडीगढ़ तथा बङ्क्षठडा से प्रकाशित हो रहा है। समय के साथ-साथ ‘पंजाब केसरी ग्रुप’ के सभी समाचारपत्रों का रंग-रूप और कलेवर बदलता चला गया तथा आज ये समाचारों के प्रस्तुतिकरण और तकनीकी गुणवत्ता में अन्य समकालीन पत्रों से कहीं आगे हैं। इसका सारा श्रेय पूज्य पिता लाला जगत नारायण जी को है और आज उनके मिशन को मेरे साथ-साथ लाला जी के दोनों पोतों प्रिय अविनाश और अमित चोपड़ा के अलावा अब 3 पड़पोते और 1 पड़पोती आगे बढ़ा रहे हैं। इस बीच दिल्ली से हिन्दी दैनिक ‘नवोदय टाइम्स’ का प्रकाशन भी आरंभ किया गया है। 

हालांकि अपनी इस सफल यात्रा के दौरान आतंकवाद के काले दौर में दुर्भाग्यवश हमने अपने दो मुख्य संपादकों पूज्य पिता लाला जगत नारायण और श्री रमेश चंद्र जी के अलावा 2 समाचार सम्पादक और उप-संपादक, 60 अन्य संवाददाता, छायाकार, ड्राइवर, एजैंट और हॉकर खोए। हालांकि कोरोना के कारण हमारे समाचारपत्रों की प्रसार संख्या कुछ घट गई थी परंतु अब यह सामान्य हो रही है। पूज्य पिता लाला जगत नारायण जी के आशीर्वाद, बच्चों की मेहनत और आप सबके सहयोग से हम समाचारपत्र जगत में अपना स्वतंत्र, निष्पक्ष और धर्मनिरपेक्ष स्वरूप बनाए रख सके हैं। हमें इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए आप सबका धन्यवाद करते हुए संकल्प करते हैं कि भविष्य में भी निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता के अपने सिद्धांत पर अडिग रहेंगे।—विजय कुमार 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!