महिलाओं के विरुद्ध अपराधों की बाढ़ आखिर यह बुराई कब रुकेगी

Edited By ,Updated: 01 Dec, 2019 12:28 AM

flood of crimes against women when will this evil stop

सरकार द्वारा महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में कमी के दावों के बावजूद ये लगातार जारी हैं। अपराधी इस कदर बेखौफ हो चुके हैं कि महिलाएं न अपने घरों में सुरक्षित हैं और न ही बाहर जो मात्र 9 दिनों की ...

सरकार द्वारा महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में कमी के दावों के बावजूद ये लगातार जारी हैं। अपराधी इस कदर बेखौफ हो चुके हैं कि महिलाएं न अपने घरों में सुरक्षित हैं और न ही बाहर जो मात्र 9 दिनों की निम्र घटनाओं से स्पष्ट है :

21 नवम्बर को गुरुग्राम में एक 24 वर्षीय युवक को अपने पड़ोसी की 12 वर्षीय बेटी को जान से मारने की धमकी देकर उससे बलात्कार करने के आरोप में पकड़ा गया।
21 नवम्बर को उत्तर प्रदेश में बलिया की पुलिस ने एक 15 वर्षीय दलित लड़की के अपहरण और उसे विभिन्न स्थानों पर ले जाकर उससे सामूहिक बलात्कार करने के आरोप में 5 लोगों के विरुद्ध केस दर्ज किया।
22 नवम्बर को कोझिकोडे में एक स्कूल के अध्यापक बॉबी जोसफ को अपनी छात्राओं के यौन शोषण और अप्राकृतिक सैक्स करने के अलावा उन्हें परस्पर सैक्स करने के लिए मजबूर करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
22 नवम्बर को राजस्थान में जयपुर के गांव ‘चौकीजरेल’ में एक व्यक्ति ने अपनी सो रही बेटी से ही बलात्कार कर डाला।
23 नवम्बर को कपूरथला में हरप्रीत धीर नामक एक व्यक्ति के विरुद्ध अपनी अलग रह रही पत्नी के घर में घुस कर उसके साथ मारपीट और बलात्कार करने के आरोप में केस दर्ज किया गया।
24 नवम्बर को संगरूर के गांव भूरा में शराब के लिए पैसे न देने पर वीरेंद्र सिंह नामक व्यक्ति ने अपनी पत्नी राजविंद्र कौर पर पैट्रोल उंडेल कर उसे आग लगा दी जिससे वह 40 प्रतिशत झुलस गई।
26 नवम्बर को संगरूर में एक व्यक्ति के विरुद्ध अपनी 14 वर्षीय मंदबुद्धि बेटी से बलात्कार करने के आरोप में केस दर्ज किया गया।
26 नवम्बर को राजस्थान के कोटा में एक 15 वर्षीय नाबालिग के अपहरण के बाद उससे बलात्कार किया गया।
27 नवम्बर को हिसार पुलिस ने रोहतक के एक व्यक्ति पर एक महिला से बलात्कार करने के बाद उसे ब्लैकमेल करने के आरोप में केस दर्ज किया।
27 नवम्बर को श्रीगंगानगर में 2 लोगों ने लिफ्ट देने के बहाने एक 35 वर्षीय विधवा और 16 वर्षीय नाबालिग से बलात्कार किया।
27 नवम्बर को केरल में उमर अली नामक प्रवासी मजदूर ने एक 42 वर्षीय महिला से बलात्कार करने के बाद उसे पीट-पीट कर मार डाला।
27 नवम्बर को हिसार की एक अदालत ने एक 11 वर्षीय बच्ची से बलात्कार करने के आरोप में उसके रिश्ते के भाई को दोषी करार देते हुए 1 लाख रुपए जुर्माना और 20 वर्ष कैद की सजा सुनाई।
27 नवम्बर को तेलंगाना के वारंगल जिले में एक व्यक्ति ने अपने साथ रिलेशनशिप में रहने वाली महिला को सुनसान स्थान पर ले जाकर उससे बलात्कार करने के बाद उसकी हत्या कर दी।
27 नवम्बर को दीनानगर के एक गांव में 16 वर्षीय एक नाबालिग लड़की से 3 लोगों ने सामूहिक बलात्कार कर डाला।
28 नवम्बर को लुधियाना पुलिस ने एक तलाकशुदा युवती से बलात्कार करके उसे गर्भवती कर देने के आरोप में एक व्यक्ति के विरुद्ध केस दर्ज किया।
28 नवम्बर को पटना में एक 23 वर्षीय युवक ने एक एम.बी.ए. की छात्रा की गोली मार कर हत्या कर दी जिसके साथ वह रिलेशनशिप में था।
28 नवम्बर को कोलकाता में 2 नाबालिगों तथा उनके एक बालिग साथी ने 2 लड़कियों के अपहरण के बाद उनसे बलात्कार किया।
28 नवम्बर को वड़ोदरा में 2 व्यक्तियों ने एक नाबालिगा से बलात्कार किया।
28 नवम्बर को ही पुंछ जिले में एक 13 वर्षीय नाबालिग से अकबर हुसैन नामक व्यक्ति ने जो 2 बच्चों का बाप है, बलात्कार किया।
29 नवम्बर को तेलंगाना में हैदराबाद में टोंडूपल्ली के निकट एक टोल प्लाजा पर एक महिला पशु चिकित्सक की मदद करने के बहाने 4 व्यक्तियों ने उससे सामूहिक बलात्कार करने के बाद आग लगा कर मार डाला। 

महिलाओं की सुरक्षा की इसी दयनीय स्थिति को देखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने भी महिलाओं की सुरक्षा में कमी की निंदा करते हुए कहा है कि यह शर्म का विषय है। 
श्री भागवत ने कहा, ‘‘लक्ष्मण को सीता के आभूषणों की पहचान करने के लिए कहा गया तो जवाब में लक्ष्मण ने कहा था कि वह केवल सीता के पैर के आभूषण ही पहचान सकते हैं क्योंकि उन्होंने कभी उनके चेहरे की ओर नहीं देखा था। ऐसी परम्परा होने के बाद भी शर्म की बात है कि हमारी महिलाएं न तो घर में और न बाहर सुरक्षित हैं।’’

इसी तरह की घटनाओं को देखते हुए केंद्र सरकार सभी राज्य सरकारों को  एडवाइजरी जारी करके उन्हें महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों को रोकने संबंधी आवश्यक निर्देश जारी करने जा रही है। राज्य सरकारों को एडवाइजरी जारी करना तो ठीक है परंतु इसका लाभ तभी होगा जब राज्य सरकारें इन निर्देशों का कठोरतापूर्वक पालन सुनिश्चित करें और अपराधियों को यथाशीघ्र कठोरतम दंड दिलाएं।     —विजय कुमार 

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