सरकार भारत में पैसा लगाने के इच्छुक एन.आर.आइज़ की परेशानियां दूर करे

Edited By ,Updated: 15 Jun, 2022 04:16 AM

government should remove the problems of nris who want to invest in india

हमारे पाठक सामाजिक हित से जुड़े मुद्दों पर अपने विचार हमें भेजते रहते हैं, जिनमें से चंद पत्र हम सम्बन्धित अधिकारियों के ध्यानार्थ प्रकाशित करते रहते हैं। ऐसा ही एक पत्र हमें बर्मिंघम, यू.के. से श्री

हमारे पाठक सामाजिक हित से जुड़े मुद्दों पर अपने विचार हमें भेजते रहते हैं, जिनमें से चंद पत्र हम सम्बन्धित अधिकारियों के ध्यानार्थ प्रकाशित करते रहते हैं। ऐसा ही एक पत्र हमें बर्मिंघम, यू.के. से श्री अशोक पुरी ने भेजा है, जिसमें उन्होंने भारत में धन निवेश करने के इच्छुकों को दरपेश कुछ समस्याओं का उल्लेख किया है। वह लिखते हैं : 

‘‘इस समय जब भारत के प्रधानमंत्री विदेशों में रह रहे एन.आर.आइज़ को भारत में निवेश करने को कह रहे हैं, इन्हें बैंकों से कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।’’ 

‘‘टी.डी.एस. सर्टीफिकेट नहीं मिल रहे जो सबको यू.के. और इंडिया में अकाऊंट बनाने के लिए बहुत जरूरी दस्तावेज है क्योंकि इसी पर आवेदक की सारी आय का विवरण लिखा होता है और उस हिसाब से पर्सनल अलाऊंस काट कर टैक्स दिया जाता है। अगर यही नहीं मिलेगा तो अकाऊंट कैसे बनेंगे।’’

‘‘बैंक मैनेजर यह कह कर टाल देते हैं कि ङ्क्षचता मत करो काम हो जाएगा। बस वापस जाकर थोड़ा पैसा और भेज देना परंतु अगर उनको अपनी इंकम का टी.डी.एस. सर्टीफिकेट ही नहीं मिलेगा तो लोग पैसा कैसे भेजें।’’ 

‘‘अकेले टी.डी.एस. ही नहीं, क्रैडिट कार्ड का भी यही हाल है। जारी तो हो जाते हैं लेकिन एक्टीवेट ही नहीं होते। आवेदन करते समय एन.आर.आई. से जो भी विवरण मांगा जाता है, सब दे दिया जाता है लेकिन जब क्रैडिट कार्ड आ जाता है तो उसको एक्टीवेट करवाने के लिए आपको भारत आना होगा। इनसे कोई पूछे भारत आना कोई आसान है। जब हम भारत आते हैं तो पासपोर्ट आदि सभी जरूरी दस्तावेज दिखा कर अपडेट करवाते हैं, फिर यह प्रश्र क्यों?’’ 

‘‘एन.आर.आई. के जाने का समय आ जाता है, परंतु बैंक वालों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती। वापस जाकर भी लोग ई-मेल, फोन आदि करते रहते हैं लेकिन काम नहीं होता। डिजिटल इंडिया में हम डिजिटल मनी कैसे इस्तेमाल करें जब काम होने में ही वर्षों लग जाते हैं।’’ 

‘‘कौन है इस सबका जिम्मेदार? बैंक मैनेजर, बैंक कर्मचारी या टी.डी.एस. सर्टीफिकेट इशू करने वाला विभाग? अगर पूंजी निवेश चाहिए तो भारत सरकार को इन खामियों को दूर करना होगा। सब कुछ समय पर मिलना और प्रक्रिया को आसान बनाना चाहिए ताकि एन.आर.आई. बिना किसी बाधा के अपने देश में धन का निवेश कर सकें।’’ श्री अशोक पुरी ने अपने पत्र में जो मुद्दे उठाए हैं, सम्बन्धित अधिकारियों को इन पर गंभीरतापूर्वक चिं तन करके इनका समाधान करना चाहिए ताकि हमारे एन.आर.आई. देश में अधिक मात्रा में धन भेज सकें और उस निवेश से देश में उद्योग, व्यवसाय और रोजगार बढ़ाने में मदद मिले।-विजय कुमार

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