Edited By ,Updated: 12 Sep, 2019 12:22 AM
ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए 1 सितम्बर को केंद्र सरकार का नया ‘मोटर व्हीकल कानून-2019’ देश के अधिकांश राज्यों में लागू होते ही ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर रखी गई जुर्माने की अधिक राशि के कारण वाहन चालकों...
ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए 1 सितम्बर को केंद्र सरकार का नया ‘मोटर व्हीकल कानून-2019’ देश के अधिकांश राज्यों में लागू होते ही ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर रखी गई जुर्माने की अधिक राशि के कारण वाहन चालकों में भारी रोष फैल गया। कुछ राज्य इसे सही तो कुछ राज्य गलत मान रहे हैं। इसी के दृष्टिगत कानून में संशोधन किए बिना ही भाजपा शासित गुजरात सरकार ने 17 प्रकार के यातायात नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने की राशि आधी कर दी है।
हालांकि केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार कोई भी राज्य इस कानून से बाहर नहीं जा सकता परंतु गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का कहना है कि, ‘‘हमने मोटर वाहन कानून की धारा 200 के अंतर्गत अपना अधिकार इस्तेमाल किया है।’’ दूसरी ओर बिहार में मोतीहारी की पुलिस हैलमेट या बीमा नवीनीकरण के बगैर चलने वाले मोटरसाइकिल सवारों को जुर्माना करने की बजाय उन्हें गांधीगिरि द्वारा सुधरने का मौका दे रही है।
शहर की पुुलिस ने विभिन्न जांच चौकियों पर हैलमेट व्यापारियों और वाहन बीमा एजैंटों के स्टाल लगवा दिए हैं ताकि उक्त दोनों जरूरतों को पूरा न करने वाले मोटरसाइकिल सवार मौके पर ही हैलमेट खरीद सकें और बीमा का नवीनीकरण भी करवा सकें। हम समझते हैं कि इन कदमों से जुर्माने में वृद्धि से परेशान वाहन चालकों को कुछ राहत अवश्य मिलेगी अत: अन्य राज्यों की सरकारों को भी इस बारे विचार करना चाहिए और इसी बीच बंगाल सरकार द्वारा भी नए ट्रैफिक नियम राज्य में लागू न करने का फैसला आ गया है तथा कुछ अन्य राज्य भी जुर्माना कम करने की तैयारी कर रहे बताए जाते हैं।
इसी बीच विश्व भर में सड़कों को बेहतर और सुरक्षित बनाने के लिए काम कर रही अंतर राष्ट्रीय संस्था ‘इंटरनैशनल रोड फैडरेशन’ (आई.आर.एफ.) ने सरकार को सुझाव दिया है कि, ‘‘जुर्माने की राशि में धीरे-धीरे वृद्धि की जानी चाहिए और इसके साथ ही फर्जी तथा फंसाने वाले चालान रोकने के उपाय भी तलाश करने चाहिएं।’’
हम तो अपने पाठकों के हवाले से पहले ही यह बात अपने 3 और 10 सितम्बर के अंकों में प्रकाशित सम्पादकीय लेखों में कर चुके हैं कि किसी को पहली बार यातायात नियमों का उल्लंघन करता पकड़े जाने पर जुर्माने की राशि कम रखी जाए तथा दोबारा पकड़े जाने पर जुर्माना हर बार पहले से अधिक बढ़ा दिया जाए। जरूरत इस बात की भी है कि दुर्घटनाओं का कारण बनने वाले सड़कों में पड़े हुए गड्ढïे और अन्य खराबियां दूर की जाएं, तभी वाहन दुर्घटनाओं में कमी लाने का सरकार का मनोरथ पूरा हो सकेगा।—विजय कुमार