हरियाणा की स्कूली परीक्षाएं बनीं मजाक छात्रों का भविष्य हो रहा अंधकारमय

Edited By ,Updated: 17 Mar, 2020 03:39 AM

haryana s school exams become a dark future for students

परीक्षाओं में नकल की कुप्रवृत्ति लगातार कितना गंभीर रूप धारण करती जा रही है, यह 3 मार्च से शुरू हरियाणा शिक्षा बोर्ड की 10वीं तथा 12वीं की परीक्षाओं में शिक्षा विभाग और पुलिस के प्रबंधों के बावजूद हो रही सामूहिक नकल और पेपर लीक होने के ...

परीक्षाओं में नकल की कुप्रवृत्ति लगातार कितना गंभीर रूप धारण करती जा रही है, यह 3 मार्च से शुरू हरियाणा शिक्षा बोर्ड की 10वीं तथा 12वीं की परीक्षाओं में शिक्षा विभाग और पुलिस के प्रबंधों के बावजूद हो रही सामूहिक नकल और पेपर लीक होने के मामलों से स्पष्ट है। 14 मार्च तक 10वीं और 12वीं कक्षाओं की हुई परीक्षाओं के 9 प्रश्रपत्र आऊट हो गए और कुछ ही देर में सोशल मीडिया के माध्यम से राज्य भर में वायरल हो गए तथा पॢचयां बन कर परीक्षा केंद्रों के भीतर बैठे परीक्षार्थियों को पहुंचने लगीं। 

बड़े पैमाने पर नकल होने के कारण हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड प्रश्नों के घेरे में आ गया है तथा स्कूली परीक्षाओं में नकल के मामले में हरियाणा अब दूसरा बिहार बन गया है तथा बड़ी संख्या में नकल के मामले पकड़े जा रहे हैं। यहां तक कि फर्जी आधार कार्ड की सहायता से फर्जी छात्रों के परीक्षा देने पहुंचने के समाचार हैं। परीक्षार्थियों के आधार कार्ड से छेड़छाड़ करके मात्र 200 से 500 रुपए में दूसरे का फोटो लगाकर झटपट फर्जी आधारकार्ड बनाए जा रहे हैं। इस दौरान बोर्ड के उडऩ दस्तों ने जिला झज्जर के परीक्षा केन्द्रों के औचक निरीक्षण के दौरान एक केन्द्र अधीक्षक, 2 क्लर्कों और 7 सुपरवाइजरों को ड्यूटी से रिलीव किया, दो परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षा रद्द की गई तथा एक परीक्षा केन्द्र को शिफ्ट किया गया।

नकल की इस बढ़ रही कुप्रवृत्ति के अनेक कारण हैं तथा इसमें शिक्षा विभाग से जुड़ा कुछ स्टाफ भी शामिल बताया जा रहा है। अध्यापक चूंकि राज्य के शिक्षा विभाग के अधीन हैं अत: शिक्षा बोर्ड का अध्यापकों पर कोई अंकुश नहीं है तथा शिक्षा बोर्ड तो दोषी अध्यापकों व अन्य स्टाफ के विरुद्ध कार्रवाई के लिए शिक्षा विभाग को लिख ही सकता है। बोर्ड के अधिकारियों का तर्क है कि अधिकांश परीक्षा केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों में होने तथा वहां सी.सी.टी.वी. कैमरों की व्यवस्था न होने और परीक्षा भवनों में चोरी-छिपे मोबाइल फोन चले जाने का परीक्षार्थी लाभ उठाते हैं। लिहाजा जहां परीक्षाओं के ढांचे में व्याप्त उक्त कमजोरियों को दूर करने की आवश्यकता है वहीं नकल करवाने में संलिप्त पाए जाने वाले स्टाफ के विरुद्ध भी कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है।—विजय कुमार

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