Edited By ,Updated: 13 Oct, 2019 12:38 AM
भारत में महिलाओं को सदैव ही आदर की दृष्टि से देखा जाता रहा है और हमारे ऋषियों-मुनियों का भी यही उपदेश है कि जिस घर में नारी की पूजा होती है वहां देवता निवास करते हैं। आज जमाना बदल गया है। हमारे कन्या पूजक देश में नारी जाति और दूध पीती बच्चियों...
भारत में महिलाओं को सदैव ही आदर की दृष्टि से देखा जाता रहा है और हमारे ऋषियों-मुनियों का भी यही उपदेश है कि जिस घर में नारी की पूजा होती है वहां देवता निवास करते हैं। आज जमाना बदल गया है। हमारे कन्या पूजक देश में नारी जाति और दूध पीती बच्चियों तक पर जो अमानवीय अत्याचार किए जा रहे हैं उन्हें देख कर आत्मा कांप उठती है जो चंद ताजा उदाहरणों से स्पष्ट है :
01 अक्तूबर को काठगोदाम के भद्राड़ी में एक व्यक्ति ने अपनी एक महीने की बेटी को पानी में डुबो कर मार डाला क्योंकि वह बेटा चाहता था।
01 अक्तूबर को मध्य प्रदेश के बड़वानी में एक 14 वर्षीय नाबालिग ने पोर्न देखकर एक 5 वर्षीय बच्ची के साथ बलात्कार और निर्भया जैसी दरिंदगी करने के बाद उसकी हत्या कर दी। बच्ची के सिर पर 20 से अधिक घाव थे, उसकी आंख और नाक में मिट्टी तथा मुंह में लकड़ी के टुकड़े और निजी अंग में मिट्टी और कपास के फल ठूंस कर भरे हुए थे।
02 अक्तूबर को महाराष्ट्र में पालघर जिले के विरार नगर में श्मशान भूमि के बाहर कूड़े के ढेर में बोरी में लपेट कर फैंकी गई एक नवजात बच्ची की चीत्कार सुन कर कुछ लोगों ने उसे वहां से उठा कर अस्पताल पहुंचाया।
02 अक्तूबर को महाराष्ट्र में ठाणे के एक ‘क्रैच’ में 4 वर्षीय एक बच्ची से बलात्कार करने के आरोप में दशरथ काम्बले नामक व्यक्ति पकड़ा गया।
03 अक्तूबर को एक 2 वर्षीय बच्ची से बलात्कार और अप्राकृतिक सैक्स करने के बाद उसकी हत्या करने के आरोप में सुप्रीमकोर्ट ने औरंगाबाद के रवि घुमरे नामक युवक को बम्बई उच्च न्यायालय द्वारा सुनाई गई मृत्यु दंड की सजा बहाल रखी।
03 अक्तूबर को दक्षिण भारत के कुडालोर में एक 27 वर्षीय महिला ने अपने पति से झगड़े के बाद अपनी 3 बेटियों हंसिका (6), रंजिनी (5) और दर्शिनी (2) को नहर में फैंक कर मार डाला।
04 अक्तूबर को आंध्र प्रदेश के यामीगनूर में घर से शौच के लिए गई अज्ञात लोगों द्वारा बलात्कार की शिकार एक 9 वर्षीय बच्ची झाडिय़ों के निकट गंभीर हालत में बेहोश पड़ी मिली।
04 अक्तूबर को उत्तर प्रदेश के शामली जिले के जंगलों में प्लास्टिक के बैग में लपेटी हुई एक नवजात बच्ची रोती हुई मिली जिसे वहां से गुजर रहे कुछ लोगों ने देख कर अस्पताल पहुंचाया।
06 अक्तूबर को केरल के कोलम में पेशे से नर्स एक महिला ने खाना न खाने की जिद करने पर अपनी 4 वर्षीय बेटी को इतनी बेरहमी से पीटा कि चोटों की ताव न सहते हुए उसकी मृत्यु हो गई।
07 अक्तूबर को उत्तराखंड में ऊधम सिंह नगर के बाजपुर में एक प्राइवेट स्कूल का मालिक एक 15 वर्षीय विकलांग बच्ची से बलात्कार करने के आरोप में पकड़ा गया।
07 अक्तूबर को उत्तर प्रदेश में शामली जिले के कैलशिकापुर गांव के खेतों में एक 14 वर्षीय नाबालिग की लाश बरामद हुई जिसकी बलात्कार करने के बाद गला घोंट कर हत्या कर दी गई थी।
08 अक्तूबर को चेन्नई में अपनी 6 वर्षीय सौतेली बेटी को मकान की तीसरी मंजिल से नीचे फैंक कर मार डालने के आरोप में एक 26 वर्षीय महिला को गिरफ्तार किया गया।
08 अक्तूबर को जयपुर के बांसवाड़ा में 2 दरिंदे 5 वर्षीय बच्ची से बलात्कार और मारपीट करके उसे बुरी तरह घायल करने के बाद भाग गए।
09 अक्तूबर को गुडग़ांव में एक 13 वर्षीय नाबालिग से बलात्कार करके उसे गर्भवती करने के आरोप में 2 भाइयों को गिरफ्तार किया गया।
09 अक्तूबर को ओडिशा के केंद्रपाड़ा में शौच के लिए घर से बाहर गई एक नाबालिग से 2 व्यक्तियों ने सामूहिक बलात्कार कर डाला।
11 अक्तूबर को चंडीगढ़ में छठी कक्षा की एक छात्रा गर्भवती पाई गई जिसके चचेरे भाई पर इस पाप का आरोप लगा है।
11 अक्तूबर को बरनाला जिले के फरवाही गांव में अज्ञात लोग एक दिन की नवजात बच्ची को सड़क पर फैंक कर चले गए।
11 अक्तूबर को कैथल में एक बच्ची का क्षत विक्षत शव मिला जिसकी दोनों टांगें व हाथ नहीं थे और दोनों आंखें भी निकाल ली गई थीं।
11 अक्तूबर को करनाल एम.डी.डी. बाल भवन के बाहर तौैलिए में लपेटी मात्र पंद्रह दिन की बच्ची पड़ी मिली।
मात्र 11 दिनों (अक्तूबर) के उपरोक्त उदाहरणों को देख कर लगता है कि जैसे हमारे देश में आज मानवता तथा नारी जाति और छोटी-छोटी बच्चियों तक के प्रति आदर, स्नेह एवं सम्मान की भावना बची ही नहीं।
नि:संदेह ऐसे कुकर्मियों के विरुद्ध फास्ट ट्रैक अदालतों में मुकद्दमा चला कर उन्हें कठोरतम दंड दिया जाना चाहिए ताकि इस तरह के अपराधों पर रोक लग सके। इसके साथ ही यह भी जरूरी है कि कन्या और नारी के प्रति सम्मान का पाठ परिवारों तथा विद्यालयों में नियमित रूप से भी पढ़ाया जाए। —विजय कुमार