Edited By ,Updated: 07 Jul, 2019 04:39 AM
पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी लगभग 3 दशक से धरती के स्वर्ग कश्मीर को लहूलुहान करते आ रहे हैं जिस कारण वहां बड़ी संख्या में निर्दोष लोगों के प्राण जा रहे हैं। हालांकि पाकिस्तान इन आतंकवादियों को सहायता देने से इंकार करता रहता है परंतु समय-समय पर सामने...
पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी लगभग 3 दशक से धरती के स्वर्ग कश्मीर को लहूलुहान करते आ रहे हैं जिस कारण वहां बड़ी संख्या में निर्दोष लोगों के प्राण जा रहे हैं। हालांकि पाकिस्तान इन आतंकवादियों को सहायता देने से इंकार करता रहता है परंतु समय-समय पर सामने आने वाले अनेक उदाहरणों से पाकिस्तान का यह झूठ बेनकाब होता रहता है। इसी बारे 12 जून को अनंतनाग में सी.आर.पी.एफ.पर हमले की जांच के दौरान रहस्योद्घाटन हुआ है कि यह हमला करने वाले आतंकवादियों को पाकिस्तान की गुप्तचर एजैंसी आई.एस.आई. तथा आतंकवादी गिरोह जैश-ए-मोहम्मद ने इस्पात के ‘बुलेट’ उपलब्ध करवाए।
चीन में बने ये ‘बुलेट’ जवानों की बुलेटप्रूफ जैकटों को चीर कर शरीर के अंदर जा घुसे और जवानों को गंभीर चोटें पहुंचाईं। जवाबी कार्रवाई में जम्मू-कश्मीर पुलिस और सी.आर.पी.एफ. ने एक आतंकवादी को मार कर उसके कब्जे से एक ए.के.-47 राइफल जब्त करने के अलावा घटनास्थल से इस्पात के अनेक ‘बुलेट’ भी जब्त किए थे। ये इस्पात के ‘बुलेट’ ए.के.-47 राइफल में इस्तेमाल किए जा सकते हैं। जांच एजैंसियों का मानना है कि आतंकवादियों ने पुलवामा और त्राल के हमलों में भी ऐसे ‘बुलेट’ इस्तेमाल किए थे। जम्मू-कश्मीर में भारत विरोधी कार्रवाइयों में जैश ने इन्हीं ‘बुलेटों’ का इस्तेमाल किया।
जैश के आतंकवादियों ने पहली बार इनका इस्तेमाल 27 दिसम्बर, 2017 में किया था। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि ये ‘बुलेट’ आतंकवादियों को जम्मू-कश्मीर में जैश के सदस्य नूर मोहम्मद तंतरी ने उपलब्ध करवाए जो भारतीय सुरक्षा बलों से मुकाबले में दिसम्बर, 2018 में मारा गया था। विश्वभर में ऐसे ‘बुलेटों’ं पर प्रतिबंध के बावजूद आतंकियों तक इनकी पहुंच अधिकारियों की चिंता बढ़ा रही है और इससे भारत के इस आरोप की भी पुष्टिï होती है कि भारत में तोड़-फोड़ और ङ्क्षहसा करने वाले आतंकवादियों को पाकिस्तान द्वारा हर तरह की सहायता दी जा रही है।—विजय कुमार