Edited By ,Updated: 02 Dec, 2019 12:04 AM
कनाडा स्थित एक अंतर्राष्ट्रीय एन.जी.ओ. ‘इम्पैक्ट’ (Impact) ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में यह रहस्योद्घाटन किया है कि भारत विश्व में सोने की तस्करी के सबसे बड़े केंद्रों में से एक बन गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि सोना अफ्रीका और दक्षिण अमरीका में...
कनाडा स्थित एक अंतर्राष्ट्रीय एन.जी.ओ. ‘इम्पैक्ट’ (Impact) ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में यह रहस्योद्घाटन किया है कि भारत विश्व में सोने की तस्करी के सबसे बड़े केंद्रों में से एक बन गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि सोना अफ्रीका और दक्षिण अमरीका में युद्ध, मानवाधिकारों के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार के लिए इस्तेमाल होता है और अब भारत के रास्ते अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में पहुंच रहा है।
एन.जी.ओ. के अनुसार देश में प्रतिवर्ष 1000 टन सोना ‘आयात’ होता है जोकि सरकार द्वारा बताए गए आंकड़ों के एक चौथाई से भी अधिक है। ‘इम्पैक्ट’ की कार्यकारी निदेशक जोआन लेबर्ट के अनुसार भारत के स्वर्ण उद्योग से जुड़े लोग इस पर पर्याप्त निगरानी रखने में असमर्थ हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह सोना टकरावों और मानवाधिकारों के दुरुपयोग के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा रहा। इसी रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि विश्व में कुल होने वाली खपत का एक तिहाई भाग सोना तस्करी के लिए भारत से होकर टैक्स से बचने के लिए इसके उद्गमों स्थलों के नकली दस्तावेजों के सहारे गुजरता है जो भारत के रास्ते तस्करी के मुख्य कारण हैं।
इसी रिपोर्ट के अनुसार परिशोधित (रिफाइंड) सोना भारत में मुख्यत: संयुक्त अरब अमीरात से तस्करी करके लाया जाता है तथा अफ्रीका के ‘ग्रेट लेक्स’ क्षेत्र के व्यापारी और परिशोधक जिनके भारत में अपने संपर्क हैं, इस अवैध व्यापार में शामिल बताए जाते हैं। स्वर्ण तस्करी के अधिकांश मामलों में भारतीयों के अलावा मध्य पूर्व के देशों दुबई, रियाद, शारजाह, अबुधाबी, कुवैत और श्रीलंका, सिंगापुर, कोरिया व बैंकाक आदि देशों से आने वाले यात्रियों को संलिप्त पाया गया है।
अंडरवर्ल्ड सरगना पहले समुद्र मार्ग से स्वर्ण तस्करी करते थे परन्तु अब कुछ वर्षों से तस्करों ने वायु मार्ग द्वारा स्वर्ण तस्करी का सिलसिला शुरू किया है जिसके लिए वे तरह-तरह के तरीके अपनाते हैं । भारत में सोने की तस्करी कोई नई बात नहीं है लेकिन नई बात यह है कि यह अब भी बड़े पैमाने पर हो रहा है। अप्रैल से जून 2019 के बीच भारतीय कस्टम विभाग ने लगभग 1198 किलोग्राम सोना जब्त करने के आंकड़े जारी किए हैं जोकि पिछले साल के इसी समय के दौरान पकड़े गए सोने से 23.2 प्रतिशत अधिक है।
नवीनतम रुझानों के अनुसार मध्य पूर्व और भारत के बीच सोने की तस्करी काफी बढ़ी है क्योंकि वहां सोने की कीमतें भारत की तुलना में 4000 रुपए तक कम हैं और माल लाने वाले तस्करों के वाहकों (कैरियरों) को प्रति 10 ग्राम 1000 रुपए देने पर भी तस्कर को 3000 रुपए का सीधा लाभ होता है जिस पर अंकुश लगाने के लिए सतर्कता एजैंसियों को अधिक मुस्तैद करने की जरूरत है। - विजय कुमार