Edited By ,Updated: 22 Feb, 2020 03:53 AM
हालांकि पुलिस विभाग पर देशवासियों की सुरक्षा का जिम्मा होने के नाते इनसे अनुशासित और कत्र्तव्य परायण होने की अपेक्षा की जाती है परन्तु आज देश में अनेक पुलिस कर्मचारी अपने आदर्शों से भटक कर नशों की तस्करी, लूटमार, बलात्कार व रिश्वतखोरी जैसे अपराधों...
हालांकि पुलिस विभाग पर देशवासियों की सुरक्षा का जिम्मा होने के नाते इनसे अनुशासित और कत्र्तव्य परायण होने की अपेक्षा की जाती है परन्तु आज देश में अनेक पुलिस कर्मचारी अपने आदर्शों से भटक कर नशों की तस्करी, लूटमार, बलात्कार व रिश्वतखोरी जैसे अपराधों में संलिप्त पाए जा रहे हैं। यह रोग कितना गंभीर हो चुका है यह पिछले 45 दिनों के निम्र उदाहरणों से स्पष्ट है :
08 जनवरी को नई दिल्ली में एक ए.एस.आई. को एक सफाई कर्मचारी की लिपस्टिक पर कमैंट करने पर निलम्बित किया गया। उसेे दोनों हाथ जोड़ कर और महिला के पैरों में गिर कर माफी भी मांगनी पड़ी। 12 जनवरी को मुम्बई में कांस्टेबल अमित सिंह को एक टैक्सी ड्राइवर के यौन शोषण और उससे 2850 रुपए लूटने के आरोप में पकड़ा गया। 18 जनवरी को मुम्बई के धारावी में तीन कांस्टेबल शिकायतकत्र्ता से 25,000 रुपए रिश्वत लेने के आरोप में दबोचे गए।
21 जनवरी को वायरल हुए वीडियो में नोएडा के ‘गेजा’ गांव में एक पुलिस कर्मचारी दूध के पैकेट चुराता हुआ दिखाई दिया। 31 जनवरी को उत्तर प्रदेश की भदोही कोतवाली में फरियाद लेकर पहुंचे छात्र की हैड मुहर्रर अखिलेश सिंह ने सिर्फ इसलिए पिटाई कर डाली क्योंकि वह अपनी तहरीर की रिसीविंग मांग रहा था। 06 फरवरी को पीलीभीत के एस.पी. को दी शिकायत में एक इंजीनियर की पत्नी ने उसी की कालोनी में किराए पर रहने वाले 6 सिपाहियों पर उसके साथ छेड़छाड़ और अभद्रता करने, उसे पकडऩे की कोशिश करने तथा विरोध करने पर वर्दी का रौब झाड़ते हुए उसे धमकाने का आरोप लगाया। 12 फरवरी को मध्यप्रदेश में धार में इंस्पैक्टर एन.के. सूर्यवंशी को एक युवती को बंधक बनाकर उससे बलात्कार करने के आरोप में पकड़ा गया।
12 फरवरी को उत्तर प्रदेश के चंदौली में राजघाट पुल पर सिपाही राहुल सिंह ने एक व्यापारी को पिस्तौल लेकर सरेआम दौड़ाया और धमकाया। 13 फरवरी को सेना ने एक कर्नल के विरुद्ध कोर्ट ऑफ इन्क्वॉयरी आरंभ की जिसे एक क्लीनिक के भीतर एक नर्स के साथ सैक्स करते पकड़ा गया था। 13 फरवरी को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में 20 वर्षीय एक युवती ने 2 पुलिस कर्मचारियों पर उसे बंधक बनाकर रखने, एक होटल में ले जाकर उसके साथ सामूहिक बलात्कार करने और मारपीट करने का आरोप लगाया। 14 फरवरी को चैकिंग के दौरान स्पैशल स्टाफ ने जलियांवाला बाग एक्सप्रैस में बिना टिकट यात्रा करते 18 लोग पकड़े जिन्होंने कहा कि वे मुफ्त नहीं, जी.आर.पी. के एक होमगार्ड को पैसे देकर यात्रा कर रहे थे।
14 फरवरी को विजीलैंस विभाग ने बहरामपुर पुलिस चौकी के इंचार्ज मुख्त्यार सिंह तथा ए.एस.आई. हरजिंद्र सिंह के विरुद्ध केस दर्ज करके हरजिंद्र सिंह को 10,000 रुपयों के साथ गिरफ्तार कर लिया। 16 फरवरी को बटाला में थाना सिविल लाइन व थाना घनिए के बांगर की पुलिस ने काऊंटर इंटैलीजैंस के 2 कर्मचारी 6 ग्राम हैरोइन सहित पकड़े। 16 फरवरी को जम्मू के निकट चिन्नौर पुलिस थाने का ए.एस.आई. मोहम्मद अमीन 10,000 रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों दबोचा गया। 16 फरवरी को ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में सड़क पर जा रही महिला से एक कांस्टेबल ने छेड़छाड़ की जिस पर महिला ने कांस्टेबल को पकड़ कर जूतों से पीटा।
18 फरवरी को बंगाल के मालदा में एक पुलिस अधिकारी तथा 3 अन्य लोगों को 50 लाख रुपए मूल्य का सोना लूटने के आरोप में पकड़ा गया। 18 फरवरी को एक पुलिस सब-इंस्पैक्टर संगरूर जेल में 20 ग्राम हैरोइन पगड़ी में छिपा कर स्मगल करने की कोशिश करते हुए पकड़ा गया। 19 फरवरी को पैसा लेकर छोडऩे और तस्करी में मदद करने वाले लुधियाना डिवीजन 2 के एस.एच.ओ. अमन दीप सिंह गिल और उसके प्राइवेट ड्राइवर अजय कुमार को गिरफ्तार किया गया और उनके कब्जे से 10 ग्राम हैरोइन और 6 मोबाइल फोन बरामद किए गए। 20 फरवरी को कानपुर रेंज के इंस्पैक्टर जनरल ने रायपुरवा पुलिस चौकी स्टाफ द्वारा एक महिला शिकायतकत्र्ता से छेड़छाड़ और दुव्र्यवहार के आरोप की जांच का आदेश दिया।
उक्त उदाहरणों से स्पष्ट है कि नागरिकों की सुरक्षा और आपराधिक गतिविधियों पर रोकथाम के लिए जिम्मेदार पुलिस विभाग आज किस कदर अपने कत्र्तव्यों से भटक चुका है और स्वयं अपराधों में संलिप्त पाया जा रहा है। यह बुराई किसी एक क्षेत्र तक सीमित न रह कर राष्ट्रव्यापी रोग बन चुकी है। लिहाजा ऐसे पुलिस कर्मचारियों के विरुद्ध तेजी से कार्रवाई करके उन्हें शिक्षाप्रद दंड दिया जाए ताकि दूसरे कर्मचारियों को नसीहत मिले और आम पब्लिक को ऐसे लोगों से मुक्ति मिले।—विजय कुमार