‘उफ ये महंगाई’ सब्जियों-दालों के दाम बढ़ने से आम आदमी त्रस्त

Edited By ,Updated: 14 Dec, 2019 12:33 AM

inflation common man stricken by rising prices of vegetables and pulses

सरकार के लाख दावों के बावजूद देश आर्थिक मंदी से निकल नहीं पा रहा और महंगाई लोगों का पीछा नहीं छोड़ रही। औद्योगिक उत्पादन में गिरावट और विशेषकर अनिवार्य जीवनोपयोगी खाद्य वस्तुओं दालों, सब्जियों और अनाज की खुदरा महंगाई में जबरदस्त उछाल आने के...

सरकार के लाख दावों के बावजूद देश आर्थिक मंदी से निकल नहीं पा रहा और महंगाई लोगों का पीछा नहीं छोड़ रही। औद्योगिक उत्पादन में गिरावट और विशेषकर अनिवार्य जीवनोपयोगी खाद्य वस्तुओं दालों, सब्जियों और अनाज की खुदरा महंगाई में जबरदस्त उछाल आने के परिणामस्वरूप लोगों का घरेलू बजट पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। अक्तूबर महीने में औद्योगिक उत्पादन 2.1 प्रतिशत घट गया जबकि पिछले वर्ष इसी महीने में 8.4 प्रतिशत बढ़ा था। इस अवधि में बिजली उत्पादन और खनन उत्पादन आदि में भी भारी गिरावट दर्ज की गई है। 

जहां तक खाद्य पदार्थों का संबंध है इनके दाम बढऩे से इस वर्ष नवम्बर मास में खुदरा महंगाई (मुद्रास्फीति) की दर 3 साल के उच्चतम स्तर 5.4 प्रतिशत पर पहुंच गई जो अक्तूबर में 4.62 प्रतिशत, सितम्बर में 3.99 प्रतिशत और नवम्बर 2018 में 2.33 प्रतिशत रही थी। महीने दर महीने के आधार पर अक्तूबर में सब्जियों की महंगाई दर 15.4 प्रतिशत से बढ़ कर 26 प्रतिशत पर पहुंच गई जबकि दालों की महंगाई दर बढ़ कर 11.72 प्रतिशत हो गई जो सितम्बर में 8.34 प्रतिशत थी। यहां तक कि सब्जियों और सलाद में प्रयुक्त होने वाला प्याज तो एक ‘लग्जरी आइटम’ जैसा हो गया है। एक वर्ष में प्याज की कीमतों में 400 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और यह देश के कई भागों में 200 रुपए प्रति किलो या उससे भी अधिक के भाव बिक रहा है। 

सिर्फ प्याज ही नहीं कम से कम 20 अनिवार्य खाद्य वस्तुओं के मूल्यों में इस वर्ष भारी वृद्धि हुई है जिनमें चावल, गेहूं, आटा, दालें, तेल, चायपत्ती, चीनी, गुड़, सब्जियां, दूध, आलू और टमाटर के अलावा लहसुन तक शामिल हैं। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान द्वारा लोकसभा में दी गई जानकारी के अनुसार मूल्यों में वृद्धि के अनेक कारण हो सकते हैं जिनमें सुधार के बाद मूल्य सामान्य हो जाएंगे। 

हालांकि केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्रियों को व्यापारियों के साथ मिल कर अनिवार्य खाद्य वस्तुओं, विशेषकर दालों और प्याज की कीमतों का नियमित रूप से पुनरीक्षण करने के लिए कहा है परंतु जब तक उक्त वस्तुओं की ढुलाई और भंडारण सुधारने व काला बाजारी रोकने के प्रभावशाली पग नहीं उठाए जाते तब तक इनके मूल्यों में कमी आने की संभावना कम ही है।—विजय कुमार 

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!