Edited By ,Updated: 01 Mar, 2020 03:53 AM
एक ओर जहां लोकतंत्र को कलंकित करने वाले दिल्ली के हालिया उपद्रवों से बिगड़े हालात पटरी पर आते दिखाई दे रहे हैं तो दूसरी ओर परत दर परत इन उपद्रवों से जुड़ी अनेक बातें उजागर होने लगी हैं :23 फरवरी को उत्तर-पूर्व दिल्ली के मौजपुर में भाजपा नेता कपिल...
एक ओर जहां लोकतंत्र को कलंकित करने वाले दिल्ली के हालिया उपद्रवों से बिगड़े हालात पटरी पर आते दिखाई दे रहे हैं तो दूसरी ओर परत दर परत इन उपद्रवों से जुड़ी अनेक बातें उजागर होने लगी हैं : 23 फरवरी को उत्तर-पूर्व दिल्ली के मौजपुर में भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने दोपहर 1.22 बजे ट्वीट द्वारा लोगों से बाद दोपहर 3 बजे सी.ए.ए. के पक्ष में मौजपुर चौक में इकट्ठे होने को कहा था।
अब यह भी पता चला है कि कपिल मिश्रा के ट्वीट के चलते संभावित हिंसा का खतरा भांप कर स्पैशल ब्रांच और इंटैलीजैंस विंग ने 6 चेतावनी संदेश स्थानीय पुलिस अधिकारियों और दिल्ली पुलिस के अन्य उच्चाधिकारियों को भी भेजे थे। हालांकि उच्चाधिकारियों ने इससे इंकार किया है परंतु सूत्रों का कहना है कि इन संदेशों में वहां सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाने को कहा गया था जिन पर ध्यान नहीं दिया गया। उसी शाम वहां पत्थरबाजी और कालोनियों में भीड़ के इकट्ठा होने पर दोबारा चेतावनी संदेश भेजे गए थे। अनेक लोगों को इन उपद्रवों से इतना गहरा शारीरिक और मानसिक आघात लगा है कि वे गहरे अवसाद का शिकार हो गए हैं और उनका जीवन पटरी पर लाने के लिए मनोचिकित्सकों की आवश्यकता पड़ेगी।
उपद्रवियों ने न अल्लाह और न भगवान के मंदिरों को बख्शा और न शिक्षा के मंदिरों को। उपद्रवियों ने कुछ स्कूलों पर भी कब्जा कर लिया और तोडफ़ोड़ की। किताबों और एक स्कूल की लाइब्रेरी तक को जला दिया और वहां पुलिस घटना के 2 दिन बाद पहुंची। पीड़ित परिवार अपने परिजनों के पार्थिव शरीर प्राप्त करने के लिए अस्पतालों के चक्कर लगा-लगा कर परेशान हो रहे हैं। अनेक मामलों में मृतकों के शरीर इतने जल चुके हैं कि पहचान के लिए उनका डी.एन.ए. टैस्ट ही करना होगा। बहरहाल उस समय जब दिल्ली उपद्रवों की आग में झुलस रही थी, वहां मानवता और भाईचारे के अनेक चिराग रोशन थे। अनेक हिन्दुओं ने मुसलमानों को और मुसलमानों ने हिन्दुओं को अपने घरों में शरण देकर उनकी जान बचाई। चांद बाग में मुस्लिम समुदाय ने भाईचारे की मिसाल पेश करते हुए उपद्रवों के बीच एक हिन्दू परिवार की शादी सम्पन्न करवाने में सहायता दी और पूरी सुरक्षा में हिन्दू दुल्हन को विदा किया। लखनऊ की ईदगाह में जुम्मे की नमाज के दौरान दिल्ली में शांति के लिए प्रार्थना की गई और बताया गया कि किसी पार्टी या नेता के बहकावे में आकर पड़ोसियों से दंगा न करें क्योंकि वे आपके सुख-दुख के साथी हैं।
इस बीच वरिष्ठ भाजपा नेता शांता कुमार ने दक्षिण-पूर्व दिल्ली के शाहीन बाग में जारी सी.ए.ए. विरोधी धरने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा है कि : ‘‘शाहीन बाग प्रकरण से निपटने में देश विफल रहा है। केंद्र या राज्य की सरकारें एक सार्वजनिक स्थल पर इतनी लम्बी अवधि तक धरना देने की अनुमति कैसे दे सकती हैं? जो कोई भी शाहीन बाग प्रकरण के लिए जिम्मेदार है उनके विरुद्ध कार्रवाई की जानी चाहिए।’’ ‘‘ऐसी स्थिति पैदा क्यों होने दी गई? शासन अनुशासन से चलता है। शुरू में ही इस समस्या को सही ढंग से निपटाना चाहिए था। विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका ने इतने लम्बे समय तक इतने लम्बे धरने की अनुमति क्यों दी? उन्होंने जानबूझ कर हालात को बिगडऩे दिया।’’
पुलिस और सी.आई.डी. पर उंगली उठाते हुए शांता कुमार ने कहा, ‘‘यदि किसी व्यक्ति ने राष्ट्रीय राजधानी में लोगों को भड़काया तो पुलिस और सी.आई.डी. उसकी अग्रिम सूचना पाने में क्यों विफल रही?’’ जहां उपद्रवों से उपजी पीड़ा के बीच स्पैशल ब्रांच और इंटैलीजैंस विंग द्वारा भेजे गए चेतावनी संदेशों की संबंधित अधिकारियों द्वारा उपेक्षा अस्वीकार्य है वहीं शांता कुमार द्वारा शाहीन बाग के प्रकरण को लेकर उठाए मुद्दों पर भी विचार करके इस सारे कांड की त्वरित जांच करवाने की आवश्यकता है। इसके साथ ही आवश्यकता इस बात की भी है कि इस सारे दु:खद कांड के लिए जिम्मेदार पाए जाने वाले लोगों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई करने के अलावा ऐसे निवारक कदम उठाए जाएं जिनसे भविष्य में ऐसी दुखद घटनाएं न हों।—विजय कुमार