Edited By ,Updated: 07 May, 2019 12:21 AM
जम्मू-कश्मीर में भाजपा द्वारा पी.डी.पी. से समर्थन वापस ले लेने पर 19 जून, 2018 को महबूबा मुफ्ती मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र देने के बाद से लगातार केंद्र सरकार की आलोचना करती आ रही हैं। पाकिस्तान द्वारा बम की धमकी के जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र...
जम्मू-कश्मीर में भाजपा द्वारा पी.डी.पी. से समर्थन वापस ले लेने पर 19 जून, 2018 को महबूबा मुफ्ती मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र देने के बाद से लगातार केंद्र सरकार की आलोचना करती आ रही हैं। पाकिस्तान द्वारा बम की धमकी के जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत 20 अप्रैल को एक बयान में जब यह कहा कि ‘ये परमाणु बम हमने दीवाली के लिए नहीं रखे हुए हैं।’ तो इसकी प्रतिक्रिया में 22 अप्रैल को महबूबा ने तपाक से कह दिया कि ‘जो पाकिस्तान के पास परमाणु बम होंगे वे भी उन्होंने ईद के लिए नहीं रखे होंगे। यह हिसाब बराबर होता है।’
अब एक बार फिर पाकिस्तान की भाषा बोलते हुए महबूबा ने 4 मई को केंद्र सरकार पर घाटी के लोगों का जीवन नरक बनाने का आरोप लगाते हुए कहा,‘केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ ‘ऐलान-ए-जंग’ कर रखा है। यदि सरकार कश्मीर को अपने साथ रखना चाहती है तो वह यहां के लोगों को इज्जत से रखे।’
‘अब रमजान का महीना शुरू हो रहा है जो इबादत का महीना है, लिहाजा मेरी सरकार से गुजारिश है कि पिछले साल की तरह इस साल भी रमजान में सीज फायर होना चाहिए ताकि लोग रमजान का महीना आराम से गुजार सकें।’ महबूबा मुफ्ती द्वारा रमजान के पवित्र महीने में केंद्र सरकार से ‘ïआतंकियों के साथ जम्मू-कश्मीर में युद्धविराम’ की घोषणा करने का आग्रह करना उचित है परंतु उन्हें यही बात पाकिस्तान सरकार से भी कहनी चाहिए जिसके इशारे पर जम्मू-कश्मीर में पिछले तीन दशक से आतंकवादियों द्वारा ङ्क्षहसा का खेल जारी है? —विजय कुमार