Edited By Pardeep,Updated: 18 Nov, 2018 03:12 AM
जैसे-जैसे मतदान के दिन नजदीक आ रहे हैं चुनावी राज्यों में गतिविधियां तेज होती जा रही हैं और इस दौरान अनेक दिलचस्प बातें भी देखने में आ रही हैं जिनमें से चंद निम्र में दर्ज हैं :
केंद्रीय भारी उद्योग राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो गत दिवस जब छत्तीसगढ़...
जैसे-जैसे मतदान के दिन नजदीक आ रहे हैं चुनावी राज्यों में गतिविधियां तेज होती जा रही हैं और इस दौरान अनेक दिलचस्प बातें भी देखने में आ रही हैं जिनमें से चंद निम्र में दर्ज हैं :
केंद्रीय भारी उद्योग राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो गत दिवस जब छत्तीसगढ़ में रायपुर के कालीबाड़ी में भाषण देने पहुंचे तो सभा से नदारद भीड़ और खाली कुर्सियां देख कर भड़क उठे। भाजपा प्रत्याशी और 6 बार के विधायक बृज मोहन अग्रवाल ने इस संबंध में सफाई दी लेकिन सुप्रियो नहीं माने। वह बिना भाषण दिए और यह तंज कसते हुए चले गए कि ‘‘ये भाई साहब कई वर्षों से जीत रहे हैं। माहौल देखते हुए इनका जीतना तय है। फिर जनता को भाषण से क्या लेना। कुछ नई बात कहने की जरूरत नहीं है।’’
छत्तीसगढ़ में 20 नवम्बर को मतदान के दूसरे चरण में भाग लेने वाले 1079 उम्मीदवारों में से 130 के विरुद्ध आपराधिक केस दर्ज हैं जिनमें से 90 उम्मीदवार हत्या के प्रयास जैसे गंभीर अपराधों में संलिप्त हैं। छत्तीसगढ़ में एक मतदान केंद्र भरतपुर-सोनहाट के जंगलों में स्थित ‘शेरनढांढ’ गांव में है जहां सिर्फ 4 मतदाता हैं। यहां 20 नवम्बर को मतदान सम्पन्न करवाने के लिए एक दिन पूर्व चुनाव आयोग के कर्मचारी पहाड़ों में पांच-छ: मील पैदल चल कर पहुंचेंगे। 1980 के बाद यह पहला मौका है जब मध्य प्रदेश में इस बार डाकू एवं भूतपूर्व डाकू न चुनाव लड़ रहे हैं, न किसी उम्मीदवार के चुनाव अभियान में भाग ले रहे हैं और न ही किसी उम्मीदवार का समर्थन कर रहे हैं।
यहां चुनाव जीतने वाला अंतिम भूतपूर्व डाकू प्रेम सिंह था जिसने 2013 में कांग्रेस की टिकट पर चित्रकूट से चुनाव जीता था। इससे पहले वह कांग्रेस के ‘स्ट्रांगमैन’ अर्जुन सिंह का समर्थक था जो पंजाब के राज्यपाल भी रहे। अलबत्ता 2014 के लोकसभा चुनावों में भूतपूर्व डाकुओं मलखान सिंह और मोहर सिंह गुर्जर ने भाजपा के लिए चुनाव प्रचार अवश्य किया था। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सम्पत्ति 2013 में 1 करोड़ 65 लाख रुपए थी जो अब बढ़ कर 2 करोड़ 83 लाख 50 हजार रुपए हो गई है जबकि साधना सिंह की सम्पत्ति 2013 में 3 करोड़ 57 लाख रुपए थी जो अब घट कर 3 करोड़ 52 लाख रुपए हो गई है।
साधना सिंह गत दिवस रेहटी में जब शिवराज सिंह चौहान के लिए चुनाव प्रचार करने गईं तो उन्हें भारी जनआक्रोश का सामना करना पड़ा। इस पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट किया है कि ‘‘मामा जी, आपने राज्य को तबाही के कगार पर पहुंचा दिया है पर क्या आप अपने खुद के गांव का भी ध्यान नहीं रख सकते थे? साधना भाभी को रेहटी के लोगों के कितने आक्षेपों का सामना करना पड़ रहा है।’’ टी.आर.एस. के प्रमुख और तेलंगाना के प्रथम मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव काफी अमीर किसान हैं और चुनावी हलफनामे में उन्होंने अपनी सम्पत्ति 22 करोड़ रुपए बताई है। इनकी पार्टी का चुनाव निशान तो ‘कार’ है परंतु इनके पास अपनी कार नहीं है। मुख्यमंत्री बनने के बाद 2014 में इन्होंने एक ज्योतिषी की सलाह से अपने काफिले की 6 कारों में से 3 का रंग काले से बदल कर सफेद करवा दिया था।
‘तेलंगाना पत्नी पीड़ित संघ’ का प्रदेश अध्यक्ष ‘बांदी श्रीनिवास’ नामक एक पत्नी पीड़ित भी करीम नगर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ रहा है। उसका कहना है कि घरेलू हिंसा कानून की विभिन्न धाराओं का दुरुपयोग रोकने, इस कानून को समाप्त करने और लैंगिक समानता के लिए संघर्ष करने का इससे अच्छा कोई अन्य उपाय नहीं हो सकता। बांदी श्रीनिवास का आरोप है कि कुछ महिलाएं अपने माता-पिता की सहायता से कानून का दुरुपयोग करके पुरुषों के विरुद्ध झूठे केस दर्ज करा के अपने पतियों को परेशान करती हैं।
तेलंगाना में आदर्श चुनाव संहिता लागू होने से अब तक मतदाताओं में बांटने के लिए रखी गई 70 करोड़ रुपए की अवैध राशि जब्त की गई है। इसके अलावा 6.70 करोड़ रुपए की अवैध शराब भी पकड़ी गई। पिछले कुछ दिनों के दौरान चुनावी राज्यों का परिदृश्य कुछ ऐसा बना है। अभी मतदान सम्पन्न होने में कुछ दिन और बाकी हैं, लिहाजा आने वाले दिनों में कुछ और दिलचस्प बातें देखने को मिलेंगी।—विजय कुमार