प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सही किया ‘दबंग व बयानबाज नेताओं को फटकार लगा कर’

Edited By ,Updated: 04 Jul, 2019 02:09 AM

modi corrected  dabang and statements by rebuffing leaders

राजनीतिज्ञों से यह आशा की जाती है कि वे कोई भी ऐसा कार्य नहीं करेंगे जिससे विवाद पैदा हों परंतु आज यही लोग अपने विषैले बयानों और कृत्यों से देश का वातावरण खराब कर रहे हैं। ऐसा करने वालों में भाजपा नेता तथा उनके सगे-सम्बन्धी सबसे आगे हैं। इसी को...

राजनीतिज्ञों से यह आशा की जाती है कि वे कोई भी ऐसा कार्य नहीं करेंगे जिससे विवाद पैदा हों परंतु आज यही लोग अपने विषैले बयानों और कृत्यों से देश का वातावरण खराब कर रहे हैं। ऐसा करने वालों में भाजपा नेता तथा उनके सगे-सम्बन्धी सबसे आगे हैं। 

इसी को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गत वर्ष 23 अप्रैल को भाजपा सांसदों और विधायकों को फटकार लगाते हुए कहा कि वे मीडिया के सामने विवादास्पद बयान देने से बचें और इस वर्ष भी चुनावों के तुरंत बाद उन्होंने कहा था कि भाजपा नेता अपनी वाणी और कृत्यों पर संयम रखें परंतु उनकी यह नसीहत बहरे कानों में पड़ी और किसी पर कोई असर नहीं हुआ। 

इसका सबसे खराब उदाहरण गत 26 जून को भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे तथा इंदौर से भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय ने पेश किया जब उसने अपनी टीम के साथ एक जर्जर मकान गिराने गए इंदौर नगर निगम के अधिकारी ‘धर्मेंद्र व्यास’ को न सिर्फ धमकाया बल्कि क्रिकेट के बैट से पीट भी डाला। हद तो तब हुई जब इस मामले में गिरफ्तारी के बाद आकाश के जमानत पर रिहा होने के पश्चात आकाश के समर्थकों ने खुशी में हवाई फायर कर दिए और आकाश ने कहा कि उसे अपने कृत्य का कोई अफसोस नहीं है। 

मीडिया में उक्त घटना की चर्चा और विधायक के कृत्य से हो रही पार्टी की बदनामी देखते हुए अब एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए चेतावनी दे दी है कि ‘‘बेटा किसी का भी हो, मनमानी नहीं चलेगी और ऐसा व्यवहार सहन नहीं किया जाएगा। किसी भी प्रकार का कृत्य जो पार्टी का नाम कम करता है, अस्वीकार्य है।’’ कैलाश विजयवर्गीय की मौजूदगी में प्रधानमंत्री ने कहा,‘‘पहले निवेदन, फिर आवेदन, फिर दनादन...यह कैसी भाषा है! यदि किसी ने गलत किया है तो कार्रवाई की जानी चाहिए और यह नियम सभी पर लागू है। जिन लोगों ने स्वागत किया है उन्हें भी पार्टी में रहने का हक नहीं है। सभी को पार्टी से निकाल देना चाहिए...क्या होगा यदि एक विधायक कम हो जाएगा।’’ 

पाठक जानते ही हैं कि हम तो बार-बार इस विषय में लिखते रहे हैं और भाजपा के बड़बोले नेताओं के बड़बोलेपन और कृत्यों का ब्यौरा देते हुए कहते रहे हैं कि इनके ऐसे कृत्य पार्टी की छवि को आघात पहुंचा रहे हैं। इसी को देखते हुए अब प्रधानमंत्री द्वारा ऐसे नेताओं को दी गई उक्त चेतावनी सही है तथा ‘दोषियों’ के विरुद्ध कार्रवाई करके उन्हें इसे अमली जामा भी पहना देना चाहिए। इससे पार्टी में मौजूद निरंकुश नेताओं पर अंकुश लगेगा और पार्टी बदनामी से बचेगी।—विजय कुमार                                              

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