Edited By ,Updated: 17 Aug, 2019 12:41 AM
हमारे नेताओं द्वारा पुलिस विभाग के कर्मचारियों को अनुशासित होने की नसीहतें देने के बावजूद पुलिस कर्मियों द्वारा मनमानियां और कानून विरोधी गतिविधियां लगातार जारी हैं। यह विडम्बना ही है कि अपराधों और ...
हमारे नेताओं द्वारा पुलिस विभाग के कर्मचारियों को अनुशासित होने की नसीहतें देने के बावजूद पुलिस कर्मियों द्वारा मनमानियां और कानून विरोधी गतिविधियां लगातार जारी हैं। यह विडम्बना ही है कि अपराधों और अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए जिम्मेदार पुलिस बल के अनेक सदस्य स्वयं अपराधों में संलिप्त होकर इसकी बदनामी का कारण बन रहे हैं :
09 अगस्त को मध्य प्रदेश में अलीराजपुर जिले के नानपुर गांव में किसी मामले में गिरफ्तार 5 लोगों के साथ पुलिस कर्मियों ने न सिर्फ हिरासत में मारपीट की और उन्हें तरह-तरह की यातनाएं दीं बल्कि जब आरोपियों ने पीने के लिए पानी मांगा तब पुलिस वालों ने उन्हें अपना पेशाब पीने के लिए विवश किया।
09 अगस्त को मुम्बई में राष्ट्रपति पदक से सम्मानित पुलिस अधिकारी संजय गोविलकर तथा सहायक पुलिस इंस्पैक्टर जितेंद्र सिंगोट को आतंकवादी दाऊद इब्राहिम के गुर्गे तथा मोस्ट वांटेड अपराधी ‘सोहेल भामला’ को हाथ में आने के बावजूद छोड़ देने के आरोप में निलंबित किया गया।
10 अगस्त को पंजाब पुलिस के एक हैडकांस्टेबल ने अमृतसर में पहले तो हाथ देकर बस को रुकवाना चाहा और जब ड्राइवर ने बस नहीं रोकी तो उसने बस के आगे छलांग लगा दी जिससे मजबूरन ड्राइवर को बस रोकनी पड़ी। जैसे ही बस रुकी हैडकांस्टेबल ने उसमें दाखिल होकर ड्राइवर की पगड़ी उतार दी और उसे पीट डाला।
10 अगस्त को जींद पुलिस ने गुडग़ांव के सदर पुलिस थाने में तैनात एस.एच.ओ. को एक महिला से बलात्कार करने और उसका अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने के आरोप में गिरफ्तार किया।
11 अगस्त को एस.टी.एफ. लुधियाना की टीम ने सदर थाना खन्ना के मुख्य मुंशी गगन दीप सिंह गग्गी को गिरफ्तार करके उसकी कार से 385 ग्राम हैरोइन बरामद की। बताया जाता है कि वह थाने में बैठ कर ही हैरोइन की सप्लाई करता था।
12 अगस्त को अमृतसर रूरल पुलिस और एस.टी.एफ. ने एक संयुक्त कार्रवाई में अटारी के घरिंडा पुलिस थाने के अंदर नशे के साथ वहीं तैनात 2 सब इंस्पैक्टरों अवतार सिंह और जोरावर सिंह को पकड़ कर उनके कब्जे से क्रमश: 10 ग्राम और 5 ग्राम हैरोइन बरामद की। इनमें से अवतार सिंह ने 13 अगस्त सुबह अमृतसर स्थित एस.टी.एफ. कार्यालय में स्वयं को गोली मार कर आत्महत्या कर ली।
14 अगस्त को फरीदाबाद के पुलिस उपायुक्त (एन.आई.टी.) विक्रम कपूर को ब्लैकमेल करने और आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में थाना भुपाली के प्रभारी अब्दुल शाहिद को हिरासत में लिया गया। विक्रम कपूर ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि वह अब्दुल द्वारा उसे ब्लैकमेल करने के कारण आत्महत्या कर रहे हैं।
4 अगस्त को ही उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर के महिला थाने में तैनात एक सब-इंस्पैक्टर सीमा यादव ने रिश्वत की रकम के बंटवारे के प्रश्र पर अपनी सीनियर से हुए झगड़े के बाद जहर खा लिया जिस पर उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा।
इस घटना के चलते विभाग में मचे बवाल के बाद एस.एच.ओ. प्रीति रानी यादव सहित महिला थाने के 50 सदस्यों के समूचे स्टाफ को लाइन हाजिर कर दिया गया है। एस.एस.पी. अभिषेक यादव के अनुसार यह कार्रवाई महिला थाने में पिछले कुछ महीनों के दौरान बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की शिकायतों को देखते हुए की गई है।
इस तरह की घटनाओं का लगातार होना सिद्ध करता है कि आज भी देश में कानून व्यवस्था लागू करने वाली मशीनरी पंगु बनी हुई है जिसे चंद भ्रष्ट और अनुशासनहीन पुलिस कर्मचारी घुन की तरह खोखला और पुलिस की छवि को धूमिल कर रहे हैं। लिहाजा समय की मांग है कि ऐसे भ्रष्ट और भटके हुए पुलिस कर्मचारियों को कठोरतम दंड दिया जाए ताकि दूसरे भी ऐसा करने से बाज आएं और रक्षक रक्षक ही बने रहें, भक्षक न बनें। —विजय कुमार