Edited By ,Updated: 16 Feb, 2019 03:31 AM
सरकार द्वारा महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में कमी आने के दावों के बावजूद ये लगातार जारी हैं। अपराधी इस कदर बेखौफ हो चुके हैं कि अब तो दूध पीती बच्चियां भी बड़ी संख्या में इनका शिकार हो रही हैं। स्थिति कितनी ङ्क्षचतनीय हो चुकी है यह मात्र एक सप्ताह की...
सरकार द्वारा महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में कमी आने के दावों के बावजूद ये लगातार जारी हैं। अपराधी इस कदर बेखौफ हो चुके हैं कि अब तो दूध पीती बच्चियां भी बड़ी संख्या में इनका शिकार हो रही हैं। स्थिति कितनी ङ्क्षचतनीय हो चुकी है यह मात्र एक सप्ताह की निम्र घटनाओं से स्पष्ट है:
07 फरवरी को फिरोजपुर में एक महिला से हुआ सामूहिक बलात्कार जो अब इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती है। 07 फरवरी को बिहार में किशनगंज के पत्थरघाटी गांव में 6 लोगों ने 19 वर्षीय युवती को बंधक बना कर उससे गैंग रेप किया। 07 फरवरी को हिसार में एक युवती से लगातार 4 वर्षों से बलात्कार करते आ रहे एक व्यक्ति के विरुद्ध केस दर्ज किया गया। 08 फरवरी को मुम्बई में सड़क के किनारे झोंपड़ी में सो रही एक 4 वर्षीय बच्ची से बलात्कार करने के बाद उसकी हत्या कर दी गई।
08 फरवरी को हिसार पुलिस ने एक व्यक्ति द्वारा अपनी 13 वर्षीय भांजी से बलात्कार करने के आरोप में उसके विरुद्ध केस दर्ज किया। 09 फरवरी को भिवानी के एक गांव में बलात्कार की शिकार नाबालिगा ने कुएं में छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। 09 फरवरी को तलवंडी चौधरियां थाने में एक नाबालिगा से बलात्कार और आग लगा कर गंभीर रूप से घायल करने के मामले में एक महिला सहित 6 लोगों के विरुद्ध केस दर्ज किया गया। 09 फरवरी को हिसार के बरवाला में 3 वर्षीय बच्ची से बलात्कार। 09-10 फरवरी की मध्य रात्रि को लुधियाना के ईसेवाल गांव के निकट अपने दोस्त के साथ कार में जा रही कालेज छात्रा से गैंग रेप।
10 फरवरी को मोहाली में एक महिला ने अपने पति को अपनी ही सगी बेटी के साथ बलात्कार करते हुए पकड़ा। 10 फरवरी को नोएडा के गांव एच्छर में 3 वर्षीय बच्ची से बलात्कार। 10 फरवरी को बेंगलूरू में एक युवती के जन्मदिन की पार्टी में आमंत्रित मेहमान ने पार्टी समाप्त होने के बाद युवती से बलात्कार किया। 11 फरवरी को हिमाचल के मंडी में 15 वर्षीय लड़के ने अपनी हमउम्र लड़की को एक मकान के टायलैट में ले जाकर उसकी इज्जत लूट ली। 11 फरवरी सुबह नोएडा में एक 48 वर्षीय महिला अपने घर के निकट बेहोशी की हालत में पड़ी मिली। डाक्टरों के अनुसार नशीला पदार्थ खिला कर उसके साथ बलात्कार किया गया था।
11 फरवरी रात को फिल्लौर में अपने दोस्त के साथ सैर कर रही नाबालिगा के अपहरण के बाद 2 युवकों ने उससे बलात्कार कर डाला। 11 फरवरी को महाराष्ट्र के पालघर में एक महिला को बंधक बनाकर उससे बलात्कार करने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया। 12 फरवरी को मुक्तसर पुलिस ने एक नाबालिगा के अपहरण और उससे बलात्कार करने के आरोप में 5 लोगों के विरुद्ध केस दर्ज किया। 12 फरवरी को बलात्कार की शिकार युवती ने बठिंडा के निजी अस्पताल में बेटे को जन्म दिया। 12 फरवरी को उत्तर प्रदेश में महोबा जिले के पनवाड़ी गांव में 4 युवकों द्वारा खेत से लौट रही एक नाबालिगा का अपहरण और बलात्कार।
13 फरवरी को मानसा में अपने मकान मालिक की 8 वर्षीय बेटी से बलात्कार करके फरार किराएदार युवक के विरुद्ध केस दर्ज। 14 फरवरी को कालेज छात्रा से बलात्कार करने के मामले में चंडीगढ़ जिला अदालत द्वारा एक युवक को उम्रकैद की सजा। प्रतिदिन बड़ी संख्या में सामने आ रही बलात्कार की घटनाओं ने देश के अधिकांश भागों में नारी जाति की सुरक्षा के संबंध में गंभीर प्रश्र खड़े कर दिए हैं। देश में महिलाएं किस कदर खतरे में हैं यह इसी से स्पष्टï है कि बड़ी संख्या में महिलाओं के विरुद्ध अपराध होने के बावजूद न तो समुचित गश्त का प्रबंध है और न ही ज्यादातर मामलों में पुलिस केस दर्ज करने में रुचि लेती है।
यदि केस दर्ज हो भी जाए तो मुकद्दमे की प्रक्रिया ही वर्षों तक चलती रहने से न्याय का उद्देश्य ही समाप्त हो जाता है। अत: दोषियों को सजा देने के लिए फास्ट ट्रैक अदालतें बनाकर यथाशीघ्र कठोरतम दंड देने की आवश्यकता है। इस बारे सीकर जिले की अदालत ने एक 4 वर्षीय बच्ची के साथ 30 जनवरी को हुई बलात्कार की घटना के 12 दिनों के भीतर ही दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाकर एक उदाहरण पेश किया है जिसकी चार्जशीट पुलिस ने पांचवें दिन ही पेश कर दी थी। यदि इसी प्रकार तेजी से सभी मामलों का निपटारा करके अपराधियों को सजा दी जाने लगे तो महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में कुछ कमी अवश्य आ सकती है।—विजय कुमार