दिल्ली अब बन गई ‘अपहरणों की राजधानी’

Edited By ,Updated: 13 Sep, 2016 01:42 AM

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बलात्कार की घटनाओं के लिए तो देश की राजधानी दिल्ली पहले ही बदनाम थी, अब अपहरण के मामले में भी यह देश भर के शहरों में सबसे आगे निकल कर ...

बलात्कार की घटनाओं के लिए तो देश की राजधानी दिल्ली पहले ही बदनाम थी, अब अपहरण के मामले में भी यह देश भर के शहरों में सबसे आगे निकल कर ‘अपहरणों की राजधानी’ भी बन गई है जो हाल ही के निम्र चंद उदाहरणों से स्पष्टï है :

* 06 अगस्त को 10 लाख रुपए की फिरौती के लिए अपहृत रजनीश नामक व्यक्ति को दिल्ली पुलिस ने 18 अगस्त को साहिबाबाद स्थित एक मकान से मुक्त करवाया और इस सिलसिले में एक पुरुष व महिला को गिरफ्तार किया। 

 
* 12-13 अगस्त की मध्य रात्रि को 4 व्यक्तियों ने 25 लाख रुपए की फिरौती के लिए रोहिणी में प्रापर्टी डीलर राम प्रताप का उस समय अपहरण कर लिया जब वह अपनी कार में घर लौट रहा था। 
 
अपहत्र्ताओं ने उसे बुरी तरह पीटा और उन्होंने उससे वे एक लाख रुपए भी छीन लिए जो उस समय राम प्रताप के पास थे। इसके बाद उन्होंने राम प्रताप से उगलवाया कि उसके घर में रुपए कहां रखे हैं। फिर एक अभियुक्त ने उसके घर जाकर 25 लाख रुपए की रकम उसके बेटे से वसूल की। 
 
* 17 अगस्त को पुलिस ने 1 करोड़ रुपए की फिरौती के लिए  नरेला से एक बच्चे का अपहरण करने वाले गिरोह के 5 सदस्य गिरफ्तार किए।
 
* 22 अगस्त को रात 11 बजे एक व्यापारी जितेंद्र नेगी का उसकी कार नं. 011 में टक्कर मार कर अपहरण कर लिया गया और बुरी तरह पीट कर उसका लैपटाप, मोबाइल, आईपैड और 50,000 रुपए लूटने के बाद उसे सड़क पर फैंक कर अपहर्ता उसकी कार लेकर फरार हो गए। 
 
* 23 अगस्त को दिल्ली से अपहृत एक बच्चा 12 दिन बाद सहारनपुर से बरामद किया गया। इस बालक को एक टैम्पो चालक ने जबरन अपने टैम्पो में बिठा लिया और फिर उसे एक अन्य व्यक्ति को सौंप दिया। 
 
* 25 अगस्त को भाटी माइन्स इलाके से एक व्यक्ति के अपहरण के सिलसिले में तौफीक व सन्नी नामक दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। 
 
* 27 अगस्त को दिल्ली के ‘बाड़ा हिन्दू राव अस्पताल’ में इलाज के लिए आई एक महिला की बेटी का अपहरण करके एक महिला फरार हो गई।
 
* 02 सितम्बर रात को विकासपुरी, दिल्ली में एक व्यक्ति ने एक रैन बसेरे में अपनी मां के साथ सो रही 11 मास की बच्ची का अपहरण कर लिया और निकटवर्ती जंगल में जाकर उससे बलात्कार करने के बाद उसे बेहोशी की हालत में छोड़ कर भाग गया।
 
* 03 सितम्बर को गोविंदपुरी, दिल्ली से एक 3 वर्षीय बच्ची का अपहरण करके उससे बलात्कार करने के आरोप में एक युवक को पकड़ा गया।
 
* 06 सितम्बर को दिल्ली के रहनौला थाना क्षेत्र से 14 वर्षीय बालक अनुराग शर्मा का अपहरण कर लिया गया। 
 
* 09 सितम्बर को एक कम्पनी के कर्मचारी का अपहरण करने के आरोप में 2 व्यापारियों व उनके 3 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया।
 
ये घटनाएं तो उदाहरण मात्र हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एन.सी.आर.बी.) की ओर से हाल ही में जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार राजधानी दिल्ली में प्रतिदिन 21 अपहरण हो रहे हैं जो देश में सर्वाधिक हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2015 में राजधानी में 20339 हिंसक अपराध हुए जिनमें से सर्वाधिक 7730 अपराध अपहरण के हुए। 
 
अधिकांश मामलों में अपराधियों ने बच्चों को निशाना बनाया लेकिन फिरौती वसूली एवं बदले की भावना से भी अपहरण किए गए। कुछ मामलों में बलपूर्वक विवाह के लिए महिलाओं का अपहरण भी किया गया। 
 
पुलिस सूत्रों ने स्वीकार किया है कि कुछ पीड़ित परिवार अपहरणकत्र्ताओं की मांग मान कर फिरौती की रकम गुपचुप तरीके से दे देते हैं और अपहरण की रिपोर्ट दर्ज ही नहीं करवाते। जो भी हो, यह तो स्पष्ट है कि राजधानी दिल्ली में बड़ी संख्या में मानव तस्कर, जब्री फिरौती वसूली करने वाले तथा अन्य अपराधों को अंजाम देने वाले गिरोह सक्रिय हैं जो लगातार ऐसी घटनाओं को अंजाम देकर राजधानी में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर प्रश्रचिन्ह लगा रहे हैं।  
 

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