महत्वपूर्ण मुद्दों पर अब सरदार प्रकाश सिंह बादल ने केंद्र सरकार को दिखाया आईना

Edited By ,Updated: 15 Feb, 2020 01:45 AM

now badal showed the mirror to the central government on important issues

इस समय जबकि सी.ए.ए. और एन.आर.सी. को लेकर देश में घमासान मचा हुआ है, इस मुद्दे पर सिर्फ गैर भाजपा विपक्षी दलों में ही नहीं, भाजपा नीत राजग के घटक दलों में भी नाराजगी देखने को मिल रही है। जहां जद (यू) और लोजपा एन.आर.सी. पर असहमति जता चुके हैं, व

इस समय जबकि सी.ए.ए. और एन.आर.सी. को लेकर देश में घमासान मचा हुआ है, इस मुद्दे पर सिर्फ गैर भाजपा विपक्षी दलों में ही नहीं, भाजपा नीत राजग के घटक दलों में भी नाराजगी देखने को मिल रही है। जहां जद (यू) और लोजपा एन.आर.सी. पर असहमति जता चुके हैं, वहीं शिवसेना के बाद राजग का सबसे पुराना सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (शिअद) भी एन.आर.सी और सी.ए.ए. पर हो रहे देशव्यापी प्रदर्शनों से पैदा स्थिति पर विचार करने के लिए राजग के भागीदार दलों की बैठक बुलाने तथा महत्वपूर्ण मुद्दों पर नियमित बैठकें करने की मांग उठा चुका है। कुछ समय पहले तक शिअद ने सी.ए.ए. पर भाजपा के पक्ष में स्टैंड ले रखा था परंतु 21 दिसम्बर, 2019 को सुखबीर बादल ने गृह मंत्री अमित शाह से सी.ए.ए. में मुसलमानों को शामिल करने की अपील की थी।

शिअद के एक अन्य वरिष्ठï नेता नरेश गुजराल ने भी 25 दिसम्बर, 2019 को  मुस्लिम समुदाय को सी.ए.ए में शामिल करने और एन.आर.सी. समाप्त करने की मांग करते हुए कहा था कि, ‘‘राजग की बैठक में नागरिकता कानून जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करने के परिणामस्वरूप ही शायद राजग के अनेक घटक दल सी.ए.ए. और एन.आर.सी. के मुद्दे पर दुखी हैं।’’ और अब शिअद के वरिष्ठïतम नेता, दल के संरक्षक एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री प्रकाश सिंह बादल ने सी.ए.ए. पर चुप्पी तोड़ते हुए बिना नाम लिए भाजपा नीत राजग सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए उसे सभी गठबंधन सहयोगियों को साथ लेकर चलने की नसीहत दे डाली है। 13 फरवरी को शिअद द्वारा आयोजित ‘रोष रैली’ में श्री प्रकाश सिंह बादल ने मोदी सरकार की कार्यप्रणाली पर प्रश्रचिन्ह लगाते हुए इसके धर्म निरपेक्षता के सिद्धांत से भटकने पर कड़ी ङ्क्षचता जताई और कहा कि, ‘‘देश की वर्तमान स्थिति का अच्छा न होना गंभीर ङ्क्षचता का विषय है।’

‘‘केंद्र और राज्यों में सत्तारूढ़ लोगों को यह बात यकीनी बनानी चाहिए कि देश का शासन संविधान में बताए गए सिद्धांतों के अनुसार चलाया जाए और हिन्दुओं तथा मुसलमानों सहित अन्य धर्मों के लोगों के कल्याण के लिए काम करें न कि उन्हें धर्म के नाम पर बांटें।’’ उन्होंने केंद्र एवं राज्यों में सत्तारूढ़ दलों का नाम लिए बिना धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों के साथ हो रही छेड़छाड़ को देश में सौहार्द और शांति के लिए घातक और देश को कमजोर करने वाली बताया तथा कहा कि देश का वातावरण ऐसा होना चाहिए जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भी सुरक्षित महसूस करके देश के निर्माण में समान भूमिका निभाएं।

‘‘हमारे सार्वजनिक जीवन में घृणा और कटुता का कोई स्थान नहीं होना चाहिए और देश में घृणा के बीज नहीं बोए जाने चाहिएं। भारत के धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र की सुरक्षा और संवद्र्धन को यकीनी बनाने के लिए सबको एकजुट होकर काम करने की जरूरत है।’’  ‘‘यदि सरकार चलाने में सफल होना है तो अपने सभी सहयोगियों और अल्पसंख्यकों को साथ लेकर चलना होगा और सभी धर्मों का सम्मान करना होगा क्योंकि सभी देशवासी स्वयं को एक परिवार का हिस्सा मानते हैं।’’

उन्होंने स्पष्टï कहा, ‘‘सी.ए,.ए. ऐसा कानून है जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बंगलादेश के उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता दे सकता है, अत: शिअद चाहता था कि इसमें मुसलमानों को भी शामिल किया जाए।’’ ‘‘महाराजा रणजीत सिंह के पांच मंत्रियों में से 3 हिन्दू, 1 मुसलमान और एक सिख था और स्वर्ण मंदिर की नींव एक मुसलमान (साईं मियां मीर) ने रखी थी। हमें हमारे गुरुओं से अल्पसंख्यकों को साथ लेकर चलने की विरासत मिली है जिसका अनिवार्य रूप से सम्मान होना चाहिए।’’

श्री बादल ने नाराज अकालियों को पार्टी के निर्णयों का सम्मान करने की भी सलाह दी और कहा, ‘‘मैंने अपनी पार्टी के आदेश पर भारत का संविधान फाड़ा था परंतु मैं दिल से ऐसा नहीं करना चाहता था। मैं अकेला ही ऐसा करने के लिए दिल्ली गया क्योंकि मेरी पार्टी चाहती थी कि मैं ऐसा करूं।’’ हालांकि संविधान फाडऩे जैसे कृत्य को कदापि उचित नहीं ठहराया जा सकता परंतु नागरिकता कानून बारे श्री बादल की स्पष्टïवादिता प्रशंसनीय है और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को उनकी नसीहत पर अमल करना चाहिए।

भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को अपने सहयोगी दलों से मंत्रणा करके उनकी सहमति से ही सी.ए.ए., देश के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप और अल्पसंख्यकों को साथ लेकर चलने जैसे संवेदनशील मुद्दों पर निर्णय लेने चाहिएं ताकि देश में सौहार्द और शांति बनी रहे।      —विजय कुमार

Related Story

Trending Topics

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!