Edited By ,Updated: 17 Apr, 2022 04:09 AM
पंजाब में हाल ही में हुए चुनावों के दौरान विभिन्न राजनीतिक दलों ने तरह-तरह की लोकलुभावन घोषणाएं की थीं जिसके बाद सत्ता में आई ‘आम आदमी पार्टी’ की सरकार ने कुछ रियायतें दे भी दी
पंजाब में हाल ही में हुए चुनावों के दौरान विभिन्न राजनीतिक दलों ने तरह-तरह की लोकलुभावन घोषणाएं की थीं जिसके बाद सत्ता में आई ‘आम आदमी पार्टी’ की सरकार ने कुछ रियायतें दे भी दी हैं। इसी वर्ष के अंत में हिमाचल प्रदेश में होने वाले चुनावों के दृष्टिगत मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 15 अप्रैल को ‘हिमाचल दिवस’ के अवसर पर प्रदेश के सभी वर्गों के लोगों के लिए चंद रियायतों की घोषणा की जिसके अनुसार :
* प्रदेश की सरकारी बसों में महिलाओं से आधा किराया ही लिया जाएगा। इससे सरकार पर लगभग 60 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा।
* 1 जुलाई से सभी बिजली खपतकारों को 125 यूनिट तक जीरो बिल की सुविधा देने तथा उनसे कोई विद्युत बिल न लेने की घोषणा भी की गई, जिससे सरकार पर 250 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा।
* ग्रामीण क्षेत्रों में सभी परिवारों से पानी का कोई बिल न लेने की भी घोषणा की गई है, जिससे प्रदेश सरकार पर 30 करोड़ रुपए का सालाना बोझ पड़ेगा।
* इसी समारोह में ‘होली उतराला’ सड़क के निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए 5 करोड़ रुपए देने, चम्बा में मिनी सचिवालय खोलने और शहर के सौंदर्यीकरण के लिए कदम उठाने की घोषणा भी की गई।
यह तो अभी शुरूआत मात्र है। चुनावी वर्ष में अब यह देखना भी दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में प्रदेशवासियों को और कितनी रियायतें राज्य सरकार उपलब्ध करवाती है।
इस संबंध में अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली की ‘आप’ सरकार की नकल करके हिमाचल सरकार ने ये घोषणाएं की हैं जिसका भाजपा को दूसरे राज्यों में भी ऐलान करना चाहिए।
जनता को सुविधाएं देना अच्छी बात है। इसीलिए हम बार-बार लिखते रहते हैं कि चुनाव पांच वर्ष की बजाय अमरीका और जर्मनी जैसे विकसित देशों की तरह प्रत्येक चार वर्ष बाद ही होने चाहिएं। इससे सरकारों के काम में चुस्ती आएगी, लोगों को सुविधाएं मिलने के अलावा उनके रुके काम जल्दी होने लगेंगे और विकास में भी तेजी आएगी परंतु इसके साथ ही वित्तीय संतुलन भी ध्यान में रखने की जरूरत है ताकि लोगों को सुविधाएं देते-देते उन पर ही टैक्सों का नया बोझ न बढ़ जाए।—विजय कुमार