‘अधिकृत कश्मीर में’ तेज होने लगीं ‘आजादी के हक में आवाजें’

Edited By ,Updated: 07 Feb, 2017 12:06 AM

oices in favor of independence in kashmir led to sharp

पाक अधिकृत कश्मीर (पी.ओ.के.) मूल कश्मीर का वह हिस्सा है जिस पर पाकिस्तान ने 1947 में हमला करके कब्जा कर लिया था। यहां पाकिस्तानी शासकों ने ...

पाक अधिकृत कश्मीर (पी.ओ.के.) मूल कश्मीर का वह हिस्सा है जिस पर पाकिस्तान ने 1947 में हमला करके कब्जा कर लिया था। यहां पाकिस्तानी शासकों ने आतंकवादी संगठनों के दर्जनों प्रशिक्षण शिविर कायम करवा रखे हैं।

जहां पाकिस्तान सरकार इन शिविरों में आतंकवादी तैयार करके भारत में हिंसा तथा तोडफ़ोड़ की वारदातें करने के लिए उनकी घुसपैठ करवा रही है, वहीं पी.ओ.के. के नागरिकों पर भी अत्याचार कर रही है। पुलिस लोगों को टार्चर करती है और उन्हें बेवजह पीटती है जिस कारण वहां पाकिस्तान सरकार के विरुद्ध रोष-प्रदर्शन लगातार बढ़ते जा रहे हैं।

जहां पाकिस्तान सरकार प्रतिवर्ष 5 फरवरी को पी.ओ.के. में ‘कश्मीर एकजुटता दिवस’ मनाती है, वहीं पी.ओ.के. के नागरिक प्रतिवर्ष 22 अक्तूबर को वहां लोकतंत्र की बदहाली के विरुद्ध ‘काला दिवस’ मनाते हैं। 1947 में इसी दिन पाकिस्तानी शासकों ने अंतर्राष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करते हुए कबायलियों को कश्मीर पर कब्जा करने के लिए भेजा था। पाक अधिकृत कश्मीर के लोगों का कहना है कि पाकिस्तान सरकार के अंतर्गत उनका जीना दूभर हो गया है इसीलिए :

अप्रैल 2016 में पी.ओ.के. के मुजफ्फराबाद में बड़ी संख्या में लोगों ने पाकिस्तान से आजादी पाने के लिए नारे लगाए।13 अगस्त को पी.ओ.के. में पाक सरकार की गतिविधियों, पाक प्रायोजित आतंक, अत्याचार व गुंडागर्दी के विरुद्ध मुजफ्फराबाद में प्रदर्शन किया गया।06 अक्तूबर को पी.ओ.के. में 7 स्थानों पर सरकार विरोधी प्रदर्शनों में प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि आतंकियों के ट्रेङ्क्षनग कैम्पों ने उनकी जिंदगी नरक बना दी है और यहां बच्चों को आतंकी बनाया जा रहा है। 22 अक्तूबर को लोगों ने प्रदर्शन करके पी.ओ.के. से पाकिस्तानी सेना को वापस बुलाने की मांग की। उन्होंने नवाज सरकार के खिलाफ ‘दहशतगर्दी बंद करो, बच्चों को लश्कर की गलत तालीम देना बंद करो’ आदि नारे लगाए।

10 दिसम्बर को पी.ओ.के. के ‘तात्रिनोट’ में लोगों ने पाकिस्तान से आजादी के नारे लगाते हुए प्रदर्शन किया और गुप्तचर एजैंसी आई.एस.आई., सेना व अद्र्धसैनिक बलों पर महिलाओं पर अत्याचार करने के आरोप लगाए। और अब 5 फरवरी को ‘कश्मीर एकजुटता दिवस’ पर एक बार फिर पाक अधिकृत कश्मीर के लोगों ने आजादी के नारे लगाते हुए प्रदर्शन किया तथा पाक शासकों पर आई.एस.आई. व आतंकी संगठनों के जरिए उन पर जुल्म करने एवं निर्दोषों को निशाना बनाने का आरोप लगाया।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पी.ओ.के. में सामाजिक स्वतंत्रता और मूलभूत अधिकारों जैसी कोई चीज नहीं है। उनके हितों की लगातार अनदेखी हो रही है। वहां सभी फैसले पाकिस्तान सरकार की शह पर आई.एस.आई. ले रही है व प्रशासन से सहमत न होने वालों को प्रताडि़त किया जा रहा है।पाकिस्तान के शासकों द्वारा किए जा रहे इस दमन के विरुद्ध पी.ओ.के. में ही नहीं, बल्कि पंजाब को छोड़ कर देश के अन्य सभी हिस्सों सिंध, बलूचिस्तान और  ‘फाटा’ आदि में भी आजादी की मांग उठने लगी है। बेशक पाकिस्तानी शासक भारत सरकार और विश्व समुदाय द्वारा इस पर लगाए जाने वाले आतंकवाद को शरण देने और मानवाधिकारों के हनन के आरोप नकारते रहे हैं परंतु अब तो पाकिस्तान के भीतर ही वहां के शासकों के विरुद्ध चल रहे आंदोलनों से इन आरोपों की पुष्टिï होने लगी है।

भारत में श्रीनगर से पी.ओ.के. में मुजफ्फराबाद के लिए चलने वाली बस सेवा द्वारा पी.ओ.के. से इस ओर अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए आने वाले लोग जब यहां के लोगों की खुशहाली देखते हैं तो उनके मन में पाकिस्तान सरकार द्वारा उनके शोषण की पीड़ा और भी तेज हो जाती है जिसका परिणाम इस तरह के सत्ताविरोधी प्रदर्शनों में निकलने लगा है! यह घटनाक्रम भारतीय कश्मीर में रहने वाले पाक समर्थक तत्वों के लिए भी एक सबक है कि जिस आजादी और सुविधाओं का वे अपने निजी स्वार्थों के लिए दुरुपयोग कर रहे हैं, आज उसी आजादी और सुविधाओं के लिए उन्हीं के अपने सगे-संबंधी व रिश्तेदार पाक अधिकृत कश्मीर में बुरी तरह तरस रहे हैं। 
  —विजय कुमार  


 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!