Edited By Pardeep,Updated: 05 Jun, 2018 03:28 AM
हालांकि केंद्र सरकार ने काला धन और नकली करंसी समाप्त करने के लिए 8 नवम्बर, 2016 को 500 व 1000 रुपए के पुराने नोट बंद करके 500 व 2000 रुपए के नए नोट जारी किए थे परन्तु नोटबंदी के तुरंत बाद नए 500 व 2000 रुपए वाले नकली नोट भी बाजार में आ गए और अब तो...
हालांकि केंद्र सरकार ने काला धन और नकली करंसी समाप्त करने के लिए 8 नवम्बर, 2016 को 500 व 1000 रुपए के पुराने नोट बंद करके 500 व 2000 रुपए के नए नोट जारी किए थे परन्तु नोटबंदी के तुरंत बाद नए 500 व 2000 रुपए वाले नकली नोट भी बाजार में आ गए और अब तो कुछ ही समय पूर्व जारी 200 रुपए वाले नए नकली नोट भी बाजार में आ गए हैं।
दिल्ली पुलिस के स्पैशल सैल द्वारा हाल ही में 2000-2000 रुपए के नकली नोटों के रूप में 30,000 रुपए की नकली करंसी के साथ गिरफ्तार नकली नोटों के व्यापारी नरेंद्र उर्फ सैक्रेटरी के अनुसार यह सिलसिला अभी भी जारी है तथा पाकिस्तान से बंगलादेश होकर जाली नोट बंगाल के मालदा में पहुंच रहे हैं। यही नहीं, हालांकि सरकार ने नोटबंदी लागू करते हुए कहा था कि नए नोटों के सुरक्षा फीचर्स की नकल करना जालसाजों के लिए कठिन होगा परंतु सरकार का यह अनुमान भी गलत सिद्ध होता दिखाई दे रहा है।
कोलकाता पुलिस की स्पैशल टास्क फोर्स के अधिकारियों ने नकली करंसी के 4 तस्करों की गिरफ्तारी और 15 लाख रुपए नकली करंसी जब्त करने के बाद 31 मई को कोलकाता के एन.बी.एस.टी.सी. बस स्टैंड के निकट गिरफ्तार नकली करंसी के चौथे डीलर सत्तार शेख की गिरफ्तारी के बाद दावा किया है कि जालसाजों ने 2000 रुपए वाले नोट के 17 सिक्योरिटी फीचर्स में से 13 सिक्योरिटी फीचर्स की नकल कर ली है।
केंद्र सरकार द्वारा देश में नई करंसी उतारने के कुछ ही समय के भीतर जालसाजों द्वारा 2000 रुपए के नोटों के अधिकांश सिक्योरिटी फीचर्स की नकल कर लेना इस बात का स्पष्टï प्रमाण है कि भारत की अर्थव्यवस्था को तबाह करने पर आमादा वे अपने धंधे में किस कदर आगे बढ़ चुके हैं। लिहाजा उनका मुकाबला करने के लिए सिक्योरिटी फीचर्स को और कठोर बनाने तथा जालसाजों के धंधे पर अंकुश लगाने के लिए कठोरतम कार्रवाई करने की आवश्यकता है ताकि देश की अर्थव्यवस्था को तबाह होने से बचाया जा सके।—विजय कुमार