Edited By ,Updated: 17 Aug, 2019 11:44 PM
अनुच्छेद 370 की समाप्ति को लेकर पाकिस्तान सरकार और सेना में मचे भारत विरोधी उन्माद के चलते पाकिस्तान सरकार इस विषय को अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर उठाने की नाकाम कोशिश करती आ रही है। जहां पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस...
अनुच्छेद 370 की समाप्ति को लेकर पाकिस्तान सरकार और सेना में मचे भारत विरोधी उन्माद के चलते पाकिस्तान सरकार इस विषय को अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर उठाने की नाकाम कोशिश करती आ रही है। जहां पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस बारे दोबारा टैलीफोन पर अमरीका के राष्ट्रपति ट्रम्प से बात की वहीं इस मामले पर चर्चा करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यू.एन.एस.सी.) की 16 अगस्त को बंद कमरे में हुई बैठक में पाकिस्तान उस समय घुटनों पर आ गया जब इस विषय पर चीन के अलावा किसी अन्य देश का समर्थन उसे नहीं मिल पाया।
फ्रांस, अमरीका, ब्रिटेन और रूस जैसे देश पहले ही इसे भारत और पाकिस्तान का आपसी मामला बता चुके हैं परंतु संयुक्त राष्ट्र में चीन के राजदूत झांग जुन ने कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त करने और जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख को 2 अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाने के भारत के कदम का विरोध करते हुए कहा : ‘भारत के इस कदम ने चीन के संप्रभु हितों को भी चुनौती दी है और सीमावर्ती इलाकों में शांति एवं स्थिरता बारे द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन किया है जिस पर चीन काफी चिंतित है।’
जहां संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यू.एन.एस.सी.) में पाकिस्तान का साथ देकर चीन अपने देश में ‘उईगर’ मुसलमानों पर किए जा रहे अत्याचारों और हांगकांग में जारी चीन विरोधी प्रदर्शनों पर पाकिस्तान का समर्थन पाना चाहता है वहीं पाकिस्तान सरकार, सेना और उसकी गुप्तचर एजैंसी आई.एस.आई. भारत में अशांति फैलाने के लिए आतंकी गिरोहों की मदद भी ले रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जहां भारी हथियारों से लैस पाकिस्तानी सेना लाइन आफ कंट्रोल की ओर बढ़ रही है वहीं पाकिस्तान सरकार कश्मीर में ङ्क्षहसा करवाने के लिए सेना के सहयोग से पी.ओ.के. और जम्मू-कश्मीर से लगती अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर बंद हुए एक दर्जन आतंकी शिविरों को फिर से सक्रिय करके वहां जमा 200 के लगभग आतंकियों को भारत में घुसपैठ की ट्रेनिंग दे रही है।
इस बीच पाकिस्तान की नौसेना के कई समुद्री जहाज समुद्र में कूच कर चुके हैं जिससे यह आशंका व्यक्त की जा रही है कि कहीं पाकिस्तान अब समुद्री जेहाद पर तो नहीं उतर आएगा?
पाकिस्तान की तीनों बंदरगाहों के जहाज समुद्र में चले गए हैं और कराची बंदरगाह पर सिर्फ 3 जहाज ही नजर आ रहे हैं जिसका मतलब साफ है कि पाकिस्तान के सारे जहाज समुद्र में हैं और समुद्री रास्ते से पाकिस्तान कोई जेहाद या हमला करने के मूड में है।
बताया जाता है कि भारत में अपने नापाक इरादों को सिरे चढ़ाने के लिए आतंकवादी गिरोह जैश-ए-मोहम्मद के सरगनाओं की रावलपिंडी में आई.एस.आई. के अधिकारियों के साथ बैठक भी हुई है जिसमें आई.एस.आई. ने उन्हें भारत में अशांति फैलाने और साम्प्रदायिक दंगे भड़काने के लिए भारत की मस्जिदों को निशाना बनाने का फरमान दिया है।
भारत में सिवाय कश्मीरी अलगाववादियों के, शायद ही किसी मुस्लिम संगठन या समूह ने केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 हटाने का विरोध किया हो जिसका बदला लेने के लिए पाकिस्तान की गुप्तचर एजैंसी ने भारत में दंगे करवाने के लिए यह चाल चली है परंतु राजनीतिक प्रेक्षकों का कहना है कि पाकिस्तान के मन्सूबे सफल होने वाले नहीं हैं। भारत सरकार ने भी उनकी नीयत भांप कर उनकी किसी भी कार्रवाई का उचित जवाब देने की ठान ली है।
कुल मिलाकर इस समय पाकिस्तान सरकार, सेना और उसकी गुप्तचर एजैंसी आई.एस.आई. ने भारत में अशांति फैलाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रखा है। इसे देखते हुए जहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने परमाणु हमले संबंधी भारत की नीति स्थिति के अनुसार बदलने का संकेत दिया है वहीं सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने पाकिस्तान को भारत के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने पर मुंह तोड़ जवाब देने की चेतावनी दे दी है फिर भी ‘दुश्मन बात करे अनहोनी’ वाली कहावत को ध्यान में रखते हुए सरकार को इसके लिए हर समय पूरी तरह तैयार रहना होगा। —विजय कुमार