Edited By ,Updated: 13 Aug, 2019 11:49 PM
भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार देने वाला संविधान का अनुच्छेद 370 समाप्त करने पर पाकिस्तान द्वारा विश्व के नेताओं के आगे समर्थन की गुहार लगाने का कोई नतीजा नहीं निकला तथा अमरीका...
भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार देने वाला संविधान का अनुच्छेद 370 समाप्त करने पर पाकिस्तान द्वारा विश्व के नेताओं के आगे समर्थन की गुहार लगाने का कोई नतीजा नहीं निकला तथा अमरीका, चीन और रूस द्वारा इस मामले में पाकिस्तान के साथ खड़े होने से इंकार कर देने से पाकिस्तान बिल्कुल अलग-थलग पड़ गया है।
विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि‘‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी हमें समर्थन मिलना कठिन है। हमें मूर्खों के स्वर्ग में नहीं रहना चाहिए। पाकिस्तानी और कश्मीरियों को यह जानना चाहिए कि कोई आपके लिए नहीं खड़ा है। भावनाएं उभारना अत्यंत आसान है परंतु अब इस मुद्दे को और आगे ले जाना कठिन है।’दूसरी ओर दिल्ली में पाकिस्तान के हाई कमिश्रर रहे अब्दुल बासित ने भारत के साथ युद्ध की धमकी देते हुए कहा है कि ‘‘यदि भारत हद पार करे तो युद्ध करना चाहिए तथा कश्मीर के मामले में विदेश मंत्रालय को अलग प्रकोष्ठ बनाना चाहिए।’’
इतिहास गवाह है कि भारत ने किसी भी देश पर कभी हमला नहीं किया और न ही किसी की भूमि पर कब्जा किया है। अलबत्ता पाकिस्तान के शासकों ने अस्तित्व में आने के समय से लेकर अब तक अपने पाले हुए तथा कश्मीर में अलगाववादी गतिविधियों को भड़काने वाले भारत विरोधी तत्वों को ‘सीक्रेट फंड’ देकर अपनी सेना और गुप्तचर एजैंसी आई.एस.आई. के माध्यम से भारत विरोधी गतिविधियों का सिलसिला अवश्य जारी रखा हुआ है।
जहां तक पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का संबंध है उनका यह मानना बिल्कुल सही है कि आज कश्मीर के मामले पर पाकिस्तान विश्व समुदाय में बिल्कुल अलग-थलग पड़ गया है परन्तु पूर्व राजनयिक अब्दुल बासित की भारत को युद्ध की धमकी गीदड़ भभकी के सिवाय कुछ नहीं है। भारत को युद्ध की धमकी जैसी बातें कह कर वे अपनी जनता को ही गुमराह कर रहे हैं परंतु पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी सही कह रहे हैं कि ‘‘हमें मूर्खों के स्वर्ग में नहीं रहना चाहिए तथा अब इस मुद्दे को और आगे ले जाना कठिन है।’’
—विजय कुमार