भारतीयों को अपने रूप-जाल में फंसाती पाकिस्तानी जासूस महिलाएं (हनीट्रैप)

Edited By ,Updated: 29 Jul, 2022 03:50 AM

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पुराने जमाने में भारत के शासक शत्रुओं का पता लगाने के लिए रूपवान महिलाओं का इस्तेमाल करते थे जिन्हें ‘विष कन्या’ कहा जाता था। संभवत: वर्तमान में प्रचलित ‘हनीट्रैप’ उसी का बदला हुआ

पुराने जमाने में भारत के शासक शत्रुओं का पता लगाने के लिए रूपवान महिलाओं का इस्तेमाल करते थे जिन्हें ‘विष कन्या’ कहा जाता था। संभवत: वर्तमान में प्रचलित ‘हनीट्रैप’ उसी का बदला हुआ रूप है। इसके जरिए गुप्तचर एजैंसियां दूसरे देशों की सैन्य जानकारी, गुप्त दस्तावेज, नक्शे आदि प्राप्त करने के लिए सुंदर महिलाओं को जासूस बनाकर हथियार के रूप में इस्तेमाल करती हैं। 

देश में कुछ समय से पाकिस्तान की गुप्तचर एजैंसी आई.एस.आई. प्रशिक्षित खूबसूरत महिलाओं का इस्तेमाल कर रही है, जो भारतीय सुरक्षा बलों के चंद सदस्यों तथा अन्य लोगों को भी अपने रूप-जाल में फंसा कर भारत की गुप्त सूचनाएं प्राप्त करती हैं। इसी को ‘हनीट्रैप’ कहते हैं। पिछले लगभग अढ़ाई महीनों के दौरान सामने आए ऐसे ही चंद उदाहरण नीचे दे रहे हैं : 

* 14 मई को आई.एस.आई. की रूपसी एजैंट के प्रेमजाल में फंस कर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में राजस्थान पुलिस ने भारतीय सेना के जवान प्रदीप कुमार को गिरफ्तार किया। पाकिस्तानी रूपसी ने प्रदीप को कुछ गंदे तथा गलत वीडियो दिखाकर अपने प्रेमजाल में फंसाया और फिर उससे देश की सुरक्षा संबंधी महत्वपूर्ण गोपनीय जानकारी प्राप्त कर ली। 

* 17 जून को हैदराबाद स्थित ‘डिफैंस रिसर्च एंड डिवैल्पमैंट लैबोरेटरी’ में कार्यरत इंजीनियर डी. मल्लिकार्जुन रैड्डी को एक पाकिस्तानी जासूस युवती के रूप-जाल में फंस कर भारत के मिसाइल कार्यक्रम की जानकारी लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। स्वयं को नताशा राव बताने वाली इस जासूस ने फेसबुक के जरिए उससे दोस्ती गांठी और विवाह का झांसा देकर उससे महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त कीं। इसमें परमाणु क्षमता सम्पन्न ‘इंटरकांटीनैंटल बैलिस्टिक मिसाइलों’ आदि के निर्माण संबंधी जानकारी भी शामिल थी। 

* 5 जुलाई को राजस्थान के बाड़मेर में सीमा सुरक्षा से जुड़ी जानकारी लीक करने के आरोप में गुप्तचर एजैंसियों ने एक पाकिस्तानी महिला एजैंट के हनीट्रैप में फंसे राम सिंह नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। रत्नगढ़ में एक फैक्टरी में काम करने वाला राम सिंह लगभग एक वर्ष से पाकिस्तानी गुप्तचर एजैंसी आई.एस.आई. के संपर्क में था। उसने सीमावर्ती क्षेत्र की सामरिक महत्व की जानकारी, फोटोग्राफ और वीडियो आई.एस.आई. से सांझा करने के बदले में उनसे धन प्राप्त करना स्वीकार किया था। 

* 26 जुलाई को राजस्थान पुलिस की गुप्तचर शाखा ने जयपुर की आर्टिलरी यूनिट में तैनात सेना के जवान शांतिमय राणा को 2 पाकिस्तानी महिला एजैंटों को गोपनीय जानकारी लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया। डी.जी. इंटैलीजैंस उमेश मिश्रा के अनुसार, ‘‘गुरनूर कौर उर्फ अंकिता तथा निशा के रूप में पहचानी गई पाकिस्तानी एजैंटों ने सोशल मीडिया के जरिए उक्त आरोपी से संपर्क किया। बाद में दोनों ने उसका विश्वास जीत कर उससे गोपनीय जानकारी प्राप्त करनी शुरू कर दी और इसके लिए राणा के खाते में बाकायदा धन भी ट्रांसफर किया।’’ 

इन जासूस महिलाओं ने शांतिमय राणा से भारतीय सेना से संबंधित गुप्त दस्तावेजों में फोटो और युद्धाभ्यास के वीडियो भी प्राप्त किए। उल्लेखनीय है कि भारत शुरू से ही पाकिस्तान पर देश में नशीले पदार्थों, नकली करंसी और हथियारों की तस्करी तथा अन्य भारत विरोधी गतिविधियां कराने के आरोप लगाता रहा है परंतु इसमें हमारे ही लोगों का हाथ पाया जा रहा है। 1 जुलाई, 2012 को पाकिस्तान रेंजर्स (पंजाब) के महानिदेशक मियां मो. हिलाल हुसैन ने इसके लिए भारत को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा : 

‘‘सीमा पर भारत की ओर से ही फैंसिंग लगाई गई है। इसके अलावा सर्च लाइट व फैंसिंग में करंट भी बी.एस.एफ. द्वारा छोड़ा गया है। ऐसे में भला हम भारत में घुसपैठ व तस्करी कैसे करवा सकते हैं? किसी की आज्ञा के बिना किसी के मकान में भला कोई कैसे घुस सकता है!’’पाकिस्तान के उक्त अधिकारी की बात तब भी सच थी और आज भी सच है। उक्त बयान के परिप्रेक्ष्य में अगर हम देखें तो इससे यही धारणा बनती है कि हमारी सुरक्षा में कहीं खामियां हैं। सीमा पर समुचित रूप से चैकिंग नहीं होती है या तस्करों और अधिकारियों की मिलीभगत हो सकती है क्योंकि इस तरह की देश विरोधी गतिविधियों में पाकिस्तानियों के साथ-साथ हमारे अपने लोग भी शामिल पाए जा रहे हैं। 

निश्चय ही राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हनीट्रैप बहुत बड़ा खतरा बन रहा है। अत: जरूरत इस बात की है कि हमारे सुरक्षा बलों के सदस्यों और अन्य लोगों को निजी स्वार्थों से ऊपर राष्ट्रीय हित को सर्वोपरि रखने के लिए जागरूक किया जाए ताकि वे किसी प्रलोभन में न आएं और जो लोग पकड़े गए हैं, उन्हें कठोरतम दंड दिया जाए।—विजय कुमार 

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