Edited By ,Updated: 20 Mar, 2020 02:34 AM
मानव जाति के लिए काल बन कर आए कोरोना वायरस ने बड़ी संख्या में मौतों के साथ-साथ सारी दुनिया को ठप्प करके रख दिया है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार जहां इससे लघु एवं मध्यम उद्योगों के अस्तित्व के लिए खतरा पैदा हो गया है वहीं इससे विश्व में बड़ी संख्या में...
मानव जाति के लिए काल बन कर आए कोरोना वायरस ने बड़ी संख्या में मौतों के साथ-साथ सारी दुनिया को ठप्प करके रख दिया है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार जहां इससे लघु एवं मध्यम उद्योगों के अस्तित्व के लिए खतरा पैदा हो गया है वहीं इससे विश्व में बड़ी संख्या में होने वाली मौतों के अलावा कम से कम 2.5 करोड़ लोग बेरोजगार हो जाएंगे।
इससे मृतकों की संख्या 9000 से अधिक तथा संक्रमित होने वालों की संख्या 3 लाख तक पहुंच चुकी है और मवेशी भी इससे प्रभावित हो रहे हैं। चीन के बाद सर्वाधिक प्रभावित इटली में सब कुछ बंद है। स्थिति की गंभीरता के चलते वहां 10,000 मैडीकल छात्रों को डाक्टर बना दिया गया है। जहां कोरोना से निपटने के लिए आस्ट्रेलिया में आपातकाल लागू कर दिया गया है वहीं यह अमरीका के सभी 50 राज्यों में फैल गया है जिसे ‘अदृश्य शत्रु’ बताते हुए राष्ट्रपति ट्रम्प ने इससे निपटने के लिए देश में युद्ध काल का कानून ‘डिफैंस प्रोटैक्शन एक्ट’ लागू कर दिया है।
इसके साथ ही अमरीकी जल सेवा ने न्यूयार्क में कोरोना पीड़ितों या संक्रमितों की सहायता के लिए अपने 2 तैरते अस्पतालों की सेवाएं देने का निर्णय किया है। अमरीका सरकार ने घरों में बंद रहने को विवश हुए लोगों की सहायता के लिए दिए जाने वाले 5 अरब डालर के आर्थिक पैकेज के अंतर्गत सीधे उनके घर चैक के रूप में सहायता राशि पहुंचाने का फैसला किया है। इंगलैंड सरकार ने अपने नागरिकों को 30 दिनों के लिए यात्रा टाल देने की सलाह दी है जबकि 100 से अधिक देशों में 14-14 दिन का ‘सैल्फ क्वारांटाइन’ लागू कर दिया गया है। संदिग्धों पर नजर रखने के लिए इसराईल ने उनके फोनों की ट्रैकिंग करने के आदेश दिए हैं। पाकिस्तान, ईरान, दक्षिण कोरिया, स्पेन, इसराईल आदि में भी तेजी से कोरोना के मामले बढ़े हैं।
अनेक देशों ने जेलों में यह महारोग फैलने की आशंका के दृष्टिगत या तो अपने यहां बंद कैदियों को अस्थायी रूप से रिहा करना शुरू कर दिया है या ऐसा करने बारे विचार कर रहे हैं। जहां यह संक्रमण भारतीय सेना में भी पहुंच गया है और युद्धाभ्यास तथा ट्रेनिंग स्थगित की गई है वहीं देश के 19 राज्यों में सभी तरह के आयोजनों पर रोक भी लगा दी गई है।
केंद्र सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत और पैंशन मंत्रालय ने बी और सी श्रेणी के 50 प्रतिशत कर्मचारियों को रोज कार्यालय आने व शेष 50 प्रतिशत कर्मियों को घर से काम करने, मंत्रालयों और विभागों को थर्मल स्कैनर लगाने, आगंतुकों के विजिटर पास जारी करना तत्काल प्रभाव से स्थगित करने, दफ्तरों में आने वाले सब कर्मियों के लिए हैंड सैनीटाइजर और साबुन आदि की उपलब्धता यकीनी बनाने आदि के निर्देश दिए हैं। महाराष्ट्र में भी दुकानों के खुलने के समय में बदलाव करके दुकानों को एक दिन खुला और एक दिन बंद रखने का निर्देश दिया गया है। मुम्बई के डिब्बा वालों ने भी अपनी सेवाएं 31 मार्च तक बंद कर दी हैं।
राजस्थान और छत्तीसगढ़ के अनेक जिलों में धारा-144 लगा दी गई है। उत्तराखंड में सचिवालय बंद कर दिया गया है। अनेक राज्यों में दूसरे राज्यों से बसों के आवागमन पर रोक लगा दी गई है। किसान मंडियां और शॉपिंग मॉल आदि बंद रखने के आदेश दिए गए हैं परंतु वहां दवाएं और राशन पहले की तरह बेचा जाएगा।
पंजाब में 20 मार्च आधी रात से सभी निजी व सरकारी बसों, आटोरिक्शा आदि के चलने पर रोक के अलावा समारोहों में 20 से अधिक लोगों के जमा होने पर रोक लगा दी गई है। होटलों से भोजन की केवल होम डिलीवरी ही की जा सकेगी। दिल्ली में भी इसी तरह के प्रतिबंध लगाने के अलावा फिलहाल वहां शराब पीकर वाहन चलाने की जांच को निलंबित कर दिया गया है अगर कोई बहुत ज्यादा नशे में धुत दिखेगा तभी जांच की जाएगी।
भारत सरकार ने 22 से 29 मार्च तक सभी अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्यिक यात्री उड़ानों के प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान एम्स ने देशभर में सिवाय एमरजैंसी व आइसोलेशन वार्डों के अपनी सभी ओ.पी.डी. बंद कर दी हैं वहीं देश में 5 लाख से अधिक रेस्तरां 31 मार्च तक बंद करने की एडवाइजरी जारी की गई है तथा सशस्त्र बलों की छुट्टियां रद्द करके गृह मंत्रालय ने इसके मुकाबले के लिए युद्ध स्तरीय तैयारी करने के आदेश दिए हैं।
भारत में अभी यह महारोग द्वितीय चरण में है और यह तृतीय तथा अधिक खतरनाक चरण में न आने पाए तथा सामुदायिक संक्रमण से बचने के लिए हम सबको बड़ी जागरूकता बरतनी होगी क्योंकि सरकार के दावों के बावजूद भारत के पास स्थिति से निपटने के लिए आधारभूत ढांचे, डाक्टरों, नर्सों और अन्य संसाधनों की कमी है और उपलब्ध स्टाफ इस समस्या से निपटने के लिए पूरी तरह प्रशिक्षित नहीं है। भारतीय चिकित्सक संक्रमितों के उपचार के लिए दिन-रात एक कर रहे हैं। अनेक अस्पतालों में तो ऐसे निष्ठावान चिकित्सक भी मौजूद हैं जो कई-कई दिनों से अपने घर भी नहीं गए जिससे यह आशा बंधती है कि सामूहिक प्रयासों से देश जल्दी ही इस संकट से मुक्ति पा लेगा।
इस बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 19 मार्च को राष्ट्र के नाम अपने संदेश में लोगों को इस समस्या से निपटने के लिए संकल्प और संयम बरतने की सलाह दी है और इस संकट की घड़ी में अपने कत्र्तव्यों तथा केन्द्र सरकार के निर्देशों का पूरी निष्ठा से पालन करने का आह्वान किया है। उन्होंने लोगों को 22 मार्च को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक खुद पर ‘जनता कफ्र्यू’ लगाने व घरों से बाहर न निकलने का भी आह्वान किया। उन्होंने व्यापारी वर्ग से घरों में बंद रहने को विवश लोगों की मजबूरी का फायदा न उठाने और अपने कर्मचारियों का वेतन न काटने की भी सलाह दी।
उन्होंने नागरिकों को भरोसा दिलाया कि आवश्यक वस्तुओं की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी और वे खाने-पीने या अन्य आवश्यक चीजों का संग्रह न करें व सामान्य की तरह रहें। निश्चय ही प्रधानमंत्री के उद्बोधन से लोगों में आत्मविश्वास का संचार होगा और वे उनके परामर्श के अनुसार बेहतर ढंग से कोरोना का मुकाबला कर सकेंगे।—विजय कुमार