Edited By Pardeep,Updated: 02 May, 2018 01:20 AM
कर्नाटक विधानसभा का चुनावी माहौल पूरी तरह गरमा चुका है और सत्तारूढ़ कांग्रेस, भाजपा तथा जद (एस) के बीच कड़ी टक्कर है। इन चुनावों में 2655 उम्मीदवार भाग्य आजमा रहे हैं। इनमें 1155 निर्दलीय तथा सिर्फ 219 महिलाएं हैं। भाजपा सभी 224 सीटों पर, कांग्रेस...
कर्नाटक विधानसभा का चुनावी माहौल पूरी तरह गरमा चुका है और सत्तारूढ़ कांग्रेस, भाजपा तथा जद (एस) के बीच कड़ी टक्कर है। इन चुनावों में 2655 उम्मीदवार भाग्य आजमा रहे हैं। इनमें 1155 निर्दलीय तथा सिर्फ 219 महिलाएं हैं। भाजपा सभी 224 सीटों पर, कांग्रेस 222 और जनता दल (एस) 201 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
कोलार जिले के ‘मुलबागर’ में सर्वाधिक 39 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं जबकि चित्रदुर्ग जिले के चल्लाकेरे में सबसे कम 4 उम्मीदवार हैं। कांग्रेस के प्रियकृष्ण 1020 करोड़ रुपए की सम्पत्ति के साथ सर्वाधिक अमीर उम्मीदवार हैं। उनके बाद कांग्रेस के ही एम.टी.बी. नागराज 1015 करोड़ रुपए की सम्पत्ति के मालिक हैं। राज्य में 30 से अधिक क्षेत्रों में एक जैसे नामों वाले अनेक उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं जिस कारण मतदाताओं को अपने पसंदीदा उम्मीदवार के लिए मतदान करते समय काफी दुविधापूर्ण स्थिति का सामना करना पड़ेगा।
भाजपा ने 40 स्टार प्रचारकों की सूची घोषित की है जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के अलावा 14 केंद्रीय मंत्री तथा प्रचार में ग्लैमर का पुट भरने के लिए फिल्म अभिनेत्रियों हेमा मालिनी, तारा अनुराधा वेणुगोपाल, जगेश और श्रुति को शामिल किया गया है। कांग्रेस ने अपने चुनाव अभियान में क्रिकेट सितारों नवजोत सिंह सिद्धू और मोहम्मद अजहरुद्दीन, फिल्म अभिनेत्रियों नगमा और खुशबू के अलावा रमैया दिव्या स्पंदना को शामिल किया है। जनता दल (एस) के स्टार प्रचारक गुजरे जमाने के हीरो शशि कुमार होंगे।
कर्नाटक में नेताओं को फूलों के हार पहनाने, गुलदस्ते भेंट करने और उन पर गुलाब की पंखुडिय़ां वारने के स्थान पर उनके लिए ‘वाशिंगटन एपल्स’ को गूंथ कर भारी-भरकम हार बनाए जा रहे हैं। इन्हें नेताओं के गले में डालने की बजाय क्रेन के साथ लटका कर नेता की फोटो खिंचवाई जाएगी। कर्नाटक के वर्तमान मुख्यमंत्री सिद्धारमैया जैसे हैवीवेट नेताओं के लिए 750 किलो तक के वजनी हार बनाए गए हैं। वंशवाद की राजनीति की शिकार केवल कांग्रेस ही नहीं है बल्कि भाजपा और जद (एस) नेताओं ने भी अपने पारिवारिक सदस्यों को बड़ी संख्या में टिकट दिलवाए हैं। कर्नाटक में पूर्व मंत्री जी. जनार्दन रैड्डी के परिवार से संबंधित 8 सदस्यों को भाजपा द्वारा विधानसभा चुनाव में टिकटें देने से भाजपा कार्यकत्र्ताओं में रोष की लहर दौड़ गई है।
अभी तक इन चुनावों में विभिन्न पार्टियों द्वारा मतदाताओं को लुभाने के लिए बांटी जाने वाली 115.9 करोड़ रुपए मूल्य की वस्तुएं जब्त की जा चुकी हैं। इनमें 41.5 करोड़ रुपए नकद, 22 करोड़ रुपए मूल्य की शराब, 6.6 करोड़ रुपए की ज्यूलरी तथा 20 करोड़ रुपए की अन्य वस्तुएं (रसोई का सामान, साडिय़ां, टैलीविजन सैट आदि) हैं। उम्मीदवारों के एजैंट उपहारों से लैस होकर घर-घर जाकर उपहार बांट रहे हैं और लोगों को उनके ईष्ट देवी या देवता की कसम दिलवाते हैं कि वे उसी उम्मीदवार को वोट देंगे जिसने उनके लिए उपहार भेजा है। चुनाव लड़ रहे एक उम्मीदवार ने तो अपने मतदाताओं को चुनाव जीतने के बाद तिरुपति बाला जी की तीर्थ यात्रा पर ले जाने का वादा भी किया है।
चुनाव प्रचार के लिए अधिकांश वाहन बुक होने के कारण आम लोगों को आने-जाने के लिए वाहन प्राप्त करने में काफी कठिनाई हो रही है। अभी मतदान हुआ भी नहीं है परंतु येद्दियुरप्पा अपनी विजय के प्रति इतने आश्वस्त हैं कि उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में अपने शपथ ग्रहण करने की तारीख 17 मई घोषित भी कर दी है। पहले उन्होंने 18 या 19 मई को शपथ लेने की बात कही थी परंतु बाद में यह कह कर इरादा बदल दिया कि यह दोनों तारीखें ‘शुभ’ नहीं हैं।
चुनावों में ‘आल इंडिया महिला इम्पावरमैंट पार्टी’ नामक एक पार्टी सभी 224 सीटों पर चुनाव लड़ रही है जिस पर लोगों का बहुत ध्यान नहीं गया। इसकी प्रधान शायक नोहरा नामक बुर्कापोश महिला हैं जो बैंगलूरू के होटल लीला पैलेस से अपना दफ्तर चलाती हैं। उनकी पार्टी का चुनाव चिन्ह हीरा है। अब यह तो परिणाम ही बताएगा कि हीरा कितनी चमक बिखेरता है। कुल मिलाकर कर्नाटक के चुनावों में कुछ इस तरह के रंग बिखरे हैं अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस चुनावी घमासान में कांग्रेस सत्ता बचा पाती है या भाजपा इसे सत्ताच्युत करने में सफल होकर दक्षिण भारत में अपनी विजयगाथा लिखने की शुरूआत करेगी।—विजय कुमार